Рет қаралды 17,812
न्यायाधिकरणों यानि ट्राइब्यूनल का सुचारू कामकाज और असरदार संचालन के लिये उच्चतम न्यायालय ने केंद्र से पूछा है कि क्यों न एक केन्द्रीय संस्था के तहत सभी ट्राइब्यूनल को लाया जाये। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने कहा कि देश के सभी न्यायाधिकरणों को एक नोडल एजेंसी के तहत लाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 1997 में निर्देश दे चुकी है जिसमें इन्हे विधि औऱ न्याय मंत्रालय के अधीन लाने की बात कही गई थी जिसे बहुत पहले ही लागू कर दिया जाना चाहिए था। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये नज़रिया है कि जजों के रिटायरमेंट के बाद ट्रिब्यूनल में नियुक्ति न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर धब्बे के समान है, कोर्ट ने सभी ट्राइब्यूनल में खाली पड़े पदों पर नराज़गी जताई और 14 दिन मे खाली पड़े पदों को भरने के लिये कहा।
Anchor - Kavindra Sachan
Guest-
PK Malhotra, Former Secretary, Ministry of Law and Justice, GoI
Satya Prakash, Legal Editor, The Tribune
Ranjan Chatterjee, Former Member, NGT