Рет қаралды 58
किसान का जीवन खेती से शुरू होकरके खेत में ही समाप्त होती है मैंने देखा है किस को खेत में काम करते हुए खेती की खेती में बीज की बुवाई से लेकर के कटाई से लेकर के रखवाली से लेकर के घर में अनजाने तक उनकी ड्यूटी पूरी की पूरी लगी हुई रहती है पूरे परिवार के साथ तो इस तरह से अगर देखा जाए तो यदि उनके परिवार में 5 सदस्य है तो 40 घंटा कीड्यूटी करते हैं और उसके मुकाबले उनकी मजदूरी बहुत ही कम हुई लेकिन फिर भी वह पूरे परिवार के साथ मानसिक और भावनात्मक रूप से जुड़े हुए रहतेहैं अपने खेत से बहुत ही प्रेम पूर्वक जुड़े हुए रहते हैं यही कारण है उन्हें काम काम जैसा नहीं लगता है पूरे परिवार के साथ खेत में जाते हैं तो वह खेत खेत नहीं घर जैसा प्रतीत होता है मैं मैं यहां तक देखा है कि खेत में काम करते हुए वहां पर जो खाना लोग कहते हैं मात्र सूखी रोटी प्याज और उसके साथ अचार से कम चलाते हैं मतलब मतलब पहली प्राथमिकता वे काम को देते हैं क्योंकि वह भी जानते हैं कि खेत में उसे तरह का खाना खाना संभव नहीं है और मैं यहां तक देखा है की छोटी बच्ची अपने माता-पिता दादा दादी के लिए खाना ले जाती है क्योंकि जब तक वह टाइम से कहेंगे नहीं तो देर तक काम को अंजाम नहीं दे पाएंगे उनकी सेहत भी बिगड़ सकती है और मैंने देखा कि 1:00 तक वे लोग काम करते हैं उनके पीठ जलने लगता है तो यह सोचकर सबसे पहले अभी अपने बच्चों को भागते हैं कहीं उनका सेहत ना खराब हो जाए और पीछे से भी आते हैं तो इस तरह से किस की पूरी प्रक्रिया संपन्न होती है