🌷डूबते सपने एक शहर में जहाँ सपनों की थी बस्ती, युवा दिलों में थी उम्मीदों की मस्ती। किताबें और कलमें थीं उनका सहारा, मॉनसून की बारिश में, गलियाँ बनीं धारा। जीवन की भारी बारिश में, वो चलते रहे, अटल साहस के साथ, हर बाधा को सहते रहे। गहरे पानी में, उनके सपने डूब गए, सपनों के जल में, भविष्य के सितारे खो गए।😢
Kuchog yha bhi bolenge nhi iltutmish ne nhi brahmno ne nast kia hua tha mandir jaise nalanda ko bolte h in muslmano ne hmari bhut si sasnkrit dharohro ko nuksan phuchaya h