Why Do Women Need A Purdah? नारियों के लिये परदा क्यों आवश्यक है ?
Пікірлер: 593
@amarkantthakur92885 жыл бұрын
🌷🙏🌷Verry Good, Verry Good. Aap ko sat-sat Naman.
@saravanakrsna4 жыл бұрын
Pls translate it in English
@hemantsharma65844 жыл бұрын
@@saravanakrsna learn Indian language hindi
@maheshtambe95353 жыл бұрын
What he is saying covering face by ghungat is ok but not by burka?
@tanmay62073 жыл бұрын
@Colten Jordy shut up bakwas scam
@user-xj3fu6du4n3 жыл бұрын
घूंघट भारतीय सभ्यता नहीं इस्लामिक सभ्यता है और हिंदुओं पर मुसलमानों की गुलामी का प्रतीक है जोकि पूर्णतः प्रतिबंधित की जानी चाहिए। लेकिन मुझ मूर्ख को लगता है कि इस लड़की का पर्दा से तात्पर्य घूंघट कुप्रथा से है जोकि महिलाओं द्वारा अपना चेहरा ढंकने के लिए व्यवहार में लाया जाता है लेकिन पूज्य शंकराचार्य जी ने इसका अर्थ वस्त्र के प्रत्येक आवरण के रूप में ले लिया जोकि शरीर के किसी भी अंग को ढंकने के लिए प्रयुक्त किया जाता है।
@user-mf2sc8xu6v4 жыл бұрын
*_"स्वास्थ्य और शील दोनों की रक्षा और सौंदर्य की अभिव्यक्ति के लिए परदा आवश्यक है"_* *_अमृतवचन_* *_श्रीचरणों में बारम्बार प्रणाम_*
@user-xj3fu6du4n3 жыл бұрын
घूंघट भारतीय सभ्यता नहीं इस्लामिक सभ्यता है और हिंदुओं पर मुसलमानों की गुलामी का प्रतीक है लेकिन मुझ मूर्ख को लगता है कि इस लड़की का पर्दा से तात्पर्य घूंघट कुप्रथा से है जोकि महिलाओं द्वारा अपना चेहरा ढंकने के लिए व्यवहार में लाया जाता है लेकिन पूज्य शंकराचार्य जी ने इसका अर्थ वस्त्र के प्रत्येक आवरण के रूप में ले लिया जोकि शरीर के किसी भी अंग को ढंकने के लिए प्रयुक्त किया जाता है।
@shantanupandey7542 Жыл бұрын
@@user-xj3fu6du4napna muh band kar suwar
@user-ry1nw8zh3p3 жыл бұрын
वाह पूरा साहित्य का निचोड़ के रख दिया गुरू जी ने अति उत्तम
@Poorva-Threya3 жыл бұрын
This is North Indian Swamiji. In South only after husband is dead women were supposed to cover their head. Not kanya or married women.
@user-xj3fu6du4n3 жыл бұрын
घूंघट भारतीय सभ्यता नहीं इस्लामिक सभ्यता है और हिंदुओं पर मुसलमानों की गुलामी का प्रतीक है जोकि पूर्णतः प्रतिबंधित की जानी चाहिए लेकिन मुझ मूर्ख को लगता है कि इस लड़की का पर्दा से तात्पर्य घूंघट कुप्रथा से है जोकि महिलाओं द्वारा अपना चेहरा ढंकने के लिए व्यवहार में लाया जाता है लेकिन पूज्य शंकराचार्य जी ने इसका अर्थ वस्त्र के प्रत्येक आवरण के रूप में ले लिया जोकि शरीर के किसी भी अंग को ढंकने के लिए प्रयुक्त किया जाता है।
@prasannabiju4586 Жыл бұрын
he is puri peethadeeshwar. also the reason for young women not wearing ghoongat in south is climatic conditions.
@rudraadityamandal61268 ай бұрын
@@user-xj3fu6du4nBar bar ak hi cheez type mat karo...
@rudraadityamandal61268 ай бұрын
Dekho yee shastra sammat hain..aur shastra hi param praman hain...agar kahi nehi ho rahi hain to wo shastra viruddha hain aur andha parampara hain...waha lagu karni chahiye
@harshitsingh129777 ай бұрын
@@user-xj3fu6du4n CHUP KR CHOMU.. TU SHANKRACHARYA JI SE JYADA JANTA HAI? PARDA PRATHA PROTECTS WOMEN
@advaitdarshan183 жыл бұрын
गुरुदेव शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती जी के चरणो मे अनन्त बार प्रणाम गुरुदेव शंकराचार्य जी आपका कोटि कोटि बार धन्यवाद कृष्ण हरि योगेश्वर दामोदर वासुदेव हर राम शिव अच्युत महादेव माधव नारायण गोविंद जगन्नाथ केशव मधुसूदन विष्णु मुरारी हर हर महादेव हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे । हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे ।।
@manujadon27625 жыл бұрын
apki jai ho guruvar.jai shri krishna.
@sryaduvanshi880810 ай бұрын
Pardah m ku nhi ho tum
@advaitdarshan183 жыл бұрын
प्रणाम गुरुदेव शंकराचार्य जी आपकी जय हो हर हर महादेव हरे कृष्ण हरे राम
@AryanTripathi17416 күн бұрын
Bhagwaan Shankaraachaary ji ke charno me bar baad dandwat pranam🙏🙏🙏
@chandrashekharholla78711 ай бұрын
Wonderful. Very good explanation. Thanks. Respectful pranaamas.
@advaitdarshan183 жыл бұрын
प्रणाम गुरुदेव शंकराचार्य जी हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे । हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे ।।
@nibirananda93814 жыл бұрын
Excellent use of metaphors and analogies to elucidate the topic. 🙏
@user-xj3fu6du4n3 жыл бұрын
घूंघट भारतीय सभ्यता नहीं इस्लामिक सभ्यता है और हिंदुओं पर मुसलमानों की गुलामी का प्रतीक है जोकि पूर्णतः प्रतिबंधित की जानी चाहिए। लेकिन मुझ मूर्ख को लगता है कि इस लड़की का पर्दा से तात्पर्य घूंघट कुप्रथा से है जोकि महिलाओं द्वारा अपना चेहरा ढंकने के लिए व्यवहार में लाया जाता है लेकिन पूज्य शंकराचार्य जी ने इसका अर्थ वस्त्र के प्रत्येक आवरण के रूप में ले लिया जोकि शरीर के किसी भी अंग को ढंकने के लिए प्रयुक्त किया जाता है।
@sarvesh7046 жыл бұрын
Disagree with covering of head or face. It has not been mentioned in our scriptures. It is justified only in situations skmilar to Islamic rule where women were picked up and raped by Jiahdis.
@mahmudulhasan29225 жыл бұрын
Sarvesh Dev so you are new shankrachrya.
@PoonamVerma-pz5xt4 жыл бұрын
@@mahmudulhasan2922 he is good human being who can respect for women.
@zerotobillionsinc99664 жыл бұрын
jagat'guru ne ghooghat etc ka virodh kiya hai...agar jaroorat nhi hai to naa karein....lekin ek baat aur samajh lijiye...ye jo bollywood aur deh ke pujari aajkal women fashion bana rahe hai na....in kapdo ko pehnkar keval deh ke pujari hi attract honge...koi samajhdar purush jo apne sharir ko acche se janta hai...use isse fark nhi padega... . Acchi baat hai ki koi sunder hai...magar...agar koi keval sundar hai aur apni deh ki numaish karke paise kama raha hai....to use paise bhi rapist minded people hi de rhe hain... . Aap mujhe december ki cold mein deep neck blouse aur backless dress ki koi practical use bata dein...dukh hota hai dekhkar ki kaise naari shakti in bollywood wali nachaniyon ke chakkar se bhatak kar deh ki numaish karne me lagi hui hai...itne uncomfortable aur impractical clothes ke picche padi hai jisse keval deh ke pujari attract hote hain Namaskaram!
@anuragtamta31093 жыл бұрын
@@zerotobillionsinc9966 *तब तो फिर इस्लाम धर्म ही सही है*
@anuragtamta31093 жыл бұрын
@@zerotobillionsinc9966 *तो क्या इस्लामिकि परदा प्रथा और अरब के कानून सही है*
@nb13182 жыл бұрын
Excellent information 👌👌
@tanujsharma6884 жыл бұрын
एक पर्दा शील की रक्षा कैसे कर सकता है? क्या माता सीता पर्दा करती थी? क्या माता राधा पर्दा करती थी? शरीर ढकने की बात स्वास्थ्य की दृष्टि से सही है परंतु मुंह ढकना कैसे शील की रक्षा करेगा?
@sanketsharma194 жыл бұрын
Muh dhakne ke liye Nahi keh rahe. Pure sharir ke vastra ko parda keh rahe hae Baba ji.
@zerotobillionsinc99664 жыл бұрын
@@sanketsharma19 yes....muh dhakne ko bola hi nhi..aur comments me kuch log bawle ho rhe hai
@atulraj6754 жыл бұрын
Aur 1 bat hutiye tanuj Mata sita parda krti thi
@user-xj3fu6du4n3 жыл бұрын
घूंघट भारतीय सभ्यता नहीं इस्लामिक सभ्यता है और हिंदुओं पर मुसलमानों की गुलामी का प्रतीक है लेकिन मुझ मूर्ख को लगता है कि इस लड़की का पर्दा से तात्पर्य घूंघट कुप्रथा से है जोकि महिलाओं द्वारा अपना चेहरा ढंकने के लिए व्यवहार में लाया जाता है लेकिन पूज्य शंकराचार्य जी ने इसका अर्थ वस्त्र के प्रत्येक आवरण के रूप में ले लिया जोकि शरीर के किसी भी अंग को ढंकने के लिए प्रयुक्त किया जाता है।
@iyerism65773 жыл бұрын
@@zerotobillionsinc9966 muh dhakna is part of purdah
@advaitdarshan183 жыл бұрын
गुरु जी आपने मेरे विचारो को अच्छा किया है हर हर महादेव
@user-xj3fu6du4n3 жыл бұрын
घूंघट भारतीय सभ्यता नहीं इस्लामिक सभ्यता है और हिंदुओं पर मुसलमानों की गुलामी का प्रतीक है लेकिन मुझ मूर्ख को लगता है कि इस लड़की का पर्दा से तात्पर्य घूंघट कुप्रथा से है जोकि महिलाओं द्वारा केवल अपना चेहरा ढंकने के लिए व्यवहार में लाया जाता है लेकिन पूज्य शंकराचार्य जी ने इसका अर्थ वस्त्र के प्रत्येक आवरण के रूप में ले लिया जोकि शरीर के किसी भी अंग को ढंकने के लिए प्रयुक्त किया जाता है।
@daivagya-74242 жыл бұрын
@@user-xj3fu6du4n tu shankaracharya ko bevkoof samajhta hai kya , aur hame teri baat ki avashyakta nhi hai
@user-xj3fu6du4n2 жыл бұрын
@@daivagya-7424 अरे मैंने तो अपने आपको ही मूर्ख बताया है। मेरी बात पढ़ तो लो। आदरणीय शंकराचार्य जी ने पर्दे का अर्थ शरीर के किसी भी अंग को ढंकने वाले वस्त्र के संदर्भ में ले लिया है जबकि प्रश्नकर्ता का पर्दे से तात्पर्य घूंघट कुप्रथा से लगता है जोकि केवल चेहरा ढंकने के लिए प्रयोग में लाया जाता है। कृपया क्षमा करें। यदि आपको मेरी किसी भी बात से ठेस पहुंची है।
@Babul19504 жыл бұрын
Excellent.
@user-xj3fu6du4n2 жыл бұрын
घूंघट भारतीय सभ्यता नहीं इस्लामिक सभ्यता है और हिंदुओं पर मुसलमानों की गुलामी का प्रतीक है लेकिन मुझ मूर्ख को लगता है कि इस लड़की का पर्दा से तात्पर्य घूंघट कुप्रथा से है जोकि महिलाओं द्वारा अपना चेहरा ढंकने के लिए व्यवहार में लाया जाता है लेकिन पूज्य शंकराचार्य जी ने इसका अर्थ वस्त्र के प्रत्येक आवरण के रूप में ले लिया जोकि शरीर के किसी भी अंग को ढंकने के लिए प्रयुक्त किया जाता है।
@sinkookyeg4416 Жыл бұрын
Thanks guruji
@jayatewari12723 жыл бұрын
गुरु जी आपको नमन, आपके अमृत वचनों को नमन।
@user-xj3fu6du4n2 жыл бұрын
घूंघट भारतीय सभ्यता नहीं इस्लामिक सभ्यता है और हिंदुओं पर मुसलमानों की गुलामी का प्रतीक है लेकिन मुझ मूर्ख को लगता है कि इस लड़की का पर्दा से तात्पर्य घूंघट कुप्रथा से है जोकि महिलाओं द्वारा अपना चेहरा ढंकने के लिए व्यवहार में लाया जाता है लेकिन पूज्य शंकराचार्य जी ने इसका अर्थ वस्त्र के प्रत्येक आवरण के रूप में ले लिया जोकि शरीर के किसी भी अंग को ढंकने के लिए प्रयुक्त किया जाता है।
@harerampathak8653 Жыл бұрын
न भूतों न भविस्यति सादर दंडवत प्रभु 🙏🙏🙏
@mspssc6 жыл бұрын
Pranam guruji
@missionsudarshan39253 жыл бұрын
Jai Gurudev🙏
@jagadishsindhav76266 жыл бұрын
Jay gurudev
@MragankBajpai6 жыл бұрын
Kya baat hai! ati uttam........... Guruji ke charno mein sastang pranam.............Guruji ki jai ho............
@user-xj3fu6du4n3 жыл бұрын
घूंघट भारतीय सभ्यता नहीं इस्लामिक सभ्यता है और हिंदुओं पर मुसलमानों की गुलामी का प्रतीक है जोकि पूर्णतः प्रतिबंधित की जानी चाहिए लेकिन मुझ मूर्ख को लगता है कि इस लड़की का पर्दा से तात्पर्य घूंघट कुप्रथा से है जोकि महिलाओं द्वारा अपना चेहरा ढंकने के लिए व्यवहार में लाया जाता है लेकिन पूज्य शंकराचार्य जी ने इसका अर्थ वस्त्र के प्रत्येक आवरण के रूप में ले लिया जोकि शरीर के किसी भी अंग को ढंकने के लिए प्रयुक्त किया जाता है।
@harshitsingh129777 ай бұрын
@@user-xj3fu6du4n SOURCE?
@subhasispanda56903 жыл бұрын
जय श्री गुरुदेव 🙏
@sarlasharma56062 жыл бұрын
गुरूजी आपको शत शत नमन
@Sumitchand.official4 жыл бұрын
Jai shree 🙏 Ram
@sunainamagotra81543 жыл бұрын
Guru ji ko koti koti pranam Guru ji aap sakshat Narayan hai
@deepikashah54536 жыл бұрын
har har mahadev
@ramesh61306 жыл бұрын
He bhagwan aapke Shri charno me koti koti pranam Satya vachan aapki kripa ham sabhi bhakton par bani rahe
@shwetasharma95185 жыл бұрын
Prenam guru ji saat saat name🙏🙏🙏🙏🙏🙏
@user-kq3fh8oy3k2 жыл бұрын
धर्म एव हतो हन्ति धर्मो रक्षति रक्षितः। तस्माद्धर्मो न हन्तव्यो मा नो धर्मो हतोऽवधीत्।। iska matlab hai jo dharm ko marta hai arthath adharm karta hai dharm usko mardeta hai Aur dharm ki jo raksha karta hai dharm uski raksha karta hai Isliye sada Dharm ke path par chalna chahiye 🙏🏽 🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽ॐ 🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽
@Devpandit272 жыл бұрын
Glory to shankracharya ji
@Sharmag_Ka_Ladka2 жыл бұрын
प्रणाम 🙏
@subhajit73753 жыл бұрын
Is vaishnavism the highest order, I mean following shakti or shiva and following vishnu leads to same?
@subhajit73752 жыл бұрын
@@queztime23 are all of them follow vishnu I mean all the Shankaracharyas?
@subhajit73752 жыл бұрын
@@queztime23 and shakti? Like kali or shodashi or Durga?
@namithewitch76394 жыл бұрын
This is absolutely sad! I did not expect this answer from him. Purdah is a Islamic concept. Also covering faces is under the domain of Rahu. Don't fool people into following Asura Dharma. Jyotish is the key to all Shastras. Hinduism never was a conservative society.
@joshiji5613 жыл бұрын
Yeah, hindusism is so much liberal that it even allows people to roam naked on streets Seriously , domain of rahu , ???? Jyotish??????
@user-xj3fu6du4n3 жыл бұрын
घूंघट भारतीय सभ्यता नहीं इस्लामिक सभ्यता है और हिंदुओं पर मुसलमानों की गुलामी का प्रतीक है लेकिन मुझ मूर्ख को लगता है कि इस लड़की का पर्दा से तात्पर्य घूंघट कुप्रथा से है जोकि महिलाओं द्वारा अपना चेहरा ढंकने के लिए व्यवहार में लाया जाता है लेकिन पूज्य शंकराचार्य जी ने इसका अर्थ वस्त्र के प्रत्येक आवरण के रूप में ले लिया जोकि शरीर के किसी भी अंग को ढंकने के लिए प्रयुक्त किया जाता है।
@prakharjain62322 жыл бұрын
Keep living in denial
@vedic_siddhanta53762 жыл бұрын
Yes it was not expected it's totally islamic practice
@laxendrachauhan82022 жыл бұрын
Ghunghat is north Indian custom , it is a regional custom , ghunghat isn't observed in South India.
@aweshtripathi26362 жыл бұрын
साष्टांग दण्डवत प्रणाम गुरूदेव
@vedprakashjha74332 жыл бұрын
Jai shree Ram
@prabhuji72683 жыл бұрын
Pujya gurudev ki jay
@sarlasharma56062 жыл бұрын
प्रणाम गुरूजी
@prakhardubey27546 жыл бұрын
आदरणीय महाराज जी सही कहा कि हमारी हिन्दू बहनों को आत्म मर्यादा और नैतिक पर्दा अति आवश्यक है क्योंकि आज सबसे अधिक पतन और इस्लामिक षडयंत्र का शिकार ज्ञान के अभाव में हिन्दू महिलाएं ही हुईं हैं।
@rupeshkumarsharma48266 жыл бұрын
PRAKHAR DUBEY dahej hatya bhrun hatya Balika vadh devdasi pratha ye sab muglo ke karan hai
@SACCHIKHABAR5 жыл бұрын
PRAKHAR DUBEY narrow minded pandit
@params59555 жыл бұрын
@@SACCHIKHABAR u r half minded.. Or mind less perhaps. Sheel kiss chidiya ka naam hai? Brahmacharya kya hai kuch pata hai? Parda dono mein sahayak hota hai.. Tum na samjoge!!
@nikeshg48175 жыл бұрын
@@SACCHIKHABAR if you are not Hindu then don't interfare here in between
@user-xj3fu6du4n3 жыл бұрын
घूंघट भारतीय सभ्यता नहीं इस्लामिक सभ्यता है और हिंदुओं पर मुसलमानों की गुलामी का प्रतीक है जोकि पूर्णतः प्रतिबंधित की जानी चाहिए लेकिन मुझ मूर्ख को लगता है कि इस लड़की का पर्दा से तात्पर्य घूंघट कुप्रथा से है जोकि महिलाओं द्वारा अपना चेहरा ढंकने के लिए व्यवहार में लाया जाता है लेकिन पूज्य शंकराचार्य जी ने इसका अर्थ वस्त्र के प्रत्येक आवरण के रूप में ले लिया जोकि शरीर के किसी भी अंग को ढंकने के लिए प्रयुक्त किया जाता है।
@GurjarPratiharSurendr6 жыл бұрын
हे परम पूज्य स्वामी जी, आपके श्री चरणों मे कोटि-कोटि-कोटि नमन है ।। आपकी सदा ही जय हों । 🙏🙏 सीताराम सीताराम सीताराम 🙏🙏
@praveenpradhan69082 жыл бұрын
जय गुरु देव 🙏
@karma67163 жыл бұрын
In some parts women covering head is a sin.They only do when they become widow. Aap bohot mahan hai Guruji lekin humara yaha ye pratha nahi hai.
@laxendrachauhan82022 жыл бұрын
Yes ghunghat is regional custom.
@rudraadityamandal61268 ай бұрын
Humse jyada gyan unko hain...aapke maane yaa naa maane se kuch nehi hota...aur yee shastraon mein hain...devi devtaoon ke paintings mein nehi hain to kya iska matlab nehi hain ?
@kantiprakashjaiswal726410 ай бұрын
Jai shree Ram ji Guru Dev Ji apko koti koti pranam ji 🙏🙏🌹🌹💐💐
@chillboy6406 Жыл бұрын
पहली बात तो ये की परदा प्रथा शास्त्रों में है और दूसरी बात एक बार ये video देख लो । अगर नही भी है तो भी होनी ही चाहिए परदा प्रथा की आवश्यकता है आज के समाज को जहां हर कोई अपने जिस्म का नंगा नाच दिखा रहा है। और इस video में गुरूदेव ने उपयोगिता बताई है की हीरे मोती जवाहरात को हमेशा तिजोरी में रखते है की नही क्योंकि वो अमूल्य है तो क्या हिन्दुओं की स्त्रियां हीरे जवाहरात से कम है क्या उनका मोल तो कोई कर ही नही सकता कितनी सम्मान की बात है हिंदू महिलाओं के लिए की उनका इतना सम्मान है की उन्हे हीरे मोती से भी ज्यादा मूल्यवान बताया गया है । इस्लाम इत्यादि पंथों में जो स्त्रियों में परदा प्रथा का विकृत रूप है वो हिन्दुओं से चोरी किया हुआ ही है और उनमें शील और स्वास्थ्य की रक्षा के लिए नही अपितु मुस्लिम स्त्रियों के ऊपर शासन करने के उद्देश्य से द्वेष वश इस व्यवस्था का पालन कराया जा रहा है परन्तु हिंदू महिलाओं में हीरे जवाहरात से भी मूल्यवान समझकर उनको सम्मान देकर परदा प्रथा का पालन होता है । आज हिंदू पुरुषो को ही नही अपितु महिलाओं को भी परदा प्रथा को लागू कराने के लिए संघर्ष करना चाहिए । क्योंकि उनके सौंदर्य का मोल तभी होगा जब वो खुला नही होकर परदे में होगी। उस चीज़ के बारे में ज्यादा उत्सुकता होती है जो दिखती नही पर सबके लिए सुलभ होती है उसका कालांतर में मोल नही रहता। परदा प्रथा के विलोप से आज के समय में internet, tik tok , reels आदि पर जो नंगा नाच होता है वह परदा प्रथा के विलोप का परिणाम है । हिन्दू महिलाओं को स्वयं आगे आकर परदा प्रथा को पुन: स्थापित करना होगा जिससे वे हमेशा हीरे जवाहरात से भी मूल्यवान समझी जायेगी उनकी कदर होगी उनका मोल होगा । कितने गौरव की बात है हिंदू महिलाओं के लिए तो परदा प्रथा जब उनका मोल अनमोल हो जाता है । जब किसी मीठी चीज को खुले में रखते है तो मक्खियां भिनभिनाती है पर उसको ढककर रखने पर उसकी सुरक्षा होती है । आज बॉलीवुड अभिनेत्रियो की नकल करने के कारण सर्दियों में भी कम कपड़े पहनने के कारण उनका स्वास्थ्य साथ नही देता फिर भी इस दिखावे में उन्हें जीना है जिसके कारण स्वयं की भलाई भी नही देख पाती। ये सब बाते किसी द्वेष वश नही आपके अपने सुरक्षा के लिए है। हिंदू महिलाओं को अपना हित जरुर देखना चाहिए की वास्तव में किस चीज में अपनी भलाई, सुरक्षा, स्वास्थ्य रक्षा संभव है वही तरीका अपनाना चाहिए।
@rajendranaik72742 жыл бұрын
🙏🙏🙏
@narsimharamnath15842 жыл бұрын
Please upload subtitles for this 🙏🙏
@Peer.dan.charan10 ай бұрын
❤
@naimishhd60813 жыл бұрын
Puruso ko sudharo ....aise upaay jada kaam nhi aarhe hai 🙏
@Rahulkumar-px8tc3 жыл бұрын
Do u mean to say that,, ki agar iss duniya ke saaaare purush sharif ho jaaaye , to ladkiyon ko kapde pehnne ki koi zaroorat Nahi hi!!!!.... Kapde sirf protection ke liye Nahi balki deceny aur modesty ke liye bhi pehnaa jaata hai......!
@iyerism65773 жыл бұрын
@@Rahulkumar-px8tc saree bhi immodest hai bhai, burkha ghunghat best hai
@rudraadityamandal61268 ай бұрын
@@iyerism6577Tumto chup hi raho
@rudraadityamandal61268 ай бұрын
Saare purosho ko sudharne se bhi kaam nehi dega...dono paksho ko hi samjhna padega
@user-he3my1vg8q4 жыл бұрын
महिलाएं मर्यादा में रहे। किसी ने कहा है- सतवंती का सत नहीं डिगता कामी कितना ही ललचाए। चंचल नारि के नैन छुपे नहीं घुंघट कितना ही लटकाए।।
@user-xj3fu6du4n3 жыл бұрын
घूंघट भारतीय सभ्यता नहीं इस्लामिक सभ्यता है और हिंदुओं पर मुसलमानों की गुलामी का प्रतीक है जोकि पूर्णतः प्रतिबंधित की जानी चाहिए। लेकिन मुझ मूर्ख को लगता है कि इस लड़की का पर्दा से तात्पर्य घूंघट कुप्रथा से है जोकि महिलाओं द्वारा अपना चेहरा ढंकने के लिए व्यवहार में लाया जाता है लेकिन पूज्य शंकराचार्य जी ने इसका अर्थ वस्त्र के प्रत्येक आवरण के रूप में ले लिया जोकि शरीर के किसी भी अंग को ढंकने के लिए प्रयुक्त किया जाता है।
@suryaprakashsharma87392 жыл бұрын
Shri Pujaniya Gurudev Shri Anant vibhushit Shrimad Jagadguru Shankaracharya Rigvediya purvamanay Goverdhan math Puri Peeth Adhishwar ke Shri Kamal Charnon mein dand wat vandan.
@deviduttdixit87942 жыл бұрын
जय जगन्नाथ
@ruchikapant68005 жыл бұрын
jinki neeyat kharab h unhe prda krna chaiye...north india k alawa baki khin bhi prda nhi hota fr bhi sbse jada crime north india m hi hote hain regarding girls... prda krna koi solution nhi h ..prda krana hi h to un logo s krao jinki njre gndi h neeyat khrb h
@prabhatnest96095 жыл бұрын
Lol. Pure duniya me mahilay burka pahanti hai.
@lakhanpalsinghchouhan56394 жыл бұрын
Male dominant society; tumhe dekh kar meri niyat na kharab ho jay isliye apna muh mujh se respect ke naam pe chipa lo
@zerotobillionsinc99664 жыл бұрын
jagat'guru ne ghooghat etc ka virodh kiya hai...agar jaroorat nhi hai to naa karein....lekin ek baat aur samajh lijiye...ye jo bollywood aur deh ke pujari aajkal women fashion bana rahe hai na....in kapdo ko pehnkar keval deh ke pujari hi attract honge...koi samajhdar purush jo apne sharir ko acche se janta hai...use isse fark nhi padega... . Acchi baat hai ki koi sunder hai...magar...agar koi keval sundar hai aur apni deh ki numaish karke paise kama raha hai....to use paise bhi rapist minded people hi de rhe hain... . Aap mujhe december ki cold mein deep neck blouse aur backless dress ki koi practical use bata dein...dukh hota hai dekhkar ki kaise naari shakti in bollywood wali nachaniyon ke chakkar se bhatak kar deh ki numaish karne me lagi hui hai...itne uncomfortable aur impractical clothes ke picche padi hai jisse keval deh ke pujari attract hote hain Namaskaram!
@ruchikapant68004 жыл бұрын
@@zerotobillionsinc9966 bollywood ki to maya hi alg h...hr glt cheej ajkl bollywood m support ki jati h..bt mera point ghughat h...ek.ldki ache s kpde phn k b apni respct bna k rkh skti h use ghughat krne ki jrurt nhi h..ye khna k ghunghat solution h k crimes nhi hnge...totally wrong. I m from uttrakhand..hmare yaha ghughat nhi hota still aap uttrakhand k crime rates chk kr skte ho comparitively baki states s in terms of girls🙏
@ruchikapant68004 жыл бұрын
@Brahmastra i am from devbhoomi uttrakhand..apse khin jada aastik hu m ..ghughat ka astha se koi lena dena nhi h bro🙏🙏
@krishsharma77624 жыл бұрын
देखिए हिंदू धर्म में जो प्रथा है वह पर्दा प्रथा नहीं है अपितु का स्वास्थ और शेर की दृष्टि से उत्तम उत्तम है जहां तक मेरा मानना है कि बड़े हैं और लंबे घूंघट जहां पर बाध्यकारी है यह मुस्लिमों द्वारा भारतीयों पर किए गए अत्याचार के कारण इस प्रथा को भारी जोर मिलाएं और यह प्रथापा अधिकारी हो गई है
@user-xj3fu6du4n3 жыл бұрын
घूंघट भारतीय सभ्यता नहीं इस्लामिक सभ्यता है और हिंदुओं पर मुसलमानों की गुलामी का प्रतीक है लेकिन मुझ मूर्ख को लगता है कि इस लड़की का पर्दा से तात्पर्य घूंघट कुप्रथा से है जोकि महिलाओं द्वारा अपना चेहरा ढंकने के लिए व्यवहार में लाया जाता है लेकिन पूज्य शंकराचार्य जी ने इसका अर्थ वस्त्र के प्रत्येक आवरण के रूप में ले लिया जोकि शरीर के किसी भी अंग को ढंकने के लिए प्रयुक्त किया जाता है।
@beprofcscs68222 жыл бұрын
Parda pratha kisi ved puran me nahi ullekhit hai. Yah sirf ek samajik sanrachna ko dhyan rakh banayi gayi hai. Jese jese samay bit raha hai Manushya ke vichar khul rahe hai kapde apne aap kam ho rahe hai. Clothing and its style are made by us. Ang ko chupana fir wo chahe male ho ya female its nowhere written but it's a necessity for us. Its a rule set by our societies in past and also as per regional climatic conditions. Aur rishi muni aaj bhi himalaya me sab tyag kar salo tapasya krte hai barf me. Par wo sadharan Manushya k bas ka nahi hai. Devi devta ya us yug ke logo ki aaj sadharan hum jese Manushyo ki koi tulna nahi hai. Param pujya jagatguru shankaracharya Maharaj ji ne jis prakar is prashna par prakash dala aur usse sirf ghungat tk simit na rakh pure vastra aur maryada ko dhyan rakh smjhaya ye sirf stri nahi purusho ke liye bhi tha jisme unhone bataya jaha kuch state me sar pr stri vastra rakhti hai to vahi kuch jgh purush bhi esa krte hai. Desh ki mahanta isme nihit hai jaha unhone udahran dete huye kaha ki jis trh sabzi khule futpath pr bikti hai pr sone k jewar Tajori me rakhe jate hai usi Prakar ghunghat bhi suraksha aur samman ke rup se hi samaj me aaya tha. Isse aur kisi soch ke sath agar hum aaj soche to ye hamari mansikta ho sakti hai pr jinhone is pratha ko samaj me laya unki nahi thi. 🙏
@chillboy6406 Жыл бұрын
पहली बात तो ये की परदा प्रथा शास्त्रों में है और दूसरी बात एक बार ये video देख लो । अगर नही भी है तो भी होनी ही चाहिए परदा प्रथा की आवश्यकता है आज के समाज को जहां हर कोई अपने जिस्म का नंगा नाच दिखा रहा है। और इस video में गुरूदेव ने उपयोगिता बताई है की हीरे मोती जवाहरात को हमेशा तिजोरी में रखते है की नही क्योंकि वो अमूल्य है तो क्या हिन्दुओं की स्त्रियां हीरे जवाहरात से कम है क्या उनका मोल तो कोई कर ही नही सकता कितनी सम्मान की बात है हिंदू महिलाओं के लिए की उनका इतना सम्मान है की उन्हे हीरे मोती से भी ज्यादा मूल्यवान बताया गया है । इस्लाम इत्यादि पंथों में जो स्त्रियों में परदा प्रथा का विकृत रूप है वो हिन्दुओं से चोरी किया हुआ ही है और उनमें शील और स्वास्थ्य की रक्षा के लिए नही अपितु मुस्लिम स्त्रियों के ऊपर शासन करने के उद्देश्य से द्वेष वश इस व्यवस्था का पालन कराया जा रहा है परन्तु हिंदू महिलाओं में हीरे जवाहरात से भी मूल्यवान समझकर उनको सम्मान देकर परदा प्रथा का पालन होता है । आज हिंदू पुरुषो को ही नही अपितु महिलाओं को भी परदा प्रथा को लागू कराने के लिए संघर्ष करना चाहिए । क्योंकि उनके सौंदर्य का मोल तभी होगा जब वो खुला नही होकर परदे में होगी। उस चीज़ के बारे में ज्यादा उत्सुकता होती है जो दिखती नही पर सबके लिए सुलभ होती है उसका कालांतर में मोल नही रहता। परदा प्रथा के विलोप से आज के समय में internet, tik tok , reels आदि पर जो नंगा नाच होता है वह परदा प्रथा के विलोप का परिणाम है । हिन्दू महिलाओं को स्वयं आगे आकर परदा प्रथा को पुन: स्थापित करना होगा जिससे वे हमेशा हीरे जवाहरात से भी मूल्यवान समझी जायेगी उनकी कदर होगी उनका मोल होगा । कितने गौरव की बात है हिंदू महिलाओं के लिए तो परदा प्रथा जब उनका मोल अनमोल हो जाता है । जब किसी मीठी चीज को खुले में रखते है तो मक्खियां भिनभिनाती है पर उसको ढककर रखने पर उसकी सुरक्षा होती है । आज बॉलीवुड अभिनेत्रियो की नकल करने के कारण सर्दियों में भी कम कपड़े पहनने के कारण उनका स्वास्थ्य साथ नही देता फिर भी इस दिखावे में उन्हें जीना है जिसके कारण स्वयं की भलाई भी नही देख पाती। ये सब बाते किसी द्वेष वश नही आपके अपने सुरक्षा के लिए है। हिंदू महिलाओं को अपना हित जरुर देखना चाहिए की वास्तव में किस चीज में अपनी भलाई, सुरक्षा, स्वास्थ्य रक्षा संभव है वही तरीका अपनाना चाहिए।
@LuxSupreme4 жыл бұрын
SwamiJi should see the ancient statues.....they do not have purdah at all.....it is a medieval concept.
@tanujsharma6884 жыл бұрын
@ब्रह्म अस्त्र but covering face is not mendatory , or is it? if yes then give me the reference to the sholaka or mantra to shastra where it's written.
@nethisuman75164 жыл бұрын
You think you know more than him about iconography? Pardah was always part of Hindu society.
@LuxSupreme4 жыл бұрын
@@nethisuman7516 maybe you should visit the ancient temples of India....including ajanta and ellora cave paintings.
@prasunsingh26914 жыл бұрын
@@LuxSupreme the massage of anjanta murtis are different from this topic ........ They represent the Private life of male and female for creation purpose....they showing the ultimate love...... You can stay nude in your bad room comfortable but you can not on the road
@hemantsharma65844 жыл бұрын
@@prasunsingh2691 I like ur rply
@Kiros99995 жыл бұрын
Shankaracharya ji ke Bhojan me din bhar Kya shamil hota Hai kripya batayein. NIROGI AUR DIRGHAYU KE LIYE HPRATYEK DIN KYA AUR KAISE KHANA CHAHIYE.
@maa75626 жыл бұрын
Jay guru dev har har mahadev jay Guru dev
@Uk_19276 жыл бұрын
परमवंदनीय गुरुदेव के दिव्य श्रीचरण कमलो में कोटी कोटी प्रणाम
@akhileshwarshukla57895 жыл бұрын
परम् पूज्य गुरुदेव गोवर्धन मठ पू री पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी श्री निश्चलानंद सरस्वती जी महाराज के श्री चरणों में सादर नमन, वंदन अभिनंदन। जय हो। हर हर महादेव।
@AKumar-cw5dk6 жыл бұрын
बिल्कुल सही। पर आजकल की लड़कियां मानती नहीँ। अपनी बेटियां भी नहीं सुनतीं। हमको दकियानूसी समझती हैँ।
@radhemeriswamnimairadhekod52255 жыл бұрын
Sahi baat Aurat admi dono k soch m safayi jaruri
@hemantkhajuriya19165 жыл бұрын
सर आप अपनो पर ही मुगल प्रथा अपनाने के लिए दवाब दे रहे हैं
@PoonamVerma-pz5xt4 жыл бұрын
@@hemantkhajuriya1916 inko knowledge h nhi faltu ka bolne ko de do bde aye sheel k rksha krne bale inko chadar odani chahiye ye samaj k thekedar sasle aurto ki piche pdte h womens ki body shaming krte h sarm kro jaise ye sant mharaj ji kr rhe h
@PoonamVerma-pz5xt4 жыл бұрын
Jis din valid point dega koi veil kyo jruri h us din m bhi veil krugi btaye to koi .........any one with valid reason
@PoonamVerma-pz5xt4 жыл бұрын
@@travelingexplorer9342 omg how can we forget that we are in men deployed country.same on u mahatma g apne sheel ki rakha kro jo bakbas bolte ho srm bhi nhi ati or liwas phnne se koi mhatma nhi ho jata vicharo se bhi bnana hota muglo ki bnayi evil custom ko do rhe h log i am a educated girl wt is wrong or right i know .
@karshnivikaspandit32296 жыл бұрын
परम परम महाराज श्री की जय
@yogiraj111116 жыл бұрын
बहुत ही सही महाराज जी
@user-xj3fu6du4n3 жыл бұрын
घूंघट भारतीय सभ्यता नहीं इस्लामिक सभ्यता है और हिंदुओं पर मुसलमानों की गुलामी का प्रतीक है जोकि पूर्णतः प्रतिबंधित की जानी चाहिए लेकिन मुझ मूर्ख को लगता है कि इस लड़की का पर्दा से तात्पर्य घूंघट कुप्रथा से है जोकि महिलाओं द्वारा अपना चेहरा ढंकने के लिए व्यवहार में लाया जाता है लेकिन पूज्य शंकराचार्य जी ने इसका अर्थ वस्त्र के प्रत्येक आवरण के रूप में ले लिया जोकि शरीर के किसी भी अंग को ढंकने के लिए प्रयुक्त किया जाता है।
@jagdambaprasadpant9102 Жыл бұрын
गुरु देव भगवान शंकराचार्य स्वामी श्री को नमन
@ramantripathi58066 жыл бұрын
शंकराचार्य भगवान की जय।
@fixearth4 жыл бұрын
poorey adar ke saath shankaracharya ji parde ko galat kah gaye. hindu dharm me koi shastra aisa nahi kahata jo sir ya mathey ko dhankne ke baat karey. kripya ye purusho par bhee lagu kare. warna hindu dharm ka naash naa karey.
@user-xj3fu6du4n3 жыл бұрын
घूंघट भारतीय सभ्यता नहीं इस्लामिक सभ्यता है और हिंदुओं पर मुसलमानों की गुलामी का प्रतीक है जोकि पूर्णतः प्रतिबंधित की जानी चाहिए। लेकिन मुझ मूर्ख को लगता है कि इस लड़की का पर्दा से तात्पर्य घूंघट कुप्रथा से है जोकि महिलाओं द्वारा अपना चेहरा ढंकने के लिए व्यवहार में लाया जाता है लेकिन पूज्य शंकराचार्य जी ने इसका अर्थ वस्त्र के प्रत्येक आवरण के रूप में ले लिया जोकि शरीर के किसी भी अंग को ढंकने के लिए प्रयुक्त किया जाता है।
@harshitsingh129777 ай бұрын
FIR SE SUNN YE VIDEO CHOMU😆
@sarvottammishra33724 жыл бұрын
Why there are no such references for ghunghat in valmiki ramayan?
@user-xj3fu6du4n3 жыл бұрын
parda pratha started in 12th century spreded in mugal period
@user-xj3fu6du4n3 жыл бұрын
घूंघट भारतीय सभ्यता नहीं इस्लामिक सभ्यता है और हिंदुओं पर मुसलमानों की गुलामी का प्रतीक है लेकिन मुझ मूर्ख को लगता है कि इस लड़की का पर्दा से तात्पर्य घूंघट कुप्रथा से है जोकि महिलाओं द्वारा अपना चेहरा ढंकने के लिए व्यवहार में लाया जाता है लेकिन पूज्य शंकराचार्य जी ने इसका अर्थ वस्त्र के प्रत्येक आवरण के रूप में ले लिया जोकि शरीर के किसी भी अंग को ढंकने के लिए प्रयुक्त किया जाता है।
@chillboy6406 Жыл бұрын
पहली बात तो ये की परदा प्रथा शास्त्रों में है और दूसरी बात एक बार ये video देख लो । अगर नही भी है तो भी होनी ही चाहिए परदा प्रथा की आवश्यकता है आज के समाज को जहां हर कोई अपने जिस्म का नंगा नाच दिखा रहा है। और इस video में गुरूदेव ने उपयोगिता बताई है की हीरे मोती जवाहरात को हमेशा तिजोरी में रखते है की नही क्योंकि वो अमूल्य है तो क्या हिन्दुओं की स्त्रियां हीरे जवाहरात से कम है क्या उनका मोल तो कोई कर ही नही सकता कितनी सम्मान की बात है हिंदू महिलाओं के लिए की उनका इतना सम्मान है की उन्हे हीरे मोती से भी ज्यादा मूल्यवान बताया गया है । इस्लाम इत्यादि पंथों में जो स्त्रियों में परदा प्रथा का विकृत रूप है वो हिन्दुओं से चोरी किया हुआ ही है और उनमें शील और स्वास्थ्य की रक्षा के लिए नही अपितु मुस्लिम स्त्रियों के ऊपर शासन करने के उद्देश्य से द्वेष वश इस व्यवस्था का पालन कराया जा रहा है परन्तु हिंदू महिलाओं में हीरे जवाहरात से भी मूल्यवान समझकर उनको सम्मान देकर परदा प्रथा का पालन होता है । आज हिंदू पुरुषो को ही नही अपितु महिलाओं को भी परदा प्रथा को लागू कराने के लिए संघर्ष करना चाहिए । क्योंकि उनके सौंदर्य का मोल तभी होगा जब वो खुला नही होकर परदे में होगी। उस चीज़ के बारे में ज्यादा उत्सुकता होती है जो दिखती नही पर सबके लिए सुलभ होती है उसका कालांतर में मोल नही रहता। परदा प्रथा के विलोप से आज के समय में internet, tik tok , reels आदि पर जो नंगा नाच होता है वह परदा प्रथा के विलोप का परिणाम है । हिन्दू महिलाओं को स्वयं आगे आकर परदा प्रथा को पुन: स्थापित करना होगा जिससे वे हमेशा हीरे जवाहरात से भी मूल्यवान समझी जायेगी उनकी कदर होगी उनका मोल होगा । कितने गौरव की बात है हिंदू महिलाओं के लिए तो परदा प्रथा जब उनका मोल अनमोल हो जाता है । जब किसी मीठी चीज को खुले में रखते है तो मक्खियां भिनभिनाती है पर उसको ढककर रखने पर उसकी सुरक्षा होती है । आज बॉलीवुड अभिनेत्रियो की नकल करने के कारण सर्दियों में भी कम कपड़े पहनने के कारण उनका स्वास्थ्य साथ नही देता फिर भी इस दिखावे में उन्हें जीना है जिसके कारण स्वयं की भलाई भी नही देख पाती। ये सब बाते किसी द्वेष वश नही आपके अपने सुरक्षा के लिए है। हिंदू महिलाओं को अपना हित जरुर देखना चाहिए की वास्तव में किस चीज में अपनी भलाई, सुरक्षा, स्वास्थ्य रक्षा संभव है वही तरीका अपनाना चाहिए।
@rudraadityamandal61268 ай бұрын
@@user-xj3fu6du4nAgar dharm kuch gyan nehi to mat type karo
@explorerexposer79036 жыл бұрын
" श्री ओम तत्सत श्री ओम शांति श्री ओम शंकर " मंत्र कब और कैसे बोलना चाहिये ? मैं चलते उठते बैठते रात को सोते समय ये मंत्र पढता हूँ । ये सही है या गलत ? कृपया मार्ग दर्शन करें।
@dipalisengupta55633 жыл бұрын
JAISREE RADHEY KRSNA 🌹🌿 JAI GURUDEV Maharajji dandavat Pranam 🍁🌿🌹🌿 toh deviya bahar kam karna chod de aur ghar mei pardha kiye baithi rahe??
@chillboy6406 Жыл бұрын
पहली बात तो ये की परदा प्रथा शास्त्रों में है और दूसरी बात एक बार ये video देख लो । अगर नही भी है तो भी होनी ही चाहिए परदा प्रथा की आवश्यकता है आज के समाज को जहां हर कोई अपने जिस्म का नंगा नाच दिखा रहा है। और इस video में गुरूदेव ने उपयोगिता बताई है की हीरे मोती जवाहरात को हमेशा तिजोरी में रखते है की नही क्योंकि वो अमूल्य है तो क्या हिन्दुओं की स्त्रियां हीरे जवाहरात से कम है क्या उनका मोल तो कोई कर ही नही सकता कितनी सम्मान की बात है हिंदू महिलाओं के लिए की उनका इतना सम्मान है की उन्हे हीरे मोती से भी ज्यादा मूल्यवान बताया गया है । इस्लाम इत्यादि पंथों में जो स्त्रियों में परदा प्रथा का विकृत रूप है वो हिन्दुओं से चोरी किया हुआ ही है और उनमें शील और स्वास्थ्य की रक्षा के लिए नही अपितु मुस्लिम स्त्रियों के ऊपर शासन करने के उद्देश्य से द्वेष वश इस व्यवस्था का पालन कराया जा रहा है परन्तु हिंदू महिलाओं में हीरे जवाहरात से भी मूल्यवान समझकर उनको सम्मान देकर परदा प्रथा का पालन होता है । आज हिंदू पुरुषो को ही नही अपितु महिलाओं को भी परदा प्रथा को लागू कराने के लिए संघर्ष करना चाहिए । क्योंकि उनके सौंदर्य का मोल तभी होगा जब वो खुला नही होकर परदे में होगी। उस चीज़ के बारे में ज्यादा उत्सुकता होती है जो दिखती नही पर सबके लिए सुलभ होती है उसका कालांतर में मोल नही रहता। परदा प्रथा के विलोप से आज के समय में internet, tik tok , reels आदि पर जो नंगा नाच होता है वह परदा प्रथा के विलोप का परिणाम है । हिन्दू महिलाओं को स्वयं आगे आकर परदा प्रथा को पुन: स्थापित करना होगा जिससे वे हमेशा हीरे जवाहरात से भी मूल्यवान समझी जायेगी उनकी कदर होगी उनका मोल होगा । कितने गौरव की बात है हिंदू महिलाओं के लिए तो परदा प्रथा जब उनका मोल अनमोल हो जाता है । जब किसी मीठी चीज को खुले में रखते है तो मक्खियां भिनभिनाती है पर उसको ढककर रखने पर उसकी सुरक्षा होती है । आज बॉलीवुड अभिनेत्रियो की नकल करने के कारण सर्दियों में भी कम कपड़े पहनने के कारण उनका स्वास्थ्य साथ नही देता फिर भी इस दिखावे में उन्हें जीना है जिसके कारण स्वयं की भलाई भी नही देख पाती। ये सब बाते किसी द्वेष वश नही आपके अपने सुरक्षा के लिए है। हिंदू महिलाओं को अपना हित जरुर देखना चाहिए की वास्तव में किस चीज में अपनी भलाई, सुरक्षा, स्वास्थ्य रक्षा संभव है वही तरीका अपनाना चाहिए।
@sankalpsrivastava13124 ай бұрын
chuskon se hai kya aap 😅
@pushpasharma94976 жыл бұрын
Maharaj bharat me perfectly ka kya Kam . Hidudharm uchcharan ka Dharm h
@wayforward2192 жыл бұрын
Prabhu 🥺🥺🥺🧡
@shashitripathianshu99679 ай бұрын
🙏❤🙏❤🙏❤🙏❤🙏❤
@ramantripathi58066 жыл бұрын
कोटि कोटि नमन।
@dhoopsinghmalik9195 Жыл бұрын
ओम ऋषि- मुनिवर को कोटि- कोटि चरण वन्दन ।
@ashokroutray46585 жыл бұрын
MARYADA REHENA CHAIYE....RAKHYASH KELIYE PARDE KI MAYENE NAHIN RAKHTA.....AAJ KI SAMAYA ME NARI EK SANTULIT PEHENAWA RAKHNA CHAIYE....KARAN.....YE AANKH PAAPI KI HAI.....
@PoonamVerma-pz5xt4 жыл бұрын
Papiyo ko suli per chadao ouro ko kyo dukhi krte h
@user-xj3fu6du4n3 жыл бұрын
घूंघट भारतीय सभ्यता नहीं इस्लामिक सभ्यता है और हिंदुओं पर मुसलमानों की गुलामी का प्रतीक है जोकि पूर्णतः प्रतिबंधित की जानी चाहिए लेकिन मुझ मूर्ख को लगता है कि इस लड़की का पर्दा से तात्पर्य घूंघट कुप्रथा से है जोकि महिलाओं द्वारा अपना चेहरा ढंकने के लिए व्यवहार में लाया जाता है लेकिन पूज्य शंकराचार्य जी ने इसका अर्थ वस्त्र के प्रत्येक आवरण के रूप में ले लिया जोकि शरीर के किसी भी अंग को ढंकने के लिए प्रयुक्त किया जाता है।
@chillboy6406 Жыл бұрын
पहली बात तो ये की परदा प्रथा शास्त्रों में है और दूसरी बात एक बार ये video देख लो । अगर नही भी है तो भी होनी ही चाहिए परदा प्रथा की आवश्यकता है आज के समाज को जहां हर कोई अपने जिस्म का नंगा नाच दिखा रहा है। और इस video में गुरूदेव ने उपयोगिता बताई है की हीरे मोती जवाहरात को हमेशा तिजोरी में रखते है की नही क्योंकि वो अमूल्य है तो क्या हिन्दुओं की स्त्रियां हीरे जवाहरात से कम है क्या उनका मोल तो कोई कर ही नही सकता कितनी सम्मान की बात है हिंदू महिलाओं के लिए की उनका इतना सम्मान है की उन्हे हीरे मोती से भी ज्यादा मूल्यवान बताया गया है । इस्लाम इत्यादि पंथों में जो स्त्रियों में परदा प्रथा का विकृत रूप है वो हिन्दुओं से चोरी किया हुआ ही है और उनमें शील और स्वास्थ्य की रक्षा के लिए नही अपितु मुस्लिम स्त्रियों के ऊपर शासन करने के उद्देश्य से द्वेष वश इस व्यवस्था का पालन कराया जा रहा है परन्तु हिंदू महिलाओं में हीरे जवाहरात से भी मूल्यवान समझकर उनको सम्मान देकर परदा प्रथा का पालन होता है । आज हिंदू पुरुषो को ही नही अपितु महिलाओं को भी परदा प्रथा को लागू कराने के लिए संघर्ष करना चाहिए । क्योंकि उनके सौंदर्य का मोल तभी होगा जब वो खुला नही होकर परदे में होगी। उस चीज़ के बारे में ज्यादा उत्सुकता होती है जो दिखती नही पर सबके लिए सुलभ होती है उसका कालांतर में मोल नही रहता। परदा प्रथा के विलोप से आज के समय में internet, tik tok , reels आदि पर जो नंगा नाच होता है वह परदा प्रथा के विलोप का परिणाम है । हिन्दू महिलाओं को स्वयं आगे आकर परदा प्रथा को पुन: स्थापित करना होगा जिससे वे हमेशा हीरे जवाहरात से भी मूल्यवान समझी जायेगी उनकी कदर होगी उनका मोल होगा । कितने गौरव की बात है हिंदू महिलाओं के लिए तो परदा प्रथा जब उनका मोल अनमोल हो जाता है । जब किसी मीठी चीज को खुले में रखते है तो मक्खियां भिनभिनाती है पर उसको ढककर रखने पर उसकी सुरक्षा होती है । आज बॉलीवुड अभिनेत्रियो की नकल करने के कारण सर्दियों में भी कम कपड़े पहनने के कारण उनका स्वास्थ्य साथ नही देता फिर भी इस दिखावे में उन्हें जीना है जिसके कारण स्वयं की भलाई भी नही देख पाती। ये सब बाते किसी द्वेष वश नही आपके अपने सुरक्षा के लिए है। हिंदू महिलाओं को अपना हित जरुर देखना चाहिए की वास्तव में किस चीज में अपनी भलाई, सुरक्षा, स्वास्थ्य रक्षा संभव है वही तरीका अपनाना चाहिए।
@harshitsingh129777 ай бұрын
@@PoonamVerma-pz5xt APKO PATA HAI KI AAJ YE VYAKTI JO APKE SAMNE KHADA HAI APKE SATH AGLE PAL BURA KREGA ? FIR SOOLI PAR KISKO CHADAOGI? ISSE ACCHA HAI AAP DECENCY MAINTAIN KARIYE TAKI VO ATTRACT NA HO PAYE HERE HINDU GIRLS SHOULD LEARN FROM MUSLIM GIRLS
@sanatanimohit47022 жыл бұрын
Ham apki is baat se sahemat nahi hai. Guru ji
@digeshkumar74132 жыл бұрын
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
@akhileshshastri12783 жыл бұрын
The 'Parda' system is foreign-imposed. India never had such a conservative outlook towards women's bodies. Other than covering essential parts there's no significance of Parda. I beg to differ on this topic.
@joshiji5613 жыл бұрын
What are essential parts????????
@akhileshshastri12783 жыл бұрын
@@joshiji561 The ones that are Not Safe For Work (NSFW). You wouldn't want a bare-busted woman (or for that matter even a Man) walking up for work. But you can certainly tolerate them coming without covering their faces (unless mandated externally in case of calamities like Covid). We talk about Sanatana Dharma being the 'Shreshtha' but all of it is futile if we are following the suits of a certain monotheistic religion and their age-old impositions. I admire Shankaracharya and his darshanik upadesh but I beg to differ here.
@user-xj3fu6du4n3 жыл бұрын
अपने पति से बड़ी उम्र के व्यक्ति से घूंघट किया जाता है। लेकिन कुछ शक्की लोग देवरों के आगे भी भाभियों से जबरदस्ती घूंघट करवाते हैं और कुछ ढोंगी स्त्रियां भी अपने आप को संस्कारी दिखाने के लिए खुद ही देवरों के आगे भी................. ये घूंघट व बुर्का हिजाब सारी ही कुप्रथा खत्म होनी ही चाहिए।
@user-xj3fu6du4n3 жыл бұрын
घूंघट भारतीय सभ्यता नहीं इस्लामिक सभ्यता है और हिंदुओं पर मुसलमानों की गुलामी का प्रतीक है लेकिन मुझ मूर्ख को लगता है कि इस लड़की का पर्दा से तात्पर्य घूंघट कुप्रथा से है जोकि महिलाओं द्वारा अपना चेहरा ढंकने के लिए व्यवहार में लाया जाता है लेकिन पूज्य शंकराचार्य जी ने इसका अर्थ वस्त्र के प्रत्येक आवरण के रूप में ले लिया जोकि शरीर के किसी भी अंग को ढंकने के लिए प्रयुक्त किया जाता है।
@chillboy6406 Жыл бұрын
पहली बात तो ये की परदा प्रथा शास्त्रों में है और दूसरी बात एक बार ये video देख लो । अगर नही भी है तो भी होनी ही चाहिए परदा प्रथा की आवश्यकता है आज के समाज को जहां हर कोई अपने जिस्म का नंगा नाच दिखा रहा है। और इस video में गुरूदेव ने उपयोगिता बताई है की हीरे मोती जवाहरात को हमेशा तिजोरी में रखते है की नही क्योंकि वो अमूल्य है तो क्या हिन्दुओं की स्त्रियां हीरे जवाहरात से कम है क्या उनका मोल तो कोई कर ही नही सकता कितनी सम्मान की बात है हिंदू महिलाओं के लिए की उनका इतना सम्मान है की उन्हे हीरे मोती से भी ज्यादा मूल्यवान बताया गया है । इस्लाम इत्यादि पंथों में जो स्त्रियों में परदा प्रथा का विकृत रूप है वो हिन्दुओं से चोरी किया हुआ ही है और उनमें शील और स्वास्थ्य की रक्षा के लिए नही अपितु मुस्लिम स्त्रियों के ऊपर शासन करने के उद्देश्य से द्वेष वश इस व्यवस्था का पालन कराया जा रहा है परन्तु हिंदू महिलाओं में हीरे जवाहरात से भी मूल्यवान समझकर उनको सम्मान देकर परदा प्रथा का पालन होता है । आज हिंदू पुरुषो को ही नही अपितु महिलाओं को भी परदा प्रथा को लागू कराने के लिए संघर्ष करना चाहिए । क्योंकि उनके सौंदर्य का मोल तभी होगा जब वो खुला नही होकर परदे में होगी। उस चीज़ के बारे में ज्यादा उत्सुकता होती है जो दिखती नही पर सबके लिए सुलभ होती है उसका कालांतर में मोल नही रहता। परदा प्रथा के विलोप से आज के समय में internet, tik tok , reels आदि पर जो नंगा नाच होता है वह परदा प्रथा के विलोप का परिणाम है । हिन्दू महिलाओं को स्वयं आगे आकर परदा प्रथा को पुन: स्थापित करना होगा जिससे वे हमेशा हीरे जवाहरात से भी मूल्यवान समझी जायेगी उनकी कदर होगी उनका मोल होगा । कितने गौरव की बात है हिंदू महिलाओं के लिए तो परदा प्रथा जब उनका मोल अनमोल हो जाता है । जब किसी मीठी चीज को खुले में रखते है तो मक्खियां भिनभिनाती है पर उसको ढककर रखने पर उसकी सुरक्षा होती है । आज बॉलीवुड अभिनेत्रियो की नकल करने के कारण सर्दियों में भी कम कपड़े पहनने के कारण उनका स्वास्थ्य साथ नही देता फिर भी इस दिखावे में उन्हें जीना है जिसके कारण स्वयं की भलाई भी नही देख पाती। ये सब बाते किसी द्वेष वश नही आपके अपने सुरक्षा के लिए है। हिंदू महिलाओं को अपना हित जरुर देखना चाहिए की वास्तव में किस चीज में अपनी भलाई, सुरक्षा, स्वास्थ्य रक्षा संभव है वही तरीका अपनाना चाहिए।
@prashantpandya92503 жыл бұрын
🙏आचार्य। आप को विदित हो कि सुरा भी भूमि, जल, आवरण आदि से बनती है तो सुरापान भी धर्मसंगत होना चाहिए। अत्यंत शीत तापमान में सुरा शरीरस्थ अग्नि की रक्षा भी करती है। सुरापान से लोग सत्य भी बोलते है जो अन्यथा नहीं बोलते। वैसे आचार्य ने वेद, पुराण, शास्त्र कथन को आधार बनाकर नहीं बतायी है यह बात। आचार्य के स्वयं के विचार जैसा अधिक लगता है। हो सकता है कि आचार्य जिस समाजव्यवस्था से आए हैं उस समाजव्यवस्था में घुंघटप्रथा का लोकाचार हो और आचार्य की स्वयं की अवधारणा का आधार लोकाचार हो। परंतु यहाँ प्रश्नकर्त्ता ने धार्मिक शास्त्रसंगत शास्त्रानुसार उत्तर की आशा से प्रश्न पूछा है। वैसे आचार्य ने कई बार संकेत किये है कि कई बार कई सारी बातें ध्यान में रखकर उनको वाणीप्रयोग करना पडता है।
@user-xj3fu6du4n3 жыл бұрын
घूंघट भारतीय सभ्यता नहीं इस्लामिक सभ्यता है और हिंदुओं पर मुसलमानों की गुलामी का प्रतीक है जोकि पूर्णतः प्रतिबंधित की जानी चाहिए लेकिन मुझ मूर्ख को लगता है कि इस लड़की का पर्दा से तात्पर्य घूंघट कुप्रथा से है जोकि महिलाओं द्वारा अपना चेहरा ढंकने के लिए व्यवहार में लाया जाता है लेकिन पूज्य शंकराचार्य जी ने इसका अर्थ वस्त्र के प्रत्येक आवरण के रूप में ले लिया जोकि शरीर के किसी भी अंग को ढंकने के लिए प्रयुक्त किया जाता है।
@chillboy6406 Жыл бұрын
पहली बात तो ये की परदा प्रथा शास्त्रों में है और दूसरी बात एक बार ये video देख लो । अगर नही भी है तो भी होनी ही चाहिए परदा प्रथा की आवश्यकता है आज के समाज को जहां हर कोई अपने जिस्म का नंगा नाच दिखा रहा है। और इस video में गुरूदेव ने उपयोगिता बताई है की हीरे मोती जवाहरात को हमेशा तिजोरी में रखते है की नही क्योंकि वो अमूल्य है तो क्या हिन्दुओं की स्त्रियां हीरे जवाहरात से कम है क्या उनका मोल तो कोई कर ही नही सकता कितनी सम्मान की बात है हिंदू महिलाओं के लिए की उनका इतना सम्मान है की उन्हे हीरे मोती से भी ज्यादा मूल्यवान बताया गया है । इस्लाम इत्यादि पंथों में जो स्त्रियों में परदा प्रथा का विकृत रूप है वो हिन्दुओं से चोरी किया हुआ ही है और उनमें शील और स्वास्थ्य की रक्षा के लिए नही अपितु मुस्लिम स्त्रियों के ऊपर शासन करने के उद्देश्य से द्वेष वश इस व्यवस्था का पालन कराया जा रहा है परन्तु हिंदू महिलाओं में हीरे जवाहरात से भी मूल्यवान समझकर उनको सम्मान देकर परदा प्रथा का पालन होता है । आज हिंदू पुरुषो को ही नही अपितु महिलाओं को भी परदा प्रथा को लागू कराने के लिए संघर्ष करना चाहिए । क्योंकि उनके सौंदर्य का मोल तभी होगा जब वो खुला नही होकर परदे में होगी। उस चीज़ के बारे में ज्यादा उत्सुकता होती है जो दिखती नही पर सबके लिए सुलभ होती है उसका कालांतर में मोल नही रहता। परदा प्रथा के विलोप से आज के समय में internet, tik tok , reels आदि पर जो नंगा नाच होता है वह परदा प्रथा के विलोप का परिणाम है । हिन्दू महिलाओं को स्वयं आगे आकर परदा प्रथा को पुन: स्थापित करना होगा जिससे वे हमेशा हीरे जवाहरात से भी मूल्यवान समझी जायेगी उनकी कदर होगी उनका मोल होगा । कितने गौरव की बात है हिंदू महिलाओं के लिए तो परदा प्रथा जब उनका मोल अनमोल हो जाता है । जब किसी मीठी चीज को खुले में रखते है तो मक्खियां भिनभिनाती है पर उसको ढककर रखने पर उसकी सुरक्षा होती है । आज बॉलीवुड अभिनेत्रियो की नकल करने के कारण सर्दियों में भी कम कपड़े पहनने के कारण उनका स्वास्थ्य साथ नही देता फिर भी इस दिखावे में उन्हें जीना है जिसके कारण स्वयं की भलाई भी नही देख पाती। ये सब बाते किसी द्वेष वश नही आपके अपने सुरक्षा के लिए है। हिंदू महिलाओं को अपना हित जरुर देखना चाहिए की वास्तव में किस चीज में अपनी भलाई, सुरक्षा, स्वास्थ्य रक्षा संभव है वही तरीका अपनाना चाहिए।
@SatyaisDharma11 ай бұрын
क्या रामायण अथवा महाभारत में कहीं पर्दा प्रथा है ? यदि आपको कीमती मन कर तिजोरी अंदर तिजोरी में रखा जाए तो इसे आप अपना मान समझेंगे? बहुत दुखद है कि शंकराचार्य तक इन विषयों में शास्त्रों से दूर हैं और आक्रांताओं की परंपराओं का भी अनुमोदन करने लगते हैं।
@deepakpandey1786 Жыл бұрын
JAY SHREE KRISHNA. PUJNIYA SANTA MAHATMA SHANKARACHARYAG KI ANANTA JAY SATYUGA KI ANANTA JAY
@MOHITSINGH-lx6by6 жыл бұрын
maine aaj tak MATA LAKSHMI,SITA,SARASWATI, KALI MAA,,, RADHA RANI... ETC ETC... kisi bhi mata ka chitra maine parde m nhi dekha!!!! parda pratha ko justify krna kaha tk sahi h???? or agar rabadi,mithayi ko bchane k liye parda h... to Burqe m kya problem h... maharaj ji fir to burqa bhi bdhiya h...
@rishabhsamak6 жыл бұрын
MOHIT SINGH bhai I agree with you. You have to turn to history to see why it started ...when Mughals started abduction of beautiful women....Indians had no other option....even the Bhabhi of Shivaji Maharaj was kidnapped by Mughals....I respect Swami nischalanand but even adi Shankaracharya covered his head ..
@ajaybhargavan77786 жыл бұрын
sanyAsi covering their head it significe that they Dont have desires
@ajaybhargavan77786 жыл бұрын
Well now why days people comparing themselfs with Devi and devatas but bitter truth is We humans have arishadvargas ,which is not their in devatas
@AKumar-cw5dk6 жыл бұрын
MOHIT SINGH नंगा भी कोई चित्र नहीं है।
@ayushvasurudragour4276 жыл бұрын
इसलिए नहीं देखा क्यूंकि वह देवियां हैं मनुष्य नहीं हैं, अगर महिलाऐं देवियों की ही तरह से बरतना चालु कर दें तो क्या तुम उन से विवाह कर के सम्भोग कर के दाम्पत्य सुख का आनंद लोगे ? देवियां और देवता पूजने के लिए हैं उनकी बराबरी करने की सोचना मूर्खतापूर्ण है , आप उन्ही देवियों के मनुष्य अवतारों को देख कर उनका अनुसरण कर सकते हो जैसे माता सीता, श्री रुक्मणि देवी इत्यादि।
@kmisri-yr9nx5 жыл бұрын
🙏pranam guruji dhanya ho ap, koti koti vandan🙏🙏🙏🙏🙏
@opporealme47374 жыл бұрын
धन्यवाद
@ronniesingh54245 жыл бұрын
Agree with swami jii
@user-xj3fu6du4n3 жыл бұрын
घूंघट भारतीय सभ्यता नहीं इस्लामिक सभ्यता है और हिंदुओं पर मुसलमानों की गुलामी का प्रतीक है जोकि पूर्णतः प्रतिबंधित की जानी चाहिए लेकिन मुझ मूर्ख को लगता है कि इस लड़की का पर्दा से तात्पर्य घूंघट कुप्रथा से है जोकि महिलाओं द्वारा अपना चेहरा ढंकने के लिए व्यवहार में लाया जाता है लेकिन पूज्य शंकराचार्य जी ने इसका अर्थ वस्त्र के प्रत्येक आवरण के रूप में ले लिया जोकि शरीर के किसी भी अंग को ढंकने के लिए प्रयुक्त किया जाता है।
@chillboy6406 Жыл бұрын
@@user-xj3fu6du4n पहली बात तो ये की परदा प्रथा शास्त्रों में है और दूसरी बात एक बार ये video देख लो । अगर नही भी है तो भी होनी ही चाहिए परदा प्रथा की आवश्यकता है आज के समाज को जहां हर कोई अपने जिस्म का नंगा नाच दिखा रहा है। और इस video में गुरूदेव ने उपयोगिता बताई है की हीरे मोती जवाहरात को हमेशा तिजोरी में रखते है की नही क्योंकि वो अमूल्य है तो क्या हिन्दुओं की स्त्रियां हीरे जवाहरात से कम है क्या उनका मोल तो कोई कर ही नही सकता कितनी सम्मान की बात है हिंदू महिलाओं के लिए की उनका इतना सम्मान है की उन्हे हीरे मोती से भी ज्यादा मूल्यवान बताया गया है । इस्लाम इत्यादि पंथों में जो स्त्रियों में परदा प्रथा का विकृत रूप है वो हिन्दुओं से चोरी किया हुआ ही है और उनमें शील और स्वास्थ्य की रक्षा के लिए नही अपितु मुस्लिम स्त्रियों के ऊपर शासन करने के उद्देश्य से द्वेष वश इस व्यवस्था का पालन कराया जा रहा है परन्तु हिंदू महिलाओं में हीरे जवाहरात से भी मूल्यवान समझकर उनको सम्मान देकर परदा प्रथा का पालन होता है । आज हिंदू पुरुषो को ही नही अपितु महिलाओं को भी परदा प्रथा को लागू कराने के लिए संघर्ष करना चाहिए । क्योंकि उनके सौंदर्य का मोल तभी होगा जब वो खुला नही होकर परदे में होगी। उस चीज़ के बारे में ज्यादा उत्सुकता होती है जो दिखती नही पर सबके लिए सुलभ होती है उसका कालांतर में मोल नही रहता। परदा प्रथा के विलोप से आज के समय में internet, tik tok , reels आदि पर जो नंगा नाच होता है वह परदा प्रथा के विलोप का परिणाम है । हिन्दू महिलाओं को स्वयं आगे आकर परदा प्रथा को पुन: स्थापित करना होगा जिससे वे हमेशा हीरे जवाहरात से भी मूल्यवान समझी जायेगी उनकी कदर होगी उनका मोल होगा । कितने गौरव की बात है हिंदू महिलाओं के लिए तो परदा प्रथा जब उनका मोल अनमोल हो जाता है । जब किसी मीठी चीज को खुले में रखते है तो मक्खियां भिनभिनाती है पर उसको ढककर रखने पर उसकी सुरक्षा होती है । आज बॉलीवुड अभिनेत्रियो की नकल करने के कारण सर्दियों में भी कम कपड़े पहनने के कारण उनका स्वास्थ्य साथ नही देता फिर भी इस दिखावे में उन्हें जीना है जिसके कारण स्वयं की भलाई भी नही देख पाती। ये सब बाते किसी द्वेष वश नही आपके अपने सुरक्षा के लिए है। हिंदू महिलाओं को अपना हित जरुर देखना चाहिए की वास्तव में किस चीज में अपनी भलाई, सुरक्षा, स्वास्थ्य रक्षा संभव है वही तरीका अपनाना चाहिए।
@user-xj3fu6du4n Жыл бұрын
@@chillboy6406 महिलाओं द्वारा पर्दा कुप्रथा के किसी भी रूप का पूर्णतः उन्मूलन करने का यह तात्पर्य कतई नहीं है कि महिलाओं द्वारा किसी भी प्रकार की लोक - लाज , सभ्यता और मर्यादा का त्याग करके असभ्य व अश्लील व्यवहार किया जाए या किसी भी प्रकार का असभ्य व अश्लील परिधान धारण किया जाए। पर्दा कुप्रथा उन्मूलन से मेरा तात्पर्य है महिला द्वारा अपने चेहरे को ना ढंकना। इसका यह अर्थ कतई नहीं है कि महिलाओं को अश्लील परिधान पहनने की छूट दी जाए।
@muskanduseja94704 жыл бұрын
guru ji ye sab badlaio kiyon huwa
@user-xj3fu6du4n3 жыл бұрын
घूंघट भारतीय सभ्यता नहीं इस्लामिक सभ्यता है और हिंदुओं पर मुसलमानों की गुलामी का प्रतीक है जोकि पूर्णतः प्रतिबंधित की जानी चाहिए लेकिन मुझ मूर्ख को लगता है कि इस लड़की का पर्दा से तात्पर्य घूंघट कुप्रथा से है जोकि महिलाओं द्वारा अपना चेहरा ढंकने के लिए व्यवहार में लाया जाता है लेकिन पूज्य शंकराचार्य जी ने इसका अर्थ वस्त्र के प्रत्येक आवरण के रूप में ले लिया जोकि शरीर के किसी भी अंग को ढंकने के लिए प्रयुक्त किया जाता है।
@laxmibai77384 жыл бұрын
Rani Laxmibai aur aur bhi virangnayein hain, unke sth to aisa nahi hua, unhe to parde me nahi rakha gaya.
@user-ry1nw8zh3p3 жыл бұрын
O थोड़ी ना आज की तरह कपड़े पहनती थी सिस्टर
@unnameduser82613 жыл бұрын
@@user-ry1nw8zh3p Vedic kaal me aurate blouse bhi nai pehenti thi aur na hi ghunghat dalti thi..unke saath kabhi bura nai hua..kyuki uss kaal me log Gyan ko importance dete the. Sab praani ko aatma roop me dekhte the. Aaj ek do saal ke bachhi ke sath bhi rape ho jata hai..aaj ka mard kutto jaisa hai sirf sharir ka bhooka.
@lipikb98323 жыл бұрын
Lagta hai dhyan se suna nahi Parda samay isthiti praivesh and adhikari per based hai Ab jab bahri akranta kevel stri aur dhan he lootne aaye to kya karoge dhako ge ya bachao ge
@user-xj3fu6du4n3 жыл бұрын
घूंघट भारतीय सभ्यता नहीं इस्लामिक सभ्यता है और हिंदुओं पर मुसलमानों की गुलामी का प्रतीक है लेकिन मुझ मूर्ख को लगता है कि इस लड़की का पर्दा से तात्पर्य घूंघट कुप्रथा से है जोकि महिलाओं द्वारा अपना चेहरा ढंकने के लिए व्यवहार में लाया जाता है लेकिन पूज्य शंकराचार्य जी ने इसका अर्थ वस्त्र के प्रत्येक आवरण के रूप में ले लिया जोकि शरीर के किसी भी अंग को ढंकने के लिए प्रयुक्त किया जाता है।
@chessmuch29762 жыл бұрын
@@lipikb9832 lade ge chupna napunsako ka kam hai
@ShahidHussain-mt9zw3 жыл бұрын
Mujhe to laga ye swami ji parda ko galat kahege kio ki Kuchh to hindu aurat ki parda ke liye bhi musalmano ko jimmewar kahte Hain
@user-xj3fu6du4n3 жыл бұрын
घूंघट भारतीय सभ्यता नहीं इस्लामिक सभ्यता है और हिंदुओं पर मुसलमानों की गुलामी का प्रतीक है लेकिन मुझ मूर्ख को लगता है कि इस लड़की का पर्दा से तात्पर्य घूंघट कुप्रथा से है जोकि महिलाओं द्वारा अपना चेहरा ढंकने के लिए व्यवहार में लाया जाता है लेकिन पूज्य शंकराचार्य जी ने इसका अर्थ वस्त्र के प्रत्येक आवरण के रूप में ले लिया जोकि शरीर के किसी भी अंग को ढंकने के लिए प्रयुक्त किया जाता है।
@iyerism65773 жыл бұрын
Yes even in Hinduism like islam, in rigvedas its mentioned that women must cover complete body.. Even saree is not correct
@iyerism65773 жыл бұрын
@Roguejin Da ghunghat culture was present before islamic invasions also
@iyerism65773 жыл бұрын
@Roguejin Da no, do u have any proof?
@gurpreetkaurdhillon84043 жыл бұрын
@@iyerism6577 see ancient statues of indian women.
@lotanmore25366 жыл бұрын
प्रणाम
@ravishankarsuthar6 жыл бұрын
Sahi kehte h maraj
@user-xj3fu6du4n3 жыл бұрын
घूंघट भारतीय सभ्यता नहीं इस्लामिक सभ्यता है और हिंदुओं पर मुसलमानों की गुलामी का प्रतीक है जोकि पूर्णतः प्रतिबंधित की जानी चाहिए लेकिन मुझ मूर्ख को लगता है कि इस लड़की का पर्दा से तात्पर्य घूंघट कुप्रथा से है जोकि महिलाओं द्वारा अपना चेहरा ढंकने के लिए व्यवहार में लाया जाता है लेकिन पूज्य शंकराचार्य जी ने इसका अर्थ वस्त्र के प्रत्येक आवरण के रूप में ले लिया जोकि शरीर के किसी भी अंग को ढंकने के लिए प्रयुक्त किया जाता है।
@yogi80442 жыл бұрын
Sita ji ya Draupadi n many other vidushi mahila kabhi parda nahi karti ye sanatan hindu sanskriti ke nahi balki muslim mazhab ka diya hua ek riwaaz hi
@chillboy6406 Жыл бұрын
किसने कहा सीताजी द्रौपदी इत्यादि नहीं करती serial देखकर ऐसा ही होता है। अनुसूया इतनी पतिव्रता नारी थी जिन्होंने अपने ऊपर पुरे जीवन में पर पुरुष की छाया तक नही पड़ने दी । इतनी पतिव्रता स्त्री के तप का प्रभाव क्या होता है ??? उनके आगे ब्रह्मा विष्णु महेश भी नही ठहर सकते। पहली बात तो ये की परदा प्रथा शास्त्रों में है और दूसरी बात एक बार ये video देख लो । अगर नही भी है तो भी होनी ही चाहिए परदा प्रथा की आवश्यकता है आज के समाज को जहां हर कोई अपने जिस्म का नंगा नाच दिखा रहा है। और इस video में गुरूदेव ने उपयोगिता बताई है की हीरे मोती जवाहरात को हमेशा तिजोरी में रखते है की नही क्योंकि वो अमूल्य है तो क्या हिन्दुओं की स्त्रियां हीरे जवाहरात से कम है क्या उनका मोल तो कोई कर ही नही सकता कितनी सम्मान की बात है हिंदू महिलाओं के लिए की उनका इतना सम्मान है की उन्हे हीरे मोती से भी ज्यादा मूल्यवान बताया गया है । इस्लाम इत्यादि पंथों में जो स्त्रियों में परदा प्रथा का विकृत रूप है वो हिन्दुओं से चोरी किया हुआ ही है और उनमें शील और स्वास्थ्य की रक्षा के लिए नही अपितु मुस्लिम स्त्रियों के ऊपर शासन करने के उद्देश्य से द्वेष वश इस व्यवस्था का पालन कराया जा रहा है परन्तु हिंदू महिलाओं में हीरे जवाहरात से भी मूल्यवान समझकर उनको सम्मान देकर परदा प्रथा का पालन होता है । आज हिंदू पुरुषो को ही नही अपितु महिलाओं को भी परदा प्रथा को लागू कराने के लिए संघर्ष करना चाहिए । क्योंकि उनके सौंदर्य का मोल तभी होगा जब वो खुला नही होकर परदे में होगी। उस चीज़ के बारे में ज्यादा उत्सुकता होती है जो दिखती नही पर सबके लिए सुलभ होती है उसका कालांतर में मोल नही रहता। परदा प्रथा के विलोप से आज के समय में internet, tik tok , reels आदि पर जो नंगा नाच होता है वह परदा प्रथा के विलोप का परिणाम है । हिन्दू महिलाओं को स्वयं आगे आकर परदा प्रथा को पुन: स्थापित करना होगा जिससे वे हमेशा हीरे जवाहरात से भी मूल्यवान समझी जायेगी उनकी कदर होगी उनका मोल होगा । कितने गौरव की बात है हिंदू महिलाओं के लिए तो परदा प्रथा जब उनका मोल अनमोल हो जाता है । जब किसी मीठी चीज को खुले में रखते है तो मक्खियां भिनभिनाती है पर उसको ढककर रखने पर उसकी सुरक्षा होती है । आज बॉलीवुड अभिनेत्रियो की नकल करने के कारण सर्दियों में भी कम कपड़े पहनने के कारण उनका स्वास्थ्य साथ नही देता फिर भी इस दिखावे में उन्हें जीना है जिसके कारण स्वयं की भलाई भी नही देख पाती। ये सब बाते किसी द्वेष वश नही आपके अपने सुरक्षा के लिए है। हिंदू महिलाओं को अपना हित जरुर देखना चाहिए की वास्तव में किस चीज में अपनी भलाई, सुरक्षा, स्वास्थ्य रक्षा संभव है वही तरीका अपनाना चाहिए।
@FaisalKhan-nz5bz2 жыл бұрын
He's genius ☺️
@saniatamanna77632 жыл бұрын
Yes
@lakhanpalsinghchouhan56394 жыл бұрын
Women objectification wali bate h.
@user-xj3fu6du4n3 жыл бұрын
घूंघट भारतीय सभ्यता नहीं इस्लामिक सभ्यता है और हिंदुओं पर मुसलमानों की गुलामी का प्रतीक है जोकि पूर्णतः प्रतिबंधित की जानी चाहिए लेकिन मुझ मूर्ख को लगता है कि इस लड़की का पर्दा से तात्पर्य घूंघट कुप्रथा से है जोकि महिलाओं द्वारा अपना चेहरा ढंकने के लिए व्यवहार में लाया जाता है लेकिन पूज्य शंकराचार्य जी ने इसका अर्थ वस्त्र के प्रत्येक आवरण के रूप में ले लिया जोकि शरीर के किसी भी अंग को ढंकने के लिए प्रयुक्त किया जाता है।
@aaabcd38004 жыл бұрын
साला एक चीज समझ में नहीं आती है अच्छे से जीवन जीने में भी परेशानी है अरे मर्यादा में रहने में अपना ही जीवन व्यवस्थित होता है विचार उत्तम रहते हैं ।
@user-xj3fu6du4n3 жыл бұрын
घूंघट भारतीय सभ्यता नहीं इस्लामिक सभ्यता है और हिंदुओं पर मुसलमानों की गुलामी का प्रतीक है जोकि पूर्णतः प्रतिबंधित की जानी चाहिए। लेकिन मुझ मूर्ख को लगता है कि इस लड़की का पर्दा से तात्पर्य घूंघट कुप्रथा से है जोकि महिलाओं द्वारा अपना चेहरा ढंकने के लिए व्यवहार में लाया जाता है लेकिन पूज्य शंकराचार्य जी ने इसका अर्थ वस्त्र के प्रत्येक आवरण के रूप में ले लिया जोकि शरीर के किसी भी अंग को ढंकने के लिए प्रयुक्त किया जाता है।
@tanujsharma6884 жыл бұрын
तो ये पर्दा मर्दों के स्वास्थ्य की दृष्टि से भी होना चाहिए मर्दों के लिए भी?
@zerotobillionsinc99664 жыл бұрын
Hota toh hai...hum nange thode hi ghumte hain... garmi meh baseball cap pehnte hain...sunglasses lagae hain...aap ko bhi jab jaroorat ho....sar dhakein... . jo aap mukh par ghungath rakhti hai vo mughalon ke karan hai... jisse koi utha ke na le jaye... uski jaroorat aaj ke samay mein sabji mandi jaisi jagah par shi hai....jaha har mard pashu ki tarah laar girata hai.... . Ab kisi sanyasi ke saamne ghoogat ki kya jaroorat...uske saamne to aap bollywood wale neech kapde bhi pehnengi tab bhi koi asar nahi hoga... . Ab koi aapse kahe ki ghar mein bade bujurg ke saamne parda karo(chehre par) to puchna...ki aapke ghar mein bhi pashu ke saman mard rehte hai kya jo aurat ki deh matra se rishta rakhte hain....aur chehra dekhte hi kaamvaasna se bhar jayenge... ghoongat karna indirectly saamne wale ki beizzati karna hai(kyuki voh hai hi is layak), stri ki chetna se koi moh nhi...bas deh ki pyaas bujhane wala hai... . Namaskaram!
@user-ry1nw8zh3p3 жыл бұрын
हम तो नेकर नहीं पहनते 😂😂
@user-ry1nw8zh3p3 жыл бұрын
उन्होंने तर्क के साथ जवाब दिया आप के पास कोई तर्क है तो आप खंडन करे
@joshiji5613 жыл бұрын
Bikul tum apni aakh ko fevicol sa chipka lo , to phir aurat logo ko pardah nahi lagaga
@user-xj3fu6du4n3 жыл бұрын
घूंघट भारतीय सभ्यता नहीं इस्लामिक सभ्यता है और हिंदुओं पर मुसलमानों की गुलामी का प्रतीक है लेकिन मुझ मूर्ख को लगता है कि इस लड़की का पर्दा से तात्पर्य घूंघट कुप्रथा से है जोकि महिलाओं द्वारा अपना चेहरा ढंकने के लिए व्यवहार में लाया जाता है लेकिन पूज्य शंकराचार्य जी ने इसका अर्थ वस्त्र के प्रत्येक आवरण के रूप में ले लिया जोकि शरीर के किसी भी अंग को ढंकने के लिए प्रयुक्त किया जाता है।
@user-cm6qh9ni9d6 жыл бұрын
जय हो
@sparijat4 жыл бұрын
Humare Itihaas me to Parda nahi hai...
@benefactor43094 жыл бұрын
Parda Farsi lafz hai
@zerotobillionsinc99664 жыл бұрын
jagat'guru ne ghooghat etc ka virodh kiya hai...agar jaroorat nhi hai to naa karein....lekin ek baat aur samajh lijiye...ye jo bollywood aur deh ke pujari aajkal women fashion bana rahe hai na....in kapdo ko pehnkar keval deh ke pujari hi attract honge...koi samajhdar purush jo apne sharir ko acche se janta hai...use isse fark nhi padega... . Acchi baat hai ki koi sunder hai...magar...agar koi keval sundar hai aur apni deh ki numaish karke paise kama raha hai....to use paise bhi rapist minded people hi de rhe hain... . Aap mujhe december ki cold mein deep neck blouse aur backless dress ki koi practical use bata dein...dukh hota hai dekhkar ki kaise naari shakti in bollywood wali nachaniyon ke chakkar se bhatak kar deh ki numaish karne me lagi hui hai...itne uncomfortable aur impractical clothes ke picche padi hai jisse keval deh ke pujari attract hote hain Namaskaram!
@user-xj3fu6du4n3 жыл бұрын
घूंघट भारतीय सभ्यता नहीं इस्लामिक सभ्यता है और हिंदुओं पर मुसलमानों की गुलामी का प्रतीक है लेकिन मुझ मूर्ख को लगता है कि इस लड़की का पर्दा से तात्पर्य घूंघट कुप्रथा से है जोकि महिलाओं द्वारा अपना चेहरा ढंकने के लिए व्यवहार में लाया जाता है लेकिन पूज्य शंकराचार्य जी ने इसका अर्थ वस्त्र के प्रत्येक आवरण के रूप में ले लिया जोकि शरीर के किसी भी अंग को ढंकने के लिए प्रयुक्त किया जाता है।
@chillboy6406 Жыл бұрын
पहली बात तो ये की परदा प्रथा शास्त्रों में है और दूसरी बात एक बार ये video देख लो । अगर नही भी है तो भी होनी ही चाहिए परदा प्रथा की आवश्यकता है आज के समाज को जहां हर कोई अपने जिस्म का नंगा नाच दिखा रहा है। और इस video में गुरूदेव ने उपयोगिता बताई है की हीरे मोती जवाहरात को हमेशा तिजोरी में रखते है की नही क्योंकि वो अमूल्य है तो क्या हिन्दुओं की स्त्रियां हीरे जवाहरात से कम है क्या उनका मोल तो कोई कर ही नही सकता कितनी सम्मान की बात है हिंदू महिलाओं के लिए की उनका इतना सम्मान है की उन्हे हीरे मोती से भी ज्यादा मूल्यवान बताया गया है । इस्लाम इत्यादि पंथों में जो स्त्रियों में परदा प्रथा का विकृत रूप है वो हिन्दुओं से चोरी किया हुआ ही है और उनमें शील और स्वास्थ्य की रक्षा के लिए नही अपितु मुस्लिम स्त्रियों के ऊपर शासन करने के उद्देश्य से द्वेष वश इस व्यवस्था का पालन कराया जा रहा है परन्तु हिंदू महिलाओं में हीरे जवाहरात से भी मूल्यवान समझकर उनको सम्मान देकर परदा प्रथा का पालन होता है । आज हिंदू पुरुषो को ही नही अपितु महिलाओं को भी परदा प्रथा को लागू कराने के लिए संघर्ष करना चाहिए । क्योंकि उनके सौंदर्य का मोल तभी होगा जब वो खुला नही होकर परदे में होगी। उस चीज़ के बारे में ज्यादा उत्सुकता होती है जो दिखती नही पर सबके लिए सुलभ होती है उसका कालांतर में मोल नही रहता। परदा प्रथा के विलोप से आज के समय में internet, tik tok , reels आदि पर जो नंगा नाच होता है वह परदा प्रथा के विलोप का परिणाम है । हिन्दू महिलाओं को स्वयं आगे आकर परदा प्रथा को पुन: स्थापित करना होगा जिससे वे हमेशा हीरे जवाहरात से भी मूल्यवान समझी जायेगी उनकी कदर होगी उनका मोल होगा । कितने गौरव की बात है हिंदू महिलाओं के लिए तो परदा प्रथा जब उनका मोल अनमोल हो जाता है । जब किसी मीठी चीज को खुले में रखते है तो मक्खियां भिनभिनाती है पर उसको ढककर रखने पर उसकी सुरक्षा होती है । आज बॉलीवुड अभिनेत्रियो की नकल करने के कारण सर्दियों में भी कम कपड़े पहनने के कारण उनका स्वास्थ्य साथ नही देता फिर भी इस दिखावे में उन्हें जीना है जिसके कारण स्वयं की भलाई भी नही देख पाती। ये सब बाते किसी द्वेष वश नही आपके अपने सुरक्षा के लिए है। हिंदू महिलाओं को अपना हित जरुर देखना चाहिए की वास्तव में किस चीज में अपनी भलाई, सुरक्षा, स्वास्थ्य रक्षा संभव है वही तरीका अपनाना चाहिए।
@196833 жыл бұрын
पहले पर्दा का हिंदी शब्द तो बताओ।
@user-xj3fu6du4n3 жыл бұрын
घूंघट भारतीय सभ्यता नहीं इस्लामिक सभ्यता है और हिंदुओं पर मुसलमानों की गुलामी का प्रतीक है लेकिन मुझ मूर्ख को लगता है कि इस लड़की का पर्दा से तात्पर्य घूंघट कुप्रथा से है जोकि महिलाओं द्वारा अपना चेहरा ढंकने के लिए व्यवहार में लाया जाता है लेकिन पूज्य शंकराचार्य जी ने इसका अर्थ वस्त्र के प्रत्येक आवरण के रूप में ले लिया जोकि शरीर के किसी भी अंग को ढंकने के लिए प्रयुक्त किया जाता है।
@user-jg6ow2pq4p4 жыл бұрын
आपके लिखे हुऐ किताब कहा से खरीदे ?
@seematiwari26564 жыл бұрын
AMp Zar i
@Kaal----Bhairava2 жыл бұрын
Dustbin se
@rudraadityamandal61268 ай бұрын
@@Kaal----BhairavaTum to door hi raho yaha se
@snowbear7090Ай бұрын
Ye baba ji konsa maal phunk ke bethe hain... Plz koi btaye...