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थैलेसीमिया अनुवांशिक बीमारी है, जिसके बढ़ने का कारण जागरूकता की कमी है
एमएलबी कॉलेज में हुआ थैलेसीमिया सिकल सेल जागरूकता कार्यक्रम, पीड़ित बच्चों का हौसला अफजाई किया
ग्वालियर। थैलेसीमिया जेनेटिक बीमारी है, जिसके बढ़ने का कारण लोगों में जागरूकता की कमी है। इस बीमारी की रोकथाम के लिए शादी से पहले लड़के-लड़कियों को टेस्ट करवाना चाहिए। यह कहना है हेमेटो ऑन्कोलॉजिस्ट एवं बोन मैरो ट्रांसप्लांट विशेषज्ञ डॉ. अशोक राजौरिया का। वे शनिवार को एनसीसी ग्रुप मुख्यालय की ओर से एमएलबी कॉलेज के अटल बिहारी वाजपेयी सभागार में आयोजित थैलेसीमिया सिकल सेल जागरूकता कार्यक्रम को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. पुरुषोत्तम गौतम ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में जयारोग्य अस्पताल के प्रबंधक डॉ. अनिल मेवाफरोश, इमरजेंसी ब्लड बैंक की डायरेक्टर तृप्ति सीओ एवं डीएव्ही स्कूल के प्राचार्य गोपेंद्र श्रीवास्तव मंचासीन थे। स्वागत भाषण ट्रेनिंग ऑफिसर गजेंद्र जैन ने दिया।
डॉ. राजौरिया ने बताया कि थैलेसीमिया गंभीर अनुवांशिक खून रोग है। इससे पीड़ित व्यक्ति में लाल सेल बनाने की शक्ति कम या खत्म हो जाती है। इस रोग के प्रमुख लक्षणों में पीड़ित के वृद्धि और विकास में देरी, थकावट महसूस करना, चमड़ी का रंग पीला पड़ना आदि शामिल हैं। डॉ. मेवाफरोश ने कमलाराजा अस्पताल में थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों का इलाज किया जाता है। उन्होंने छात्र छात्राओं को पहला सुख निरोगी काया का मंत्र बताते हुए संपूर्ण आरोग्य का सुख प्राप्त करने के विभिन्न तरीके बताएं। इसके साथ ही तृप्ति सीओ ने शरीर में हीमोग्लोबिन व लौह-तत्व (आयरन) के महत्व पर विस्तृत चर्चा की। अंत में थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों का हौसला अफजाई करने के लिए उन्हें गिफ्ट्स दिए गए। तो वहीं अतिथियों को स्मृति चिन्ह देकर अभिनंदन किया। कार्यक्रम का संचालन कैप्टन समीर भार्गव ने किया।
कैडेट्स ने निकाली जागरूकता रैली, नुक्कड़ नाटक भी किया
8 एमपी बटालियन के कमान अधिकारी की देखरेख में आयोजित कार्यक्रम के उपरांत एनसीसी कैडेट्स ने एमएलबी कॉलेज से जागरूकता रैली निकाली। यह रैली कटोराताल, माधव डिस्पेंसरी, ललितपुर कॉलोनी, अचलेश्वर मंदिर होकर वापिस कॉलेज परिसर में समाप्त हुई, जहां नुक्कड़ नाटक भी किया।