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उत्तराखंड के चंपावत जिले के लोहाघाट में एक पहाड़ी मुस्लिमों का एक गाँव है खूना मलक, जो कि बारहमासी(All weather) रोड पर लोहाघाट से 8 किमी टनकपुर मार्ग पर मौजूद है। ये गाँव कुमाऊं के चंदवंशीय शासकों द्वारा बसाया गया था। जिन्हें जयपुर के राज परिवार से खास मंगवाया गया था, जिनका पेशा राजाओं की रानियों के लिए चूड़ियां बनाना था। ये मुस्लिम कारीगर यहां राजा की रानियों के लिए भी चूड़ी बनाते थे। अपने बुजुर्गों के चूड़ी बनाने के उपकरण आज भी इनके पास बड़ी हिफाजत से सम्हाल कर रखे गए हैं। हमारे इतिहास का एक हिस्सा सम्हालने में इन लोगों का योगदान भी सराहनीय है।
पिछले महीने इस गांव में रह रहे मुस्लिम परिवारों की सामाजिक,आर्थिक जिंदगी जानने की उत्सुकता हुई, लिहाज़ा गांव में जाकर जो लोग अभी यहां रह रहे हैं उनका हालचाल जाना।
दूर से देखने और इनकी ठेठ कुमइयां बोली से पहचान कर पाना भी मुश्किल हुआ कि ये लोग मुस्लिम समुदाय के हैं।
इन लोगों की भी कुछ पुरानी यादें ताज़ा हुईं, कुछ पुराने किस्से भी सुने। चंदवंशीय काल की पुरानी मस्जिद के अवशेष भी देखने को मिले। साथ ही साथ गांव में रह रहे हिन्दू परिवारों से भी गांव के बारे में जाना।
जो जो जानकारी और चीजें देखने को मिलीं, उन सबको एक वीडियो के माध्यम से आपके सामने लाने का एक प्रयास किया है।
वीडियो जल्द उपलब्ध होगी मेरे यूट्यूब चैनल
A FELLOW TRAVELLER पर।
तो इंतजार कीजिए इस वीडियो का और मेरे चैनल को भी SUBSCRIBE कर लीजिए जिससे वीडियो अपलोड होते ही आपको मिल सके।
🙏🙏💐💐 जय देवभूमि उत्तराखंड