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इस गांव का नाम ग्वील क्यों पड़ा? ग्राम ग्वील पट्टी मल्ला ढांगू पौड़ी गढ़वाल,कुकरेती जाति के ब्राह्मणों का गांव है,कुकरेती लोगों का मूल गांव जसपुर है, जसपुर में गांव था और ग्वील में खेती और गाय भैंस रहते थे,गाय भैंस का दूध दोहने को गढ़वाली में ग्वील कहते हैं,जसपुर से दूध निकालने के लिए ग्वील आते थे इसलिए यहां का ग्वील पड़ा।
कुकरेती जाति के ब्राह्मणों के 78 गांव और सभी लोग जसपुर से दूसरी जगह गए हैं,गुरुरामराय के ब्रह्मलीन महंत इंदिरेश चरण दास जी के पूर्वज भी जसपुर से खमाणा गए थे।
बरसूड़ी,खमाणा,दिउसी,मल,कठूड़ बड़ा,
1926 में इंटर कॉलेज सिलोगी की स्थापना करने वाले संत सदानंद कुकरेती ग्वील गांव के ही थे।
ग्वील में अभी लगभग 250 साल पुराना पैतृक घर आज भी विद्यमान है,जिसे क्वाठा भितर कहते हैं।