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वचन वह जो परमार्थी के लिए जरूरी हैं, क्या करना चाहिए और क्या नहीं।ऐसे वचन मिलना ही दुर्लभ है साध महात्मा के वचन सुनने से सारी देह पवित्र होती है और जिस घर में वचन सुने जाते हैं वह घर तीर्थों के समान होता है, पर यह बात भी अधिकारी जीवों की समझ में आ सकते हैं।।
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