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"मैं कुछ हूँ या मैं ही सब कुछ....अकसर धन, दौलत, शान और शौकत या किसी भी चीज में श्रेष्ठ होना हमे अहंकारी और अभिमानी बना देता है, अपने आपको best और दूसरों को छोटा मानने लग जाते हैं, जब चक्रवर्तियों का वैभव नहीं रहा तो हम किस बात का अभिमान करें? आइए बच्चों को इस video से सिखाए कि विनम्रता जीवन का आदर्श बने और अहंकार से दूर रहें।