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विंशोत्तरी महादशा गणना की आसान विधि
हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार व्यक्ति के मृत्यु के बाद उसका पुनर्जन्म भी होता है। इस प्रकार जो भी व्यक्ति जन्म लेता है, चंद्रमा के नक्षत्र के भ्रमण के आधार पर सूर्य से केतु तक किसी एक ग्रह की महादशा में उसका जन्म होता है।
जन्म नक्षत्र का जितना भाग बीत गया होता है उस भयात के आधार पर व्यक्ति महादशा के उतने समय को जन्म के पहले भोग लिया रहता है और नक्षत्र के बचे हुए अवधि के आधार पर वर्तमान जन्म के प्रारंभ में उतनी उसकी दशा बची रहती है।
भारतीय ज्योतिष में विंशोत्तरी महादशा, अष्टोत्तरी महादशा, पंचोत्तरी महादशा, त्रिभागी दशा आदि कई प्रकार की दशाएं होती हैं। परंतु सबसे अधिक प्रचलित विंशोत्तरी महादशा होती है जो 120 वर्ष की होती है।
काफी दर्शकों के मांग पर प्रस्तुत वीडियो में आपको विंशोत्तरी महादशा कैसे निकालें? इसकी बहुत ही सरल विधि बताई गई है और उसका पूरा कैलकुलेशन समझाया गया है।
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बहुत-बहुत धन्यवाद
डॉ आर के पाठक "मयंक"
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