ब्र्हामांड मे आदि मध्य और अंत पैदा ना पैद आकार साकार ओं कार जो एक क्रोच के पक्षी को घायल देख कर संसार को पार उतारने वाली श्री म्ध्बाल्मीक रामायण कि रचना कि वौ भी राम के जन्म के 80000 साल पहले श्री तुळसी दास कया ह वी तो ओरत के पिच्छे इतने पागाल थे चलती नदी मे एक मुर्दा पर बौठ नदी पार कि थी और ब्रहमा जी जी तो खुद अपनी ही बेटी से सादी कर खुद स्रापित ह यदी वौ इतने हि महान ह तो लोग ब्रहमा कि पुजा क्यो नही करते श्री बाल्मीक जी ही इस सर्स्टी के रच्यता ह वौ ही ब्रहमा विस्नू महेश और सक्ती को परगट करने वाले हं जिन्के पांच ठग और पचीश ठगनीया और होनी ना होनी बस मे जो इस दुनिया से परे हं जिंका ना ही आरंभ ह और ना ही अंत एसा कोन्सा देवी देवता ह जो श्रापित नही ह वौ ही ए इस सरसटी के भगवान ह कण कण मे विराज मान ह
@aadhichandeliya3522 күн бұрын
हराम खोर कि ओलाद ह वौ जो माहारिषी बाल्मीक जी को चोर लुटेरा कहते ह बताते जिनको अपने खानदान कि हिसटरी का पता नही किसकी ओलाद ह वौ श्री बाल्मीक जी के बारे मे क्या बताएगे श्री राम तो खुद बाल्मीक जी कि कलम के लिखने के बाद पैदा हुए ह नारदमुनी क्या किसी को ज्ञान देन्गे वौ तो कनही स्त्री बन ब्च्चा पैदा कर रहे हं कही बंदर बन कर सवय्म्बर रचा रहे हं वौ खुद बेगुरे थे
@narinderkumar47913 күн бұрын
बहुत बहुत आभार गुरु जी❤❤
@Pankajdashlaniya-f1f3 күн бұрын
Sir music se video bahut bura lag rha. Bahut disturb hua video me
@jaishreeradhekrishnajaishr86363 күн бұрын
Hare Krishna
@jaishreeradhekrishnajaishr86363 күн бұрын
Hare Krishna
@jaishreeradhekrishnajaishr86364 күн бұрын
Hare Krishna
@jaishreeradhekrishnajaishr86364 күн бұрын
Hare Krishna
@ravidevkumar69085 күн бұрын
atam tata ko janane ki bahut echha karta hai
@user-cq8ui6vi9i6 күн бұрын
Awaj nhi aa raha hai
@jaishreeradhekrishnajaishr86366 күн бұрын
Hare Krishna
@jaishreeradhekrishnajaishr86366 күн бұрын
Hare Krishna
@vijaykumarvijay64947 күн бұрын
प्रणाम गुरू गुरु जी आज मै फिर एक वर्ष बाद ये महाभारत को सुन रहा हूं
@balkishan1417 күн бұрын
प्रणाम गुरू जी आप पतंजलि योग कब सुनाएंगे?
@minaxiswaminarayan8007 күн бұрын
वेसे मनु महाराज अगर इतने अच्छे समाजविश्लेषक थे तो उन्होनें पुरूषो के अवगुण भी देखे होगे न??
@minaxiswaminarayan8007 күн бұрын
आजकल 90% लोग नारीवाद का सही मतलब समझे बिना नारीवाद का झंडा लेकर घूमते है। सामाजिक कुप्रथाओने तो स्त्रीओ का शोषण किया है पर सो कोल्ड लिबरलीज़म भी इसमें पीछे नहीं रहा है। सामाजिक कुरीतियाँ स्त्री को घर की संपत्ति बनाती है और लिबरलीज़म आकषॅक वस्तु।
@sheetalsaini62257 күн бұрын
Sunder abhivykti🙏
@jaishreeradhekrishnajaishr86367 күн бұрын
Hare Krishna
@jaishreeradhekrishnajaishr86367 күн бұрын
Hare Krishna
@PrinceKumar-zb6lk8 күн бұрын
मन कबमरता है बताने की कृपा करें मन जाट है जा चेतन है
@jaishreeradhekrishnajaishr86368 күн бұрын
Hare Krishna
@SandeepSharma-xm6hc9 күн бұрын
Sandar sir
@balkishan1419 күн бұрын
प्रणाम गुरू जी आपकी बात तो सही है। परंतु मैं तो आपका मुख देखकर ही सुनना पसंद करता हूं।
@jaishreeradhekrishnajaishr86369 күн бұрын
Hare Krishna
@jaishreeradhekrishnajaishr86369 күн бұрын
Hare Krishna
@jaishreeradhekrishnajaishr863610 күн бұрын
Hare Krishna
@jaishreeradhekrishnajaishr863610 күн бұрын
Hare Krishna
@jaishreeradhekrishnajaishr863611 күн бұрын
Hare Krishna
@jaishreeradhekrishnajaishr863611 күн бұрын
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@jaishreeradhekrishnajaishr863611 күн бұрын
Hare Krishna
@jaishreeradhekrishnajaishr863611 күн бұрын
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@sheelnathektaribhajanimandlkur12 күн бұрын
अर्जुन Arjun was the weakest but the best archer was Eklavya Jai Adivasi
@jaishreeradhekrishnajaishr863612 күн бұрын
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@jaishreeradhekrishnajaishr863612 күн бұрын
Hare Krishna
@marwarikapish13 күн бұрын
🪔 विषय पर प्रकाश डालने हेतु साधुवाद। 🌸
@Mahender-Acharya13 күн бұрын
अच्छाई और बुराई हमेशा हर युग में होती रही हैं। वर्णवादी व्यवस्था में आर्य संस्कृति के ब्राह्मणों ने अपने को सर्वोच्च स्थान पर रखा था। उन्होंने हमेशा ग्रंथों में अपने हिसाब से मिलावट की है और सच्चाई कभी लोगों तक सही रूप से नही पहुंचने दी। शंबूक वध के प्रसंग में भी सभी लोग इस भाई की तरह तोते की तरह रटी-रटाई बातों को बड़बड़ाते रहते हैं। जबकि हकीकत में द्रविड़ संस्कृति के पोषक शंबूक ऋषि भारत के मूलनिवासियों को शिक्षित और जागृत कर रहे थे जो उस समय के आर्य ब्राह्मणों को सहन नही हो पा रहा था। इसलिए उन्होंने अपने गुलाम और पोषक राजा राम के हाथों उसका वध करवा दिया। इस अपराध से अपने को और राम को निर्दोष सिद्ध करने के लिए उन्होंने ग्रंथों में बाकी फालतू की बकवास लिख डाली है। इसलिए रामायण सहित सभी ग्रंथों का अंधों की तरह नही अपितु तर्कपूर्ण विश्लेषण करना चाहिए।