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गांव गांव एक ऐसा माध्यमहै जहां पर व्यक्ति अपने परिवार के साथ प्रेम शांति और स्वस्थ रहकर के जीवन बिता सकता है तो फिर आप ही बताइए ऐसा जीवन किस नहीं चाहिए लेकिन सभी के साथ एक समस्या होती है शहर में भी रहने का अपने अपने कारण हैलेकिन गांव उन सभी कर्म से ऊपर है शांति श्रद्धा प्रेम दया मदद गायक उत्कृष्ट उदाहरण है परंतु गांव में रहकर के ढेर सारा धन कमाए और शहर में रहकर के गांव जैसा शांति और स्वच्छता की जिंदगी व्यतीत करें यह दोनों अपरस पर विरोधाभासी है यह दोनों एक साथ कभी नहीं मिल सकता है परंतु इन दोनों के बीच में एक ऐसा माध्यम जरूर है जो इन दोनों से ऊपर है अपने जीवन को उसे लेवल पर रख करके हम अपने Sukh ko donon tarikon se Ji sakte hain और यह तरीका इस वीडियो में बताया गया है आखिर क्या बात है कि मंदिर में जाते हैं जाते ही मनुष्य भीड़ में रहकर के भी शांति फील करता है जैसे कि गांव में रहता है अपने आप को शांति और स्वस्थ जिंदगी को व्यतीत करता है इस तरह से जब हम मंदिर में जाते हैं तो इतने सारे भीड़ जैसे स्टेशन पर होता है तो अपने मन को सभी प्रकार के दुखों से मुक्त कर लेते हैं उसे मंदिर में तो फिर इस तरह का माहौल हम कहीं भी पा सकते हैं बस जरूरत है अपने मानसिकता को उसे लेवल तक पहुंचाना