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इस प्रवचन में स्वामी जी ने घर के झगड़े घर में शन्ति कैसे हो घर कैसे सुधरे भगवान कैसे मिले परिवार में शांति धन प्राप्ति की प्राप्ति आदि के बारे में बताया हे स्वामी रामसुखदास जी महाराज 20 वि सदी के बहोत अच्छे वैरागी सन्त थे कई लोगो के कमेंट आते की स्वामी की फ़ोटो दिखा दो एक बात हे की उन महापुरषो की कोई तस्वीर नही हे क्योकि कैमेरा उन की फ़ोटो नही ले सकता था उन की फ़ोटो दखाई नही देती थी और उन का निषेद था की कोई मेरी पूजा करे मेरी तस्वीर उतारे उन्होंने तो सदा ही अपना जीवन हरी भजन में लगाया और लोगो को भजन की महिमा बताई हमारे यहाँ सीकर नेछवा में स्वामी जी एक बार आये थे और एक सच्ची बात हे की उन की तस्वीर की चेस्टा किसने की थी स्वामी जी के मना करने के बाद भी नही माना और छुप के तस्वीर लेनी चाही अद्भुत दृश्य था वो उस का कैमरा खराब हो गया बहोत अलग अलग बाते हे उन गले में केन्सर था लेकिन फिर भी 50 वर्ष होने के बाद जीवित रहे शरीर से उन सन्त का केन्सर कुछ नही बिगाड़ पाया इन प्रवचनों के उदस्ये केवल और केवल सन्तों की वाणी को लोगो को सुलभ कराना हे स्वामी जी के बारे में उच्च कोटि के वीतरागी सन्यासी थे स्वामी जी का जन्म राजस्थान के नागोर जिले के माडपुरा में श्री रुघाराम जी पिड़ावा के यहाँ माघ शुक्ला त्रयोदसी को 1904 में हुवा माता कुन्नीबाई के सहोदर भ्राता सधारामजी राम स्नये सम्प्रदाय के साधु थे 4 साल की उम्र में ही रामसुखदास जी को इन को भेंट कर दिया किसी समय स्वामी कान्नहिराम गांव चाडी जी ने आप को आजीवन शिष्य बनाने के लिए मांग लिया शिक्षा दिक्ष्या के पस्चात सम्प्रदाय छोड़ के विरत सन्यासी हो गये आप ने गीता के मर्म को साक्षता किया और निरंतर और निरन्तर अपने प्रवचनों से वाणी अमृत बहाने लगे आप ने सभी को सदा मनुष्य पूजा से अलग कर परमात्मा की पूजा में ही लगाया और व्यक्ति प्रतिमा पूजा में सदा निषेद्य किया ऐसे अदर्शिस्थापित कर गंगा तट स्वर्गाशर्म में आषाढ़ कृष्ण द्वादसी वि.स.2062 ब्रम्हामूर्त में 3:40 मिनट में भगवत धाम पधारे आप को सत सत नमन। इन प्रवचनों का उदस्य केवल भगवत प्रचार और सन्तो की वाणी को पहुचाना हे कोई स्व अर्थोपार्जन नही है जय श्री नाथ जी नाथ आश्रम सीकर राजस्थान राम राम राम राम राम राम राम राम