गुरुजी, आज मैंने सूर्यसिद्धांत विधि का उपयोग करके चंद्रमा की स्पष्ट क्रांति की गणना की है। आज चंद्रमा का स्पष्ट क्रांति 24 डिग्री 18 मिनट दक्षिण में है. यानी आज चंद्रमा आसमान में काफी दक्षिण की ओर से गुजरेगा क्योंकि हमारा अक्षांश यानि हमारे क्षेत्र का अक्षांश 23 डिग्री 1 मिनट उत्तर है। और चंद्रमा अधिक समय तक आकाश में नहीं रहेगा। चंद्रमा मध्यम चंद्रोदय समय से देर से उदय होगा और मध्यम चंद्रास्त समय से पहले अस्त होगा।
@shayamlalsolanki411912 сағат бұрын
गुरुदेव के चरणों में सादर प्रणाम
@pradeeppathak801312 сағат бұрын
हर हर महादेव
@vijaygarva678814 сағат бұрын
हर हर महादेव। आप श्री आचार्य जी के चरणों नमन श्री भागीरथ जोशी जी।
@mkd317814 сағат бұрын
गुरुदेव दत्त 🙏🏻💐🙏🏻
@user-gl1xj6hm8n17 сағат бұрын
श्रावण महीने के बारे में वर्षा के बारे में बताइए और वीडियो बनाया है
@bhagirathjoshi13 сағат бұрын
Video पूरा देखिए
@ganeshraval8739Күн бұрын
गुरु ब्रह्मा गुरु विष्णु गुरु देवो महेश्वरा गुरु साक्षात पर ब्रह्मा तस्मे श्री गुरुवे नमः🌹🌷👏👏 गुरु पूर्णिमा महोत्सव पर कोटि कोटि नमन
@sanjudeviyadav4516Күн бұрын
Guru ji prnaam mere beby ka janam 9 julai 20024 ko morning me 9.33 pr huaa hai koun sa caran hai 🙏
@virendrayadav7282Күн бұрын
गुरु जी पंचांग में विवाह तिथियों में पूर्वदोष के निर्धारण के संबंध में जानकारी देने की कृपा करें। कोटि-कोटि नमन
@RankandhiJena-iq2sgКүн бұрын
Execuse me Sir. The process which you have calculated is not correct. Din man se 30 ghata to 1: 29:0 bacha.isko 20se divide kiya to bhagfal 4 mila.bhag ses ko chhod diya. Bhag phal 4 ka Sin liya . Sin 4 ko tan latitude se bhag kiya to tan kranti aya. Tan kranti se Kranti aya. Yeh Kranti is wrong. Aap parikshya kijia. Kranti nikal neka sahi sutra hei Sin * Sayan surya × Sin* parama kranti= Sin* Kranti.
@bhagirathjoshiКүн бұрын
हां
@RankandhiJena-iq2sgКүн бұрын
@@bhagirathjoshi Jaya Jagannath.
@satyanarayanvyas48862 күн бұрын
Bahut badhiya.bahut sundar jaankari ke liye dhanyawad.apse mera nivedan hai ki aap ki muhurt nikalne ki vidhi par bahut achha command hai isliye aap muhurt nikalne ki vidhi,kisi muhurt me kya dekhna hai or kya nahi dekhana hai matlab muhurt ke uper adhik se adhik video banane ki kripa kare.muhurt ke video ki series shuru karne ki kripa kare.
@virendrayadav72822 күн бұрын
गुरु जी प्रणाम
@MotiLal-fi5vr2 күн бұрын
बहुत बहुत धन्यवाद आपका गुरूजी ।
@sunilpande70732 күн бұрын
बहुत ही सुन्दर बताया है गुरु जी प्रणाम
@SangeetaPatidar-q7q2 күн бұрын
2025 mein pyaj ke rate kaise rahenge uske bare mein ek video banaaiye
@mahenderpunia66392 күн бұрын
बहुत ही अच्छा बताया है
@user-xe9zc4mw8j2 күн бұрын
Aapne bolatha mandi nahi aayegi par har roj soyabean me mandi aarhi pandit ji
@bhagirathjoshi2 күн бұрын
मंदी तो नही आनी चाहिए
@user-xe9zc4mw8j2 күн бұрын
Soyabean me teji nahi aai pandit ji
@bhagirathjoshi2 күн бұрын
अब आगे संभव नहीं है।
@kamleshdhangar38963 күн бұрын
Guru ji sadar pranam
@jyotishaacharya3 күн бұрын
अहमपि भवता सह सहमतोस्मि। अहं कृतज्ञः स्याम् यदि कश्चित् शास्त्रप्रमाणं भवति यस्मिन् चतुर्स्तम्भानां आर्षमनस्य च उल्लेखो भवति।
@kutumb4283 күн бұрын
सत्य
@sarpanandpandey95254 күн бұрын
गुरु जी प्रणाम! गृह प्रबेश हो गया है श्रावन भाद्र मास मे वास्तु सान्ति पुजा गृह का प्रतिष्ठा कर सकते है या नही
@bhagirathjoshi3 күн бұрын
कर सकते है
@jyotirlok4 күн бұрын
अद्भुत, साधुवाद वेधित पंचांग का मैं भी समर्थन करता हूं तथापि वेधित का तात्पर्य सायन आधार से नहीं अपितु गणितागत विधि से प्राप्त ग्रह स्थिति न होकर वेधसिद्ध ग्रहस्थिति (निरयण) हो।
@bhagirathjoshi3 күн бұрын
जी
@derringergaming94544 күн бұрын
पंडित जी कुछ वीडियो में आपकी ऑडियो क्वालिटी अच्छी होती है लेकिन कुछ में नहीं
@bhagirathjoshi4 күн бұрын
माइक लगाना भूल गया था
@derringergaming94544 күн бұрын
बहुत अच्छा❤
@amodastrologic26804 күн бұрын
Raj dhani panchag ne 17 julai kark sankranti mai vivah muhurt laga diya kaise
@bhagirathjoshi4 күн бұрын
वह विशेष संभागीय होगा। अगर शुद्ध विवाह मुहूर्त में लगाया तो प्रिंट मिस्टेक हो सकती है संबंधित पंचांग कर्ता को अवगत करवा दीजिए
@parbasudhar23104 күн бұрын
स्पष्ट है कि इन आदरणीय महानुभाव को सिद्धान्त ज्योतिष का ज्ञान नहीं है? इनको वसन्त और शरद् ऋतु के निर्धारण को ठीक से समझने के लिए, इन श्लोकों पर दृष्टिपात करना होगा। *शरद्वसन्तयोर्मध्ये तद्भानु: प्रति पद्यते।* *मेषादौ च तुलादौ मैत्रेय विषुवत्स्थित:।।* अर्थ -शरद् और वसन्त -ऋतु के मध्य में सूर्य, ठीक विषुव पर आते हैं; अतः हे मैत्रेय! मेष अथवा तुला राशि के आरम्भ में तिमरापहारी सूर्यदेव विषुवत् पर स्थित होकर दिन और रात्रि को समान परिमाण का कर देते हैं। इनको बताना होगा कि क्या आज की वैसाखी 13 या 14 अप्रैल के दिन सूर्य विषुव पर होता है? और क्या इस दिन सूर्य की शून्य अंश की क्रान्ति सम्भव है? यदि नहीं तो, ऐसे में, इस दिन को वैशाख सङ्क्रान्ति कैसे कहेंगे? *शरद्वसन्तयोर्मध्ये विषुवं तु विभाव्यते।* *तुलामेष गते भानौ समरात्रि दिनं तु तत्।।* अर्थ -शरद् और वसन्त - ऋतु के मध्य में सूर्य के तुला अथवा मेष राशि में जाने पर *'विषुव'* होता है। उस समय दिन और रात्रि समान होते हैं। क्या आज के भ्रामक पञ्चाङ्ग, वसन्त या शरद् ऋतु का निर्धारण सैद्धान्तिक सम्पात गणना के अनुसार कर रहे हैं? और अब सुनिए लाख टके की बात और वह यह कि जब सङ्क्रान्ति का निर्धारण ही नहीं हो पाएगा तो सौर महीने का निर्धारण कैसे होगा? और जब सौर महीने का निर्धारण ही नहीं हो पाएगा तो, चान्द्र महीने का सिद्धान्त सम्मत निर्धारण सम्भव है क्या? यह व्यक्ति इन बातों का उत्तर दे दें तो फिर इनको और भी ऋतुओं के बारे में जानकारी दी जाएगी? *आचार्य दार्शनेय लोकेश*
@parbasudhar23104 күн бұрын
स्पष्ट है कि इन आदरणीय महानुभाव को सिद्धान्त ज्योतिष का ज्ञान नहीं है? इनको वसन्त और शरद् ऋतु के निर्धारण को ठीक से समझने के लिए, इन श्लोकों पर दृष्टिपात करना होगा। *शरद्वसन्तयोर्मध्ये तद्भानु: प्रति पद्यते।* *मेषादौ च तुलादौ मैत्रेय विषुवत्स्थित:।।* अर्थ -शरद् और वसन्त -ऋतु के मध्य में सूर्य, ठीक विषुव पर आते हैं; अतः हे मैत्रेय! मेष अथवा तुला राशि के आरम्भ में तिमरापहारी सूर्यदेव विषुवत् पर स्थित होकर दिन और रात्रि को समान परिमाण का कर देते हैं। इनको बताना होगा कि क्या आज की वैसाखी 13 या 14 अप्रैल के दिन सूर्य विषुव पर होता है? और क्या इस दिन सूर्य की शून्य अंश की क्रान्ति सम्भव है? यदि नहीं तो, ऐसे में, इस दिन को वैशाख सङ्क्रान्ति कैसे कहेंगे? *शरद्वसन्तयोर्मध्ये विषुवं तु विभाव्यते।* *तुलामेष गते भानौ समरात्रि दिनं तु तत्।।* अर्थ -शरद् और वसन्त - ऋतु के मध्य में सूर्य के तुला अथवा मेष राशि में जाने पर *'विषुव'* होता है। उस समय दिन और रात्रि समान होते हैं। क्या आज के भ्रामक पञ्चाङ्ग, वसन्त या शरद् ऋतु का निर्धारण सैद्धान्तिक सम्पात गणना के अनुसार कर रहे हैं? और अब सुनिए लाख टके की बात और वह यह कि जब सङ्क्रान्ति का निर्धारण ही नहीं हो पाएगा तो सौर महीने का निर्धारण कैसे होगा? और जब सौर महीने का निर्धारण ही नहीं हो पाएगा तो, चान्द्र महीने का सिद्धान्त सम्मत निर्धारण सम्भव है क्या? यह व्यक्ति इन बातों का उत्तर दे दें तो फिर इनको और भी ऋतुओं के बारे में जानकारी दी जाएगी? विश्वास रखें, इनकी एक-एक बात का उत्तर इनको स्वयं को भारी पड़ने वाला है। *आचार्य दार्शनेय लोकेश*
@parbasudhar23104 күн бұрын
आदरणीय .......................... जी कृपया यह बताइए कि 1. आषाढ़ को आषाढ़ कहने पर वहाँ ग्रीष्म ऋतु होता है? अथवा वर्षा आरम्भ होकर आकाश से पानी पडता है? 2. क्या अभी वर्ष के चार स्तंभ दक्षिणायन, शारद विषुव, उत्तरायण तथा वासन्त विषुव क्रमशः कर्कट, तुला, मकर तथा मेष संक्रान्ति हैं? 3. वर्ष के चार आर्षमान कर्कट, तुला, मकर, मेष संक्रान्ति से बन जाएंगे? 4. माघ-शुक्ल-पञ्चमी को वसंत पंचमी क्यों मानते हो? क्या उस दिन वसंत ऋतु आ जाएगी? अथवा चैत्रशुक्लप्रदिपदा में आएगी? क्यों ये पञ्चाङ्ग दो प्रकार की बातें कर रहे हैं? 5. वैशाख नाम बनाने के लिए विशाखा नक्षत्र को लेंगे तो वैशाख में ग्रीष्म ऋतु होता है वैशाख में वसन्त कहाँ से लाएंगे? 6. ऐसे ही प्रत्येक माह की पूर्णिमा को पड़ने वाले नक्षत्र को नक्षत्र के नाम परिवर्तन करके लाने की विधि १२७ वर्ष पूर्व शङ्कर बालकृष्ण दीक्षित जी से लिखे गए पुस्तक "भारतीय ज्योतिष" में है। उसको न पढ कर बातें करना ठीक है? 7. श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का निर्णायक रोहिणी नक्षत्र है? अथवा वर्षा ऋतु है? शरद् ऋतु में रोहिणी खोजने का क्या लाभ? 8. गंगादशहरे का निर्णायक नक्षत्र नहीं है ग्रीष्म ऋतु है, नक्षत्र ही लाना है तो पूर्व नक्षत्र का नाम परिवर्तन करके लाएंगे। 9. दशहरे का निर्णायक भी नक्षत्र नहीं है शरद् ऋतु है, नक्षत्र ही लाना है तो पूर्व नक्षत्र का नाम परिवर्तन करके लाएंगे। 10. श्रावणी करने के लिए श्रवण पूर्णिमा के दिन श्रवण नक्षत्र नहीं वर्षा ऋतु का प्रारम्भ का काल हाेना चाहिए है, नक्षत्र ही लाना है तो पूर्व नक्षत्र का नाम परिवर्तन करके लाएंगे। 11. इन सब बातों से लिए फलितज्योतिष के ग्रन्थ संहिता ग्रंथ और जातक फलित से पर्वों का क्या सम्बन्ध? शास्त्र में जिस ऋतु में जो पर्व मानने का निर्देश है उसको अनदेखा करने का एवम् नक्षत्र-नक्षत्र कहकर ऋतु बिगाडने वाले पंचांग का समर्थन करके व्रतपर्वों के सभी ऋतु बिगाडने का तथा व्रत पर्वों का कचरा करने का बीड़ा उठाया है?
@bhagirathjoshi4 күн бұрын
सभी विद्वान इनके कमेंट देखकर आनंद लीजिए
@parbasudhar23104 күн бұрын
केवल अाप नक्षत्र पकड के बैठे हे ऋतु का मतलब नहि हे दोनो चाहिए
@bhagirathjoshi4 күн бұрын
ऋतु के लिए सायन सूर्य है
@sauravsinghal80715 күн бұрын
Guruji aap sai contact kase ho sakta hai
@user-dr8ms3ro2q5 күн бұрын
खड़े खड़े क्यों कष्ट कर रहे बैठ जाते कृपया
@bhagirathjoshi5 күн бұрын
खड़े खड़े में कुछ लेना हों तो ले सकते है।
@JainarayanKaswan-wt5mt5 күн бұрын
प्रणाम गुरुजी आज पहली बार आपका चैनल देखा बहुत लाभ मिला है मुहुर्त का सही तरीका बताने के लिए धन्यवाद।
@jyotirlok6 күн бұрын
जय श्री राधे कृष्ण 🚩 ये दो ही कारण से ऐसा कर सकते हैं और आपने दोनों का उल्लेख किया है। इस विषय में यदि संवाद से समाधान न निकले तो कानूनी प्रक्रिया भी अपनाने की आवश्यकता हो सकती है। आपने बहुत ही गंभीरता से दुष्परिणाम ही नहीं अपितु संसोधन की असिद्धि भी किया है। धन्यवाद
@pbneemuch52796 күн бұрын
धर्म ग्रंथों के साथ छेड़ छाड़ करके ये लोग अपना नाम ऊंचा करना चा रहे हे जो की सरासर गलत है, आदि काल से जो परंपरा चली आरही है वो हमारे ऋषिमुन्यो ने सब सोच समझ कर और रिसर्च करके बनाया गया है। 🚩🙏
@user-vi1kr5rv2k6 күн бұрын
गुरूजी पंचांग निर्माण कब से शुरू कर रहे हो 🙏🙏
@bhagirathjoshi6 күн бұрын
अक्टूबर
@rajeev6363636 күн бұрын
हर हर महादेव 🙏🙏
@mukeshrajput46576 күн бұрын
सोयाबीन के बारे में बताएं गुरु देव 🎉🎉🎉
@jayendrapandyaa6 күн бұрын
22 जुलाई 2024 तारीखको आपका श्रावणमास शरु होगा जबकी हमारे गुजरात महाराष्ट्र मे अषाठ कृष्णपक्ष की प्रतीपदा होगी यहा 15 दीनोका फेरफार वर्षोसे चल ही रहा है। इसके कारन वदकी एकादशीकी व्रतकथा जब हम पढते है तब एकादशी कोइ और होती है तीथी कुछ और होती है पहले पूरे भारतमे एक ही पंचांग लागु करे बादमे सायन या निरयनका जघडा भी सुलजा लेगे
@bhagirathjoshi6 күн бұрын
इसमें कोई दिक्कत नहीं है क्योंकित्यौहार तो सभी एक ही दिन माना रहे है
@parbasudhar23104 күн бұрын
महोदय जी ज्योतिर्विद् भागीरथी जोशी जी केवल नक्षत्र पुरूष को पकड के चल रहे हे वर ज्योतिर्विद् दर्शनिय लोकेश सायन प्रकृति को पकड के चल रहे हे दोनो को समन्वयात्मक करना अवस्यक हे
@user-vv1ii3cu2w6 күн бұрын
जय जय बहुत सुंदर
@satyanarayanvyas48866 күн бұрын
Sahi kaha aapne.sayan karne par Panchang ke pancho ang tithi,vaar , nakshtra,yog,Karan,ka kya hoga.inse banane vale vibhinna combination ka kya hoga
@onkarnathkoshta48126 күн бұрын
पाखण्डस्य खण्डनं आवश्यकमस्ति साधुवादः नमोनमः च
@bhagirathjoshi6 күн бұрын
नमोनमः जी
@AshokSharma-bx8zm6 күн бұрын
बहुत सुंदर सर👍
@anjanikumarchodhary19156 күн бұрын
🙏🙏🌹🌹
@anjanikumarchodhary19156 күн бұрын
🙏🙏🌹🌹
@vishwamitramapara70006 күн бұрын
Guruji Kya issue panchang mein sabhi Dass dosh vivah ke hai. Pl address bheje taking Bhavdmata purchase kar sake. Kya ye panchang Jodhpur Rajasthan mei available hai yah nahi. Pl confirm
@bhagirathjoshi6 күн бұрын
नवंबर में मिलेगा जी
@vijaygarva67886 күн бұрын
हर हर महादेव। प्रणाम आचार्य जी मेरी एक बिनती है की आप वाहन खरीदने के मुहूर्त कैसे निकलते है उसका वीडियो बनाए, अथवा भादवा माता पंचाग में वाहन खरीद ने के मुहूर्त दे दे तो भी अच्छा होगा। जी धन्यवाद।
@rajeev6363636 күн бұрын
गुरु जी उस दिन वो सिर्फ एक ही रट लगाए हुआ था उसे कुछ भी ज्ञान नही है