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हनुमान्-चालीसा के पाठभेदों पर विस्तृत चर्चा।
१) “शंकर-सुवन केसरी-नंदन” अथवा “शंकर स्वयं केसरी-नंदन” अथवा “शंकर वरद केसरी-नंदन” अथवा “शंकर-शक्ति केसरी-नंदन”
२) “सबपर राम तपस्वी राजा” अथवा “सबपर राम राय सिरताजा”
३) “सदा रहो रघुपति के दासा” अथवा “सादर हो/तुम रघुपति के दासा”
४) “जो सत/शत बार पाठ कर जोई” अथवा “यह सत/शत बार पाठ कर जोई”