वाणी समझने का तरीका । आचार्य अशोक जी

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SPJIN

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Ай бұрын

वाणी समझने का तरीका ।
आचार्य अशोक जी
स्थान- दाहोद जिला, उमरिया गांव (गुजरात)
ब्रह्मज्ञान को समझने के लिए ध्यान, योग और अध्ययन का सहारा लेना आवश्यक है। गहरे ध्यान में मन को शांत कर, आत्मा और परमात्मा के बीच के संबंध को अनुभव किया जा सकता है। योग और साधना से शरीर और मन की शुद्धि होती है, जिससे ब्रह्मज्ञान की प्राप्ति सरल हो जाती है। धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन और गुरुओं के उपदेश भी इस मार्ग में सहायक होते हैं।
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श्री प्राणनाथ ज्ञानपीठ के मुख्य उद्देश्य -
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अति महत्वपूर्ण नोट :-
यह पंचभौतिक शरीर हमेशा रहने वाला नहीं है।
प्रियतम परब्रह्म को पाने के लिये यह सुनहरा अवसर है।
अतः बिना समय गवाएं उस अक्षरातीत पाने के लिये प्रयास करना चाहिये।
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आत्मिक दृष्टि से परमधाम, युगल स्वरुप तथा अपनी परआत्म को देखना ही चितवनि (ध्यान) है। चितवनि के बिना आत्म जागृति संभव नहीं है। संसार की अब तक की प्रचलित सभी ध्यान पद्धतियाँ निराकार-बेहद से आगे नहीं जाती हैं। तारतम ज्ञान के प्रकाश में मात्र निजानन्द योग ही परमधाम ले जा सकता है।
प्रियतम अक्षरातीत की चितवनि में इतना आनन्द है कि उसके सामने संसार के सभी सुख मिलकर भी कहीं नहीं ठहरते। यही कारण है कि ध्यान का आनन्द पाने के लिये ही राजकुमार सिद्धार्थ, महावीर, भर्तृहरि आदि ने अपने राज-पाट को छोड़ दिया और वनों में ध्यानमग्न रहे।
बेहद मण्डल - इस प्राकृतिक जगत् से परे वह बेहद मण्डल है, जिसे योगमाया का ब्रह्माण्ड कहते हैं। चारों वेदों में इसे चतुष्पाद विभूति के रूप में वर्णित किया गया है। इस मण्डल में अक्षर ब्रह्म के चारों अन्तःकरण (मन, चित, बुद्धि तथा अहंकार) की लीला होती है, जिन्हें क्रमशः अव्याकृत, सबलिक, केवल और सत्स्वरूप कहते हैं।
परमधाम - बेहद मण्डल से परे वह स्वलीला अद्वैत परमधाम है, जिसके कण-कण में सच्चिदानन्द परब्रह्म की लीला होती है। यह अनादि है, अनन्त है और सच्चिदानन्दमय है। जिस प्रकार सागर अपनी लहरों से तथा चन्द्रमा अपनी किरणों लीला करता है, उसी प्रकार अक्षरातीत भी अपनी अभिन्न स्वरूपा अंगरूपा आत्माओं के साथ अद्वैत लीला करते हैं, जो अनादि है और इसमें कभी अलगाव नहीं होता है।
वेदों ने इसी परमधाम के सम्बन्ध में “त्रिपादुर्ध्व उदैत्पुरुष” अर्थात् परब्रह्म योगमाया से परे है, कहकर मौन धारण कर लिया। मुण्डकोपनिषद् ने भी 'दिव्य ब्रह्मपुर' शब्द का प्रयोग तो किया, किन्तु उसे बेहद मण्डल (केवल ब्रह्म) में मान लिया। कुरआन में मेयराज के वर्णन के द्वारा संकेत किये जाने पर भी मुस्लिम जगत अभी इसकी वास्तविकता से बहुत दूर है।
श्री प्राणनाथजी की अलौकिक तारतम वाणी में इस परमधाम की शोभा, लीला एवं आनन्द का विशद रूप में वर्णन किया गया है, जिसका सुख किसी सौभाग्यशाली को ही प्राप्त होता है।

Пікірлер: 59
@SanjaySharma-hj1zz
@SanjaySharma-hj1zz 28 күн бұрын
Prem pranamji❤♥️♥️♥️🌹🌹🪷🌹🌹🪷🙏🙏🙏👣👣🙏💐💐💐
@ManjuManju-gu2rg
@ManjuManju-gu2rg
आचार्य अशोक भईया जी को हमारा कोटि कोटि प्रेम प्रणाम जी 🙏🙏❤️🙏🙏🌹🙏
@indianswag6759
@indianswag6759
Parnaam ji
@seemasethi9289
@seemasethi9289
Prem pranaam ji🙏🙏
@gitatimsina5559
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असोक महात्मा जी को कोटि कोटि प्रेम प्रणाम जी🌹🙏🌹🙏🌹🙏🙏🌹
@BDRai-kw7de
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Prem Pranam ji
@poonamparnami4531
@poonamparnami4531
Prem pranam ji
@KamalsinghPateliya6
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Parnam ji 🎉
@patelrekha9878
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Prem pranamji
@RaniYadav-cn8fy
@RaniYadav-cn8fy
Pranam ji ❤❤❤❤❤❤
@KiranAsija-be1sn
@KiranAsija-be1sn
Prem parnam ji 🙏🙏🌹🌹❤️❤️Ashok saky ji 🙏🙏🌹🌹❤️❤️
@ramchandrasharma6871
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Pranamji
@user-vp4pt2pc4i
@user-vp4pt2pc4i
प्राणनाथ प्यारे कि जय स्वरूप साहेब कि जय।
@rajstichart7418
@rajstichart7418
Pranam ji baccha
@user-pu2md2er1d
@user-pu2md2er1d
Prem pranam ji 🙏🌸💖🌼💖
@sushmadevi8511
@sushmadevi8511
प्रेम प्रणाम जी🌹🌹
@anugupta6998
@anugupta6998
प्रेम प्रणाम जी 🙏❤️
@Abhishek-uj9ss
@Abhishek-uj9ss
Pranama ji 🙏🙏🙏
@pinkytyagi9174
@pinkytyagi9174
Pranam ji 🙏🙏
@RameshKumarThapa-jk5us
@RameshKumarThapa-jk5us
Pranamji hajur 🎉🎉🎉
Happy 4th of July 😂
00:12
Pink Shirt Girl
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When You Get Ran Over By A Car...
00:15
Jojo Sim
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Хотите поиграть в такую?😄
00:16
МЯТНАЯ ФАНТА
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Happy 4th of July 😂
00:12
Pink Shirt Girl
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