its really hard for normal dancer i take a 2 hour to learn 25 sec dance😟😟😓
@ashokjadhav584119 күн бұрын
Old is gold 🥇.
@shivadittyamishra20 күн бұрын
Ektu beshi e fast chilo ... 😅
@Rethikasingh20 күн бұрын
Omg 😱
@roopalishinde151422 күн бұрын
No words ❤❤❤.... stunning and absolutely flawless 💯🙏🙏
@PujaPal-by7qp23 күн бұрын
Choreographer Dance To.Very Nice.
@hiyashroff923223 күн бұрын
Are u kathak dancer or bharatnatyam dancer
@JyotiSinha-uy4lo24 күн бұрын
I am 10 years old I am seeing this dance from many times and now I can dance best and thank you to send this video in the KZfaq ❤🙂
@krupekshabari29527 күн бұрын
This never gets old.... Loving this for 1978th time
@shreyashidey9590Ай бұрын
Wow!!! I love your performance, especially the expressions ❤
@sankarsingharoy5949Ай бұрын
Excellent performance tomar
@soniyarkdesaiАй бұрын
Movie name
@mie-m5326Ай бұрын
What is the song's name? Never mind it is in the description Unakkul naane.
@boss-td6hkАй бұрын
❤❤
@JsmnxteaАй бұрын
Great performance ❤❤❤
@RAJENDRATAK-le9keАй бұрын
कोई कंही भी जाए वसुधैव कुटुम्ब को छोड़कर भला कभी कोई क्या जा सका हैं क्या ? यह बात अलग हैं जो कि समय की अब मांग हैं । अब यह बदलाव भी सभी पार्टियों नेताओं की नेतागिरी सनातन धर्म को लेकर भी होने लगे हैं । जो कि स्पष्ट योजनाबद्ध चरणबद्ध तरीकें से ब्रह्मांड के चलायमान होकर कलियुग के अंत की और (काल)समय गतिमान हो चला हैं जिसके शुभ चरण 30 मार्च 2025 से सतयुग स्थापनार्थ पड़ने जा रहे हैं। जिसको ध्यान में रखकर सनातन धर्मावलम्बियों नें इतनी बड़ी तैयारी अपने मन,हृदय,आत्मा से आरम्भ कर देनी चाहिए। पुण्यआत्माओं ने कई जन्म लेकर यात्रा पथ पर यात्रा की हैं। युग-परिवर्तन के संधिकाल से सतयुग के प्रथम पड़ाव की और पंहुचने का लक्ष्य समीप हैं। बदलाव न्याय के लिए होना आवश्यक हैं। इतना आसान नहीं हैं नेताओं की कुर्सी छीन लेना तो फिर कलियुग भी समाप्त नहीं हो सकता लेकिन अंसभव भी नहीं यह भी संभव होगा और कलियुग भी समाप्त होगा जो मानव जाति को विनाश के पथ पर ले जा चुका हैं। युग चक्र परिवर्तन एक सैद्धांतिक नियमबद्ध प्रक्रिया हैं जो कि पूर्ण होती ही हैं🪔🕉🌞🌏🌝🪐🌈🐚✌️🔱🏹⚔️⚖️🐓🦜🦚🦅🦉🕊🦢🐳🐍🐢🐗🐯🦁🫎🐏🐘🦄🐕🐰🐁🐱🐒🦍👣🚩📿🔔🪷🌺🌷⚘️🌹🏵💮🌸🌼🏵🌻💐🦋🙏🫂🪔कथा ऐसी हैं जिसमें प्रवचन ही नहीं ज्ञान भी हैं । आयोजन प्रारम्भ की तिथी बतला दी गई कि 30 मार्च 2025 से सतयुग आरम्भ हैं जो कि पूर्ण सत्य जीवन ही हैं जिसमें कलियुग से सतयुग में धरती के सभी निवासी प्रवेश करेंगें। सतयुग भी यहीं कहता हैं कि जो सत्य के मार्ग पर आना चाहते हैं। सतयुग में जीना चाहते हैं उन्हें असत्य को पुर्णतः त्यागना होगा अन्यथा वो कथा में आ तो जाएंगे लेकिन आसुरी भाव का त्याग ना होने पर उन्हें असुरों की श्रेणी में रहना होगा और उनकी समस्त आसुरी विद्या का उपयोग करके भी वो कभी कुछ कर नहीं पांएगे। 33 करोड़ देवी-देवताओं,संतों,ऋषिगणों,भक्तों को ही सतयुग की कथा का आंनद प्राप्त होगा और वो सतयुगी जीवन परमशांति को प्राप्त होकर स्वर्गीय जीवन का आंनद प्राप्त ही नहीं करेंगें अपितु वैदिक ऋषि परम्परा से सतयुग के रथ को सम्पूर्ण सृष्टि में अपने वसुधैव कुटुम्ब को एक करने के निमित्त खींचेंगें जो कि स्थूल अवस्था का ना होकर पूर्ण प्राकृतिक मनोवृति के हवन-पूजन यज्ञ से संचालित रहेगा। जिसके संचालन में तपस्या गुरु-शिष्य परम्परा कलियुग की भांति नहीं संचालित की जाएगी। जैसे-जैसे समय व्यतीत होता जाएगा सतयुग के विधी-विधान,संविधान के अनुसार सभी के कार्य, आचरण,व्यवहार परिवर्तित होकर उसी के अनुसार ढल जाएंगे जैसी कि सतयुग की परिकल्पना सृष्टियज्ञ में कई जानी चाहिए इसके अलावा भी पूर्व के आकाशीय रिकार्ड जिसको कि धरती पर कुछ ही योगी छु पाते हैं जिन्हें उसको छुने का अधिकार उनकी जन्मों जन्मों की तपस्या ने दिया हैं। सतयुग के सप्तऋषियों से भेंट आसान नहीं फिर भी उनके दर्शन योगियों को होंगे जो उन्हें अपनी योगिक दृष्टि से जान-पहचान लेंगें वो उन्हें अपना परिचय भी अवश्य देंगें। आप सभी जो मानते हैं कि सनातन वैदिक धर्म में जो कुछ हैं सत्य के लिए ही हैं तो सत्य अवश्य हैं युग-परिवर्तन कोई मामुली बात नहीं और ना हि खेल यह एक प्रक्रिया हैं जो चरणबद्ध तरीकें से आगे बढ़ती चली जाएगी। वर्तमान के राजनेता अगर सोच कर बैठे हैं कि वो अपनी नेतागिरी को सतयुग में लेकर राजकाज लें जाएंगे और वो सतयुग के आरम्भ के राजा कहलायेंगे तो वो मिथ्या सोच के साथ जीवन जी रहें हैं क्योंकि पूर्व में ही सबको समझा दिया गया हैं नेतृत्व और व्यवस्था पूर्णतः सतयुग के अनुसार ही लागु की जाएगी। अभी भी कई लोगों को कथा पंसद नहीं आई हैं वो विरोध में हैं समय रहते कथा का भाव उनके समझ में आ गया तो ठीक हैं अन्यथा कथा में उनका स्वागत और स्थान क्या होगा वो सब अब अच्छे से समझ सकते हैं । उनकी कथा को अब उनके द्वारा उस स्थान पर ले आना आवश्यक हैं जंहा उनका भी ठिकाना सुनिश्चित हों। सब लोगों ने यहीं समझ लेना हो गुरुकुल में सवेरें की पहली सूर्य किरण नें दस्तक दी हैं और विद्यार्थियों का प्रवेश आरम्भ हो गया हो जैसे।साधारण व सरल भाषा का प्रयोग आवश्यक हैं ताकि सभी को समझाने में आसानी रहें।🪔🕉🌞🌏🌝🪐🌈🐚✌️🔱🏹⚔️⚖️🐓🦜🦚🦅🦉🕊🦢🐳🐍🐢🐗🐯🦁🫎🐏🐘🦄🐕🐰🐁🐱🐒🦍👣🚩📿🔔🪷🌺🌷⚘️🌹🏵💮🌸🌼🏵🌻💐🦋🙏🫂🪔
@anuprerona..498Ай бұрын
How beautiful ❤️
@user-wn8dp8px2wАй бұрын
Awesome
@user-xg9hd9pn2oАй бұрын
👌👌👌👌👌🙏
@pinklitiousАй бұрын
This is my favourite performance ❤ trying to recreate, but it will be helpful if you add choreography steps
@shobhabhandari445Ай бұрын
So beautiful
@suchitraroy1758Ай бұрын
Beautiful 😍
@kripamoniroy2315Ай бұрын
uffff
@SRTheUniqueАй бұрын
Abe kya dance hai bhaaaaattr
@SRTheUniqueАй бұрын
Bhatt
@aryanranaraghav4936Ай бұрын
Omg amazing ❤❤❤❤
@BabyVc-nc2foАй бұрын
Pranavalaya dancer allee??
@Dancewithm5Ай бұрын
Her thambnail look like Chandramukhi 😍🤩🥰
@anwarabdullah6565Ай бұрын
Sadhwi Majumder is a big artist, we all are proud to have such a good and big artist.
@poojabrahmiАй бұрын
Creativity at its best❤ Dance to satisfy your soul not the audience. Keep flowing like a breath of fresh air ❤