24 August 2024
5:42
12 сағат бұрын
15 August 2024
2:09
14 күн бұрын
10 August 2024
1:16
14 күн бұрын
Пікірлер
@AshokAshok-il2vc
@AshokAshok-il2vc 5 күн бұрын
ઓર કિતના ફેકોગે
@ashokmanthan
@ashokmanthan 7 күн бұрын
नहीं चलेगा काम बस इससे , इसमें भी भटकाव है नए सिरे से सोचना होगा, तभी मिलेगी राह है। सब कुछ लुट जाएगा फिर भी, नहीं जगेंगे लोग यहां, हिन्दू मुस्लिम अगड़ा पिछड़ा, करते रहेंगे लोग यहां।
@himmatseth6170
@himmatseth6170 6 күн бұрын
डाक्टर कमल उसरी ने तो हिन्दू मुसलमान का नाम ही नहीं लिया आप क्यों विभाजित करने में लगे हैं।
@ashokmanthan
@ashokmanthan 6 күн бұрын
आप समझना ही नहीं चाहते हैं इसीलिए यह हालत है। जन ताकत ही विभाजित होगी तो वही होगा जो हो रहा है निजी करण भी होगा और तानाशाही भी। आप भी कैद रहें अपनी सोच में । ऐसी हालत में इस व्यवस्था को सही करना संभव ही नहीं होगा। जिनको सही व्यवस्था चाहिए उन्हें सोचना ही होगा।
@nayaabqureshi386
@nayaabqureshi386 9 күн бұрын
Bahut acche God bless him
@user-jg6te9zr8h
@user-jg6te9zr8h 15 күн бұрын
तर्कसंगत विश्लेषणं बधाई हो।
@himmatseth6170
@himmatseth6170 11 күн бұрын
आभार
@naveenct100
@naveenct100 21 күн бұрын
भाई हिम्मत सेठजी , मै आपसे बहुत सम्मान एवं विनयपूर्वक यह कहना चाहता हूं कि इस तरह के वीडियो संभाषण से बेहतर है कि इन विषयों पर न ही बेला जाए । आप इतने वरिष्ठ और ज़िम्मेदार व्यक्ति होने के बावजूद इस तरह के नीरस और उबाऊ वीडियों अपलोड करके लोगो में किसी देशभक्ति की भावना का संचार करने की जगह उन्हे और उदासीन कर देंगे । आपके संभाषण का अजीबोगरीब तरीका है जिसमें कुछ तो आप ढूढ़ कर पढ़ कर बोलते हैं और कुछ स्वस्फूर्त । आपके आंकडे भी अजीब होते हैं - पहले आपने कहा कि आंदोलन में ५० हजार लोग मारे गये , न जाने ये संख्या कहां से आई , फिर आपने कहा कि पचास लाख मारे गये ! जाहिर है कि ये स्लिप ऑफ टंग ही था लेकिन ५० हजार भी कोई आधिकारिक संख्या नहीं है । यह सब बातें इस महत्वपूर्ण विषय को हवा में उड़ा देती हैं । कृपया वीडियो का समय एक चौथाई कर दें क्योंकि आपके वक्तव्य में कथ्य इतनी ही देर का होता है बाकी समय तो अंतराल , पॉज़ , पढनें और धीरे धीरे बोलने में खप जाता है । समय कम करने से आपका भाषण क्रिस्प और रोचक रहेगा और श्रोता को बांधे रखेगा । क्षमा सहित
@himmatseth6170
@himmatseth6170 21 күн бұрын
आपके सुझावों के लिए बहुत बहुत आभार। आपके सुझावों को अपनाने की अवश्य कोशिश करुगां। आपने वीडियो पूरा देखा उसके लिए पुन: आभार।
@sohanregar9568
@sohanregar9568 23 күн бұрын
आदरणीय हिम्मत जी सेठ सा.को धन्यवाद कि आपने इस विषय पर प्रकृति-मानव केंद्रित जन आंदोलन के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एडवोकेट मन्नारामजी डांगी को इस अत्यंत महत्वपूर्ण विषय पर वार्ता का अवसर दिया। मन्ना राम जी ने भी बहुत अच्छे तरीके से इस विषय को सरल भाषा में समझाने का प्रयास किया। दुनिया के हर नेक,समझदार और ईमानदार लोगों/संगठनों को भी इस विषय पर खुद और लोगों को जागरूक करे ताकि युद्ध और हथियारों की होड़ रुकने से पर्यावरण शुद्ध रहेगा,जन,धन की हानि नहीं होगी,इस पर खर्च होने वाले अरबों,खरबों रुपयों का उपयोग गरीबों,वंचितों को शुद्ध हवा, शुद्ध और पर्याप्त पानी, पौष्टिक/जैविक/जगरमुक्त भोजन,गुणवत्तापूर्ण नि:शुल्क शिक्षा-स्वास्थ्य,पर्याप्त कपड़े,मकान,रोजगार की गारंटी आदि की पूर्ति सुनिश्चित की जा सके।
@nayaabqureshi386
@nayaabqureshi386 28 күн бұрын
Very good news
@nayaabqureshi386
@nayaabqureshi386 28 күн бұрын
Yes sir
@Learninudaipur
@Learninudaipur Ай бұрын
सादर नमन एवं श्रद्धांजलि
@nayaabqureshi386
@nayaabqureshi386 Ай бұрын
Namaskar
@samtapower700
@samtapower700 Ай бұрын
सभी समस्याओ का मूल है जन, जन प्रतिनिधिगण और जन सेवक गण और दूसरी तरह से देखे तो समाज/शासन तंत्र का संचालन करने वाली त्रिमूर्ति पटेल/राजनेतागण + व्यापारीगण/कोर्पोरेट + पटवारी/नौकरशाह का पंच विकार ( काम, क्रोध, लोभ, मोह और अहंकार ) से उत्पन्न मनोविकार:-मुनाफाखोरी +रिश्वतखोरी और इनकी संतान हरामखोरी है। सामंतवाद और पूंजीवाद इन तत्वों से संचालित शासन/समाज व्यवस्थायें है।इन व्यवस्थाओं की सकारात्मक भूमिका का दौर लगभग खत्म हो चुका है और ये अपने अंतिम दौर विकृति/विनाश काल के दौर में पहुंच गई है।आवश्यकता है सर्व हितैषी राजनैतिक/आर्थिक/सामाजिक चिन्तन वाले समाज/शासन तंत्र स्थापित करने की। इसके लिए आवश्यक है वैज्ञानिक व तर्कसंगत समझ पर आधारित जन शिक्षण और जन जागरण कर जन संगठन निर्माण की।कार्य कठिन है, लेकिन यथाशीघ्र इस संदर्भ में शुरूआत नहीं हुई तो सम्पूर्ण विश्व अराजकता के दलदल में बुरी तरह से फंस कर ,मदान्ध राजनेतागण इस पृथ्वीलोक के अस्तित्व को ही खतरे में डाल दें।सादर अभिवादन ।बाल मुकुन्द सनाढ्य, निदेशक समता पावर, जयपुर
@ashokmanthan
@ashokmanthan Ай бұрын
बोलिया साहब का धन्यवाद।आपने काफ़ी बढ़िया जानकारी दी। एक सवाल यह भी है जिस पर जनता को विचार करना चाहिए कि विश्व बैंक क्यों दबाव बनाता है सभी क्षेत्रों को निजी क्षेत्रों में बदलने के लिए?
@Sk_SatishKushwaha
@Sk_SatishKushwaha Ай бұрын
Mai hi kalki hu paraly suru ho gayi
@sanjaykumar-ci1ph
@sanjaykumar-ci1ph Ай бұрын
जिस सब्जेक्ट पर आप लोग बात कर रहे थे उसकी जड़ कहां है और उसकी जड़ को कैसे काटेंगे? क्योंकि जाति रूपी पेड़ को गिराने के लिए उसकी जड़ को काटना होगा, इस बारे में गहराई से अध्ययन की जरूरत है आप लोगों को
@himmatseth6170
@himmatseth6170 Ай бұрын
. आपकी बात तो सही है अध्ययन तो और करना पडेगा पर यह अकेले हमारी आवश्यकता नहीं है पूरे समाज की आवश्यकता है भारतीय समाज की आवश्यकता है और समाज में बदलाव की जरूरत है। यह समस्या केवल हिन्दू धर्म की भी नहीं है। आजकल सभी समाजो में यह व्यवस्था घुस गयी है। इस्लाम में भी सयैद, शेख पठान ऊंची जाति के माने जाते हैं। इसलिए इसका हल पूरे भारतीय समाज की जरूरत है। इसलिए समाज को कैसे बदले इसका अध्ययन सबको करना पडेगा।
@sanjaykumar-ci1ph
@sanjaykumar-ci1ph Ай бұрын
बाबा साहब ने कहा था कि जातिवाद तब तक नहीं मिटेगा‌, जब तक हिंदू धर्म का अस्तित्व है, जातिवाद को मिटाने के लिए हिंदू धर्म को मिटाना होगा, क्योंकि हिंदू कोई धर्म नहीं बल्कि यह जातियों का पिरामिड है, जातिवाद को मिटाने के लिए हिंदू धर्म को मिटाना होगा
@nayaabqureshi386
@nayaabqureshi386 Ай бұрын
Namaskar
@himmatseth6170
@himmatseth6170 Ай бұрын
नमस्ते बहिन कैसे है आप
@narendraranka1305
@narendraranka1305 Ай бұрын
All western model of economy failure to remove poverty & unemployment and exploits the own citizens.
@parimalpandya9645
@parimalpandya9645 Ай бұрын
सरकार का काम ही है कि जनता के पैसा से एशो-आराम करते हैं और अगर कुछ बचें तो अगले चुनाव में फिर से सत्ता प्राप्त कर सकें
@himmatseth6170
@himmatseth6170 Ай бұрын
बिलकुल सही कहा आपने।
@kakran296
@kakran296 Ай бұрын
और कोई काम नही पाया आपको बुढ़ापे में
@rameshjoshi8034
@rameshjoshi8034 Ай бұрын
inhone to vikas kya vivah ki bhi naii paribhasha Nikhil hai
@shailendradhaddha6200
@shailendradhaddha6200 Ай бұрын
अच्छा प्रयास
@shailendradhaddha6200
@shailendradhaddha6200 Ай бұрын
right sir
@ramdayalmehra9903
@ramdayalmehra9903 Ай бұрын
जय हो
@dr.jyotipunj1901
@dr.jyotipunj1901 Ай бұрын
चेतना जगाने की बात पर अच्छी बेबाक चर्चा ।वाकई समूह से ही व्यवस्था में सुधार संभव है। अच्छा मंत्र दिया है कितने हैं तैयार मानवी बोलो तो वाह बहुत जीवंत चर्चाकी दोनों को बधाई।
@himmatseth6170
@himmatseth6170 Ай бұрын
. सवाल तो यही है कि लोगो में चेतना कैसे जागे। जब तक सामूहिक चेतना नही जगेगी तब तक बदलाव नहीं आएगा। चेतना जागृत होना मतलब समाज के हित के बारे में चिंतन करना।
@user-ow6uc9ws6g
@user-ow6uc9ws6g Ай бұрын
Keep it up.
@himmatseth6170
@himmatseth6170 Ай бұрын
I will try my best
@EnlightenBharat
@EnlightenBharat Ай бұрын
Great interview
@dineshmali5373
@dineshmali5373 Ай бұрын
बहुत ही सटीक व्याख्या। नई सुखी दुनिया बनाने के लिए लोहिया की सातों क्रांतियों की महती आवश्यकता है। बहुत-बहुत आभार नई पीढ़ी के सही मार्गदर्शन हेतु।
@himmatseth6170
@himmatseth6170 Ай бұрын
आभार दिनेश जी होंसला अफजाई के लिए।
@nayaabqureshi386
@nayaabqureshi386 Ай бұрын
Namaskar
@dr.jyotipunj1901
@dr.jyotipunj1901 Ай бұрын
वाह -बहुत सटीक और बेबाक चर्चा रही। काश ! ऐसा हो जाय ! शुभ कामनाएं
@himmatseth6170
@himmatseth6170 Ай бұрын
आभार, कोशिश करने वालों की हार नहीं होती।
@ashokchobisa7745
@ashokchobisa7745 Ай бұрын
अच्छी चर्चा , व्यवस्था परिवर्तन के प्रयास जारी रहने चाहिए 🙏
@ashokmanthan
@ashokmanthan Ай бұрын
बहुत बेहतरीन तरीके से विश्लेषण किया चौधरी साहब ने।
@nayaabqureshi386
@nayaabqureshi386 Ай бұрын
Very knowledgeable
@nayaabqureshi386
@nayaabqureshi386 Ай бұрын
Namaskar
@himmatseth6170
@himmatseth6170 Ай бұрын
नमस्ते
@MyDearFather621
@MyDearFather621 Ай бұрын
अरे चाचा, थोडा रेस्ट कर लो, नहीं तो रेस्ट इन पीस हो जाओंगे. 🤣🤣🤣
@MyDearFather621
@MyDearFather621 Ай бұрын
अरे जल्दी बोल भाई, सुबह पनवेल जाना है🤣🤣🤣
@vinodrai3961
@vinodrai3961 Ай бұрын
Bahu faltu program hai. Aap dalali kar rahe hai. Bilkul Gandhi family ke chamcho ki tarah bol rahe hai. Kya Sonia ji ya Rahul jaise committee bana kar super PM ban kar remote control sarkar chalayeen.
@EnlightenBharat
@EnlightenBharat Ай бұрын
हार्दिक बधाई हो सर 🎉
@himmatseth6170
@himmatseth6170 Ай бұрын
आभार रक्षित जी।
@shribhagwandixit7557
@shribhagwandixit7557 Ай бұрын
जानकारी, शायद इसी पुस्तक का जिक्र आप कर रहे थे।
@himmatseth6170
@himmatseth6170 Ай бұрын
नहीं वह तो किशन पटनायक की पुस्तक है। विकल्प हिन नहीं है दुनिया। शायद इसका प्रकाशन राजकमल प्रकाशन ने किया है। या वाणी प्रकाशन भी हो सकता है।
@dineshmali5373
@dineshmali5373 Ай бұрын
लोहिया साहित्य पर केंद्रित सारी पुस्तकें न केवल पठनीय हैं बल्कि संग्रहणीय भी हैं। शानदार प्रस्तुति के लिए बहुत-बहुत बधाई।
@himmatseth6170
@himmatseth6170 Ай бұрын
आभार दिनेश जी।
@sarwatkhan2742
@sarwatkhan2742 Ай бұрын
Bohot khoob sir
@nayaabqureshi386
@nayaabqureshi386 Ай бұрын
Bahut accha
@himmatseth6170
@himmatseth6170 Ай бұрын
आभार
@shailendradhaddha6200
@shailendradhaddha6200 Ай бұрын
सार्थक संवाद
@himmatseth6170
@himmatseth6170 Ай бұрын
आभार
@himmatseth6170
@himmatseth6170 2 ай бұрын
नमस्ते कैसी है कैसे लग रहे हैं यह वीडियो । लाइक करे फोरवर्ड करे। मित्रों से भी सब्सक्राइब कर वाए।
@nayaabqureshi386
@nayaabqureshi386 2 ай бұрын
Namaskar
@himmatseth6170
@himmatseth6170 2 ай бұрын
😂
@monikagour9642
@monikagour9642 2 ай бұрын
मालिक की जयजयकार
@shailendradhaddha6200
@shailendradhaddha6200 2 ай бұрын
धन्यवाद
@sugyanmodi492
@sugyanmodi492 2 ай бұрын
स्वागत-अभिनंदन. अभिनंदन और असीम शुभकामनाएँ. सुज्ञान मोदी के प्रणाम स्वीकारें.
@himmatseth6170
@himmatseth6170 2 ай бұрын
आभार
@nayaabqureshi386
@nayaabqureshi386 2 ай бұрын
🎉
@sarwatkhan2742
@sarwatkhan2742 2 ай бұрын
Aik se badhkar aik hain aap donon. Good
@ashokmanthan
@ashokmanthan 2 ай бұрын
शिक्षा व्यवस्था पर बहुत ही अच्छा सही जानकारी देने वाला विडियो। प्रो. हैमेन्द्र चंडालिया ने सही कारणों को उजागर किया है पर समाधान विहीन। सड़े पेड़ की सड़ी लाखों पत्तियों को एक एक कर ठीक कभी नहीं किया जा सकता यह आप ओर प्रोफेसर चंडालिया सहित बहुत से उन बुद्धजीवियों को समझना होगा और अपने व्यक्तिगत वादों व दलगत राजनीति से मुक्त हो संपूर्ण व्यवस्था को सही करने हेतु एकजुट होना होगा और अपनी संपूर्ण ऊर्जा उसी के लिए लगानी होगी। लाखों से समस्याएं हैं पर समाधान को कोई तैयार नहीं।इस पर कहा है " जहां लगा लो हाथ मिलेगी दीमक की दीवार,क्या हो गया है हर शक्श मेरे देश में गद्दार? विचार कीजिए
@nayaabqureshi386
@nayaabqureshi386 2 ай бұрын
Namaskar
@paramchittora8629
@paramchittora8629 2 ай бұрын
सेठ जी, नमस्कार, उदयपुर और राजसमंद, यहां तक कि मकराना तक की पहाड़ियों को माइनिंग माफिया ने खतम कर दिया है। केलवा।का किला ढहने की कगार पर है। मकराना की रेलवे लाइन तो पहले ही झूल चुकी थी। कुंभलगढ़ में रिजॉर्ट मालिकों ने प्राकृतिक दृश्य लुप्त ही कर दिए।
@himmatseth6170
@himmatseth6170 2 ай бұрын
आप बिलकुल सही कह रहे हैं। नीमकाथाना और सीकर में भी यही हालत है वहाँ सीमेंट फ़ैक्टरी के मालिक लगे हुए।