बद्रि का श्रम के शंकराचार्य, स्वामी जी को प्रणाम🙏🙏 जन्मना तो जाती है। जन्म एवं कर्म के मिलने के बाद ही पूर्ण रूपेण जाती बनती है।
@purushottamsoni47585 ай бұрын
परमपूज्य गुरुदेव के श्री चरणों में कोटि कोटि प्रणाम । श्री राम जय राम जय जय राम । शिव शिव शम्भो हर हर महादेव ।
@virendrakumaryadav84855 ай бұрын
परमपुज्य गुरुदेव शंकराचार्य उत्तराम्नाय ज्योतिषपीठाधीष स्वामी श्री 1008 अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी की चरणों में कोटि कोटि प्रणाम
@sagararya164 ай бұрын
पूजनीय 😹
@Sonu9tiwari5 ай бұрын
गुरू जी आपको सुनना सौभाग्य है आपने इतना अच्छा उदाहरण दिया 🙏🙏🙏 शब्दो मे नही बताया नही जा सकता
@anirudhdabral675924 күн бұрын
नारायण नारायण नारायण नारायण परम पूज्य परम आदरणीय गुरुदेव भगवान की चरणो मे कोटि-कोटि बार प्रणाम 🙏🙏🙏🙏
@yogimishra32595 ай бұрын
धर्म की जय हो। अधर्म का नाश हो। प्राणियों में सद्भावना हो। विश्व का कल्याण हो। गौ माता की जय हो। गौ हत्या बंद हो। भारत अखंड हो। हर हिंदू सेना हो। हर हिंदू सनातनी हो। गोवर्धन पीठ की जय हो। सर्वभूत हृदय सम्राट स्वामी करपात्री जी महाराज की जय हो। पूज्य जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी जी की जय हो। नारायण नारायण नारायण। 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
@prabhakarpandey48545 ай бұрын
Excellent Explanation by Respected ShankaraCharyaJi . Respectful regards, Prabhakar Pandey.
@gangamishra55885 ай бұрын
गंगा सागर मिश्र लखनऊ/अमेठी उत्तर प्रदेश सादर नमन करता हूं गुरु जी आप के माध्यम से भस्म के बारे मे बताया निततय शिव पूजा में लगाना अनिवार्य है
@rewashankerdaheriya46267 күн бұрын
गोल गोल घुमा दिए हो महाराज। ये विषय ही ऐसा है कि इसमें स्पष्ट बात करने से आजकल आप लोग बचते हैं। वेद गीता सहित सभी ग्रंथ जन्म के आधार पर ही वर्ण को स्थापित करते हैं। पर लोकतंत्र में सार्वजनिक तौर पर लाग लपेट करना आपकी मजबूरी है।
@hemantkourav74174 ай бұрын
सर्वप्रथम भगवान शंकराचार्य जी को प्रणाम इतने अच्छे तर्क देकर समझने के लिए बारंबार प्रणाम
@satyavratbhardwaj46775 ай бұрын
Honourabe Shankeracharya ji , Many many thanks for excellent reply, my all consfusions have been removed ; Ager Bhrahmin ke gher Jnm leker religious education ka expert nhi h tb veh kath/ lakdi/ wooden ka Bhrahmin h bekar h; Many Many thanks for excellent answer/ reply
❤❤❤❤❤❤❤ Jay Shiv Shambhu Jay Shiv chandramauleshwar Bhagwan dhanyvad pranam
@DeepakTiwari-dk2pbАй бұрын
गुरु भगवान के चरणों में प्रणाम
@FaceDeewane2975 ай бұрын
परमपूज्य गुरुदेव जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महराज जी को कोटि कोटि प्रणाम 🙏🚩
@gauravpathak23385 ай бұрын
जय श्री शंकराचार्य स्वामी जी भगवान। 🙏🙏🙏🙏
@kapilkumarsharma-uz6yy4 ай бұрын
Jagatguru bhagawan shankracharya ji ke charno me barambar pranam
@RakeshKareli94295 ай бұрын
🙏🏻🌹🙏🏻🌹🙏🏻🌹🙏🏻🌹🙏🏻🌹🙏🏻 श्री गुरुदेव जी के चरणों में कोटि कोटि प्रणाम 🙏🏻जय गुरूदेव सादर जय सियाराम 🙏🏻 🌹🙏🏻🌹🙏🏻🌹🙏🏻🌹🙏🏻🌹🙏🏻🌹
@bhartidwivedi31915 ай бұрын
🙏🌺🌹🌸💐🌸🌺🌺🌹🌸🌸🌺🌺🌹🌸💐🌸🌹🌺🌺🌹🌸💐🌹🌺🌹🌸💐🌹🌹🌺🌹🌸💐🌹🌺🌺🌸💐🌸🙏गुरु देव भगवान् की जय श्री चरणों में बारंबार नमन🙏
@Gghhh-jc5hh4 ай бұрын
परमपूज्य गुरुदेव शंकराचार्य जी के चरणों में साष्टांग प्रणाम 🙏🙏
@DilipKumar-fn3gq5 ай бұрын
Guru ji ham Charo Shankaracharya ji ka कोटि-कोटि Naman karta hu 🙏🙏
@matrikaparajuli81625 ай бұрын
ॐ जगद् गुरवे नमः🌹🙏
@VeenaKhanna-mv7kn5 ай бұрын
Swami Shree is Shankaracharya of sanatan Dharma and one really feels blessed as the clarity on enigmatic issues is at once clearcut and approach is so easy to grasp and self explanatory
@RKJha-wm3usАй бұрын
🙏
@kirtisharma43775 ай бұрын
सत्य वचन प्रणाम
@chandrashekharsharma52255 ай бұрын
प्रणाम गुरुदेव ❤❤
@VardalalBodane-dm6xmАй бұрын
बागरी समाज के लोग किस वर्ण से आते हैं। वरदा लाल बोडाने बागरी गाँव बेरछा जिला धार मध्यप्रदेश। जय जगत गुरु शंकराचार्य जी। नमनः
@meenu999Ай бұрын
बागरी समाज है कि जाति? पहले ये निर्णय कर लीजिए
@sscaspirants1015 ай бұрын
प्रणाम 🙏
@sawaisingh10895 ай бұрын
गुरुदेव गुरुदेव आपको प्रणाम
@ajaykumarparashar13715 ай бұрын
Bahut sahi kaha apne. Apki jai ho 🙏🙏🙏🙏
@mukeshsharma60785 ай бұрын
Parnaam gurudev 🕉🙏🙏
@user-qd6si1xb7c4 ай бұрын
Aadarniya. Gurudev aapke charnon me Sadar naman....log achhi baaton ko samjhkar bhi na samjh Bane rahte hai lekin galat chizon ko sirf dekhkar chuukar ya ek baar istemikarke hi unko apnane lagte hai aisa kyun .....
@krishnajaiswal56033 ай бұрын
HAR HAR MAHADEV ❤
@nikhiltiwari2685 ай бұрын
Sadar pranaam gurudev
@gauravsharma77544 ай бұрын
जय श्री राम गुरुजी
@maheshbais48965 ай бұрын
जहा जन्म से जाति जुड़ी है, वहा मनुष्यता ध्वस्त पड़ी है।
@yogeshtiwari8434 ай бұрын
क्षमा चाहतें हैं पर शेर के बच्चे को जिस तरह भालू या अन्य नही समझा जा सकता वैसे ही बन्दर के बच्चे को शेर नहीं जन्म से तो मानना ही पड़ेगा परन्तु उसके कार्य उचित न होने पर पतित हो जाता है
@rajendragawali15232 ай бұрын
,🌹🌹🌹
@jalam7862 ай бұрын
मै जन्मगत जाति प्रथा का विरोध करता हूं और ऐसे फर्जी बाबा सबा को भी लानत भेजता हूं।
@uttakarssingh99699 күн бұрын
@@yogeshtiwari843 अबे वो जानवर है ये इंसान हैं इंसान और जानवर में फर्क होता भगवान ने मनुष्य को इतनी क्षमता दी है कि वो अपने आपको बदल सके यही तो फर्क है इंसान और जानवर में जानवर को तुम देखकर पहचान जाओगे कि कौन सा जानवर है लेकिन इंसान को पहचाना असंभव है कि किस जाति का है
तपश्च योनिश्च श्रुतं च त्रयं ब्राह्मण कारकं। तपश्रुताभ्यां यो हीनो जाति ब्राह्मण एव सः। ।
@sunilram30994 ай бұрын
इस चैनल पर प्रीतिदिन का एक शॉर्ट विडियो भी डाला कीजिए।
@brajabandhubehera33594 ай бұрын
JAY JAGANNATH SWAMI 🌷🙏🌷❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
@milindchauhan67335 ай бұрын
जय गौमाता जय गोपाल 🙏 गौमाता-राष्ट्रमाता 🙏 जय जय श्री राम 🙏 हर हर महादेव 🙏
@drakengarddrake18165 ай бұрын
Chouhan swamine bola tu kuch karale shudr ke shudr hi rahoge, kshatriy parshuram ne nasht kar diye hai. Socho samazo
@milindchauhan67334 ай бұрын
जी भाई जी 🙏 राम राम 🙏 @@drakengarddrake1816
@BPSinghSaini4 ай бұрын
Shri Ram mandir me 27 Pujari hai jis me se 3 OBC aur 2 SC hai aur sab Pandit hai. Shankaracharya maharaj ne bahut sundar uttar diya hai…. Jai ho maharaj,
@kuldeepkumarsrivastava46235 ай бұрын
चतुर्वर्ण मया सृष्टा गुण कर्म विभागशः।गीता-4-13 इसमे जन्मना वर्ण का कोई उल्लेख नहीँ है। सादर
@user-bb5tl9kt9w5 ай бұрын
जय शंकराचार्य
@sunilmehrotra20615 ай бұрын
झंड़ा ऊंचे रहे हमारा चित्त भी अपनी पट्ट भी अपनी
@santanusarma1115 ай бұрын
🙏🙏🙏
@ankurgupta38034 ай бұрын
❤ Guruji, yadi koi bramhan, gatar saf karne me mahir ho to kya use sudra ki barabar ka darja Diya ja sakta hai ???
@NATRAJ4695 ай бұрын
गुरु जी को हमारा प्रणाम 🙏🙏 और प्रश्न किन माध्यम से किया जा सकता है आपको?
@sandhyatiwari96314 ай бұрын
🌺🙏🙏🌺🔱🔱🌺🌺 प्रणाम गुरुदेव भगवान 🌺🌺
@pranakrushnasahoo5625 ай бұрын
Swamiji Maharaj pranam! Swamiji Mera eha sanshaya hai ki hamare 4 barn me jo chhuan chhut hota hei kya ea sahi hai? Kya hamare Veda me eya kahagia ki uchh barna bale nimna barnako sparsh ya chhaya sparsh hoteihn asudh hojayega? Krupaya bistarse batayiye pranam.
@drakengarddrake18165 ай бұрын
are murakh swamiji ne clear kia ki bramhan janm se hota hai tu shudr hai kuch bhi karo tu shudr hi rahoge
@HanumanManMohan4 ай бұрын
Murkh Aadmi tum manuvadi ho mano hum nahi mante hai @@drakengarddrake1816
@gangamishra55885 ай бұрын
गुरू जी को नमन करता हूं गुरु दीछा परिवार के लोग Ayodhya से लेते है मै किसी अनन्य गुरु दीछा लेना चाहता हू ऐसा कर सकते है
@vijayshail98945 ай бұрын
आचार्य जी ने भली प्रकार समझाया। किंतु समस्या का हल नहीं बताया। हाथी का उदाहरण तो अच्छा दिया। किंतु हाथी और मनुष्य में अन्तर होता है और सबसे बड़ा अन्तर है मनुष्य में विवेक का होना और आध्यात्मिक उन्नति करने की कमोबेश रूप में सामर्थ्य होना। हाथी या अन्य पशु का जीवन एक प्रकार का यांत्रिक जीवन होता है। यह एक प्रकार की शत प्रतिशत भोग योनि होती है अर्थात हाथी के कर्मों का नैतिक औरआध्यात्मिक मूल्यांकन करने का प्रावधान ईश्वरीय व्यवस्था में नहीं है। किंतु मनुष्य के साथ नैतिकता, अध्यात्मिकता अनिवार्य रूप से जुड़े होते हैं, और वह साधना करके आध्यात्मिक उन्नति कर सकने की सामर्थ्य रखता है और तदनुसार ही कर्म कर सकता है। ब्राह्मणत्व, क्षात्र, वैश्यत्व और शूद्रत्व इसी सामर्थ्य से ही तो निर्धारित होता है। अतः अधिक विस्तार में न जाकर इतना ही कहना चाहता हूं कि जिस कारण आज समाज में विद्वेष फैला हुआ है, उसका हल तो आध्यात्मिक साधना के फलस्वरूप हुई उन्नति के अनुसार कर्म के सिद्धांत को अपनाने से ही निकलता है। सर्वशक्तिमान ईश्वर सबका कल्याण करें। इसी शुभकामना के साथ सबको नमस्कार.....! ओ३म्......!
@VikasSingh-jp9zy4 ай бұрын
Ap ke bahut hi acha likha ...kya karte hai bhai ji ap
@Avengers-mc7jo4 ай бұрын
Great observation.
@yafoor46604 ай бұрын
शंकाराचार्य जी वही कहते हैं जो शास्त्र में लिखा है। कोई जबरदस्ती नहीं, आपको जो ठीक लगे वो मानिए। जबरदस्ती करने वाली सरकार है जो आपसे जाति प्रमाण पत्र मांगती है, जाति आधारितआरक्षण देती है, आपके खिलाफ scst एक्ट बनाती है जिसमे आपकी कोई सुनवाई नहीं होती ।
@vijayshail98944 ай бұрын
आचार्य जी! आप जानते ही होंगे कि मूल ईश्वर प्रदत्त सत्य सनातन वैदिक धर्म में जाति व्यवस्था का कोई स्थान है ही नहीं। वर्ण व्यवस्था का स्थान है , कर्म के आधार पर। समझ नहीं आ रहा कि इन दोनों को एक क्यों मान रहे हैं। वर्णाश्रम व्यवस्था को किसी भी सत्य सनातन वैदिक धर्म के ग्रंथों में " जात्याश्रम" व्यवस्था नहीं कहा गया है। मनु भी कर्म आधारित वर्ण व्यवस्था के आधार पर व्यवस्था देते हैं। यह व्यवस्था शंकराचार्य पद्धति से बहुत पुरानी है तथा प्रचलित रही है। यदि प्राचीन भारतीय इतिहास को ही देखें तो सप्तम शताब्दी के कवि एवं लेखक बाणभट्ट से पूर्व किसी भी कवि को जन्मजात पंडित या ब्राह्मण घोषित करने का कोई भी प्रमाण नहीं है चाहे वह भास , कालिदास, विशाखदत्त हों या शूद्रक आदि। पुष्यमित्र शुंग जैसे महान राजा को भी कोई भी ग्रंथ जन्मजात पंडित या ब्राह्मण नहीं कहता। मौर्य, गुप्त आदि किसी भी राजवंश की जन्मना जाति के कोई भी साक्ष्य आजतक नहीं मिले हैं जो अकाट्य हों।इसका कारण ही यही है कि भारत या आर्यावर्त में सदैव से मनु स्मृति में अंकित कर्म आधारित वर्ण व्यवस्था ही प्रचलित रही है। कदाचित आप जानते ही होंगे कि जन्म आधारित जाति व्यवस्था मूल रूप से बौद्ध परम्परा की देन है। इसका साक्ष्य है बौद्ध मत का द्वादश निदान सिद्धांत जिसमें "जाति" शब्द आता है और उसकी व्याख्या या अर्थ कि जो जन्म से माना जाए। कड़ुआ सत्य यही है कि स्वयं को वैदिक परंपरा का बताने वाली शंकराचार्य परम्परा इसी बौद्ध मत के सिद्धांत को मानकर आगे बढ़ा रही है और समाज में भी प्रचलित कर रही है। इसी कारण से शंकराचार्य परम्परा को प्रच्छन्न बौद्ध भी कहा जाता है जो कहीं से भी अनुचित भी नहीं लगता है। शेष फिर..... पढ़ने के लिए धन्यवाद तथा आभार.....!
@NileshKumar-jx6gb5 ай бұрын
Aapane Sahi kaha janm se mrutyu sundari paida hota hai bhajan Marg mein jaane per hi uski jaati Tay Hoti hai vah Jahan Tak bhajan kar sakte hain vahi Tak unki jaati hoti
@AK_Special_Status5 ай бұрын
❤❤❤
@nupurmukherjee69635 ай бұрын
প্রনাম মহারাজ।
@ShibnathPorel-ik1hm5 ай бұрын
Pronam moharaj swami sri ,
@SK.MUSIC46715 ай бұрын
गुरु जी की चरणों में कोटी -कोटी नमऩ गुरु जी मेरा प्रश्न है कि- शिल्पकार का कौन सा वर्ण है?
@ashwaniji62225 ай бұрын
जन्मना जायते ब्राह्मण पुत्रः,संस्कारात द्विज: उच्यते....
@surendradave12285 ай бұрын
ऊँ नमोनारायण सा
@TheGr8Raka5 ай бұрын
नमन शंकराचार्य जी को।🙏 #WeSupportShankaracharya #StopHateAgainstShankaracharya #ShankaracharyaIsTheOriginofDharma शिवमयी शुभसँध्या सत्यम शिवम सुंदरम सत्य सनातन धर्म की जय हो #गौमाँ_हत्या_बन्द_करे_सरकार #Save_Gaumata #रामा गौमाता राष्ट्रमाता #FreeTemples हर हर महादेव।जय माँ। 🙏🔱💐
@leodandan11614 ай бұрын
Jai brahmins jai parshuram🚩🚩 aaye kitnee muskil ...datee pandits
@shivtripathi56695 ай бұрын
Jay guru dev 🙏Tulsi Or ber m antar hota h
@rajeshtikam40665 ай бұрын
अगर जाती भगवांने बनाई होती तो सिर्फ हिंदुस्तानमे क्यू बानाई.. भगवान ने इंसान पुरे दूनियभर मे बनाये पर जाती सिर्फ हिंदुस्तान मे बनायी?? जाती बनाई एक विशिष्ट वर्ग के लोगो ने...जो भगवान के नाम पर बाकी लोगो का शोषण कर सके..
@Aryvrt4 ай бұрын
🌞🚩🙏🕉️
@descendantofbharatbharatva71555 ай бұрын
As said by Savarkar, the hindu society was bound by seven shackles ( bandi ) viz. prohibition of touch (sparshabandi) of certain castes, prohibition of interdining (rotibandi) with certain castes, prohibition of intercaste marriages (betibandi), prohibition of pursuing certain occupations (vyavasayabandi), prohibition of seafaring (sindhubandi), prohibition of rites sanctioned by the Vedas (vedoktabandi), prohibition of reconversion (shuddhibandi) to the hindu fold. The remarkable social reform that has taken place in the last 100 years is due to the tireless efforts of social reformers like Savarkar and several others as well.
@alkabhardwaj1115 ай бұрын
🙇🏻♀️🙇🏻♀️🙇🏻♀️
@perepaprabhakarasarma31505 ай бұрын
apne apne zindagi chalane keliye jo kaam karega uske aadhar per kul milega lekin koi apne aap ko mahan ya Brahmin ghoshit karne ka adhikar nahi hai
@vinay.4865 ай бұрын
mera question hai ki " india me Brahmin ko sabse ooncha mana jata hai to foreign me to aisa caste system hai nhi . vaha ke bhagwan Brahmin bnaye hi nhi kya ? keval india me hi kyu? Brahmin ka ye self declaration hai ki ve high caste hai. reality me aisa kuchh nhi hai. aankh band krke kisi ki bhi baat naa sune.
@lalitapawar67305 ай бұрын
🙏🌺🙏🌺🙏🌺🚩❤
@kamleshkumar-vc4zo5 ай бұрын
5:09
@manjusinha4364 ай бұрын
सनातनियों को कर्म के आधार पर जाति होनी चाहिए
@leodandan11614 ай бұрын
Jai ho shri shankara charya
@pankajupadhay10714 ай бұрын
जाती कोई भी हो भगवान की प्राप्ति सबको हो जाती है अपने कर्तव्य/धर्म का पालन करके। क्योकि सभी जातियों के लिये कर्तव्य पालन करने की व्यवस्था है।
@miscellaneouscontent23855 ай бұрын
शास्त्रों के अनुसार अगर सारे मानव जाती मनु और सतरूपा के ही सन्तान हैं तो फिर उनके सन्तान चार वर्ण में किस आधार पे बँट गए ???
@RamGopal-od6ru5 ай бұрын
Jai sachidanand ji ❤
@yogeshtiwari8434 ай бұрын
सत्यकाम जाबालि ,शुक्राचार्य ,आदि उदाहरण को समझें जय श्री राम
@kajula_kadphises5 ай бұрын
शंकराचार्य जी, वेद के अनुसार तो khatriya का कर्म युद्ध है, ब्रह्मण का कर्म है समाज को ब्रह्म का मार्ग दिखाना, वैश्य का काम समाज के आर्थिक तंत्र को संभलना और शुद्र का कर्म है समाज को चलाने के लिए अन्य जो जरूरतें है उसमे सहयोग देना। अगर आज के समय में देखे तो ये ऐसे ही जैसे की किसी संस्था को सफल बनाने के लिए वर्कर, पॉलिसी बनाने वाला HR , supervisor aur security ke security team। इनमे से एक के भी बिना कोई संस्था चल नही सकती। अगर इनमे से एक कोई भी वहम हो जाए की वो बड़ा या छोटा तो पूरी संस्था ठप्प हो जाएगी या बहुत नुकसान होगा। सनातन को भी इतना नुकसान इसीलिए हुआ की कुछ लोगो के अपने को बड़ा और दूसरो को छोटा दिखाना शुरू किया और वर्ण व्यवस्था को जन्मजात व्यवस्था बना दिया। इससे नाकाबिल लोग पदो पे बैठने लगे और सनातन समाज कमजोर होता चला गया। आप सीधे तो कुछ नही बोल रहे पर कही न कही आप जन्मजात वर्णव्यवस्था से सहमत दिख रहे है। उदहारण के लिए सोचो अगर आज जन्मजात व्यवस्था होती तो हमेशा गांधी परिवार सत्ता पे बैठा होता और मोदी जैसे लोगो को कभी ऊंची पद पे बैठने का अवसर नहीं मिलता और ऐसा देश या समाज कितना मजबूत होता आप सोच सकते है।
@dassonukumardubey87305 ай бұрын
राधा कृष्ण
@gajanandkumawat84145 ай бұрын
नमो नारायण गुरूदेव! कृपा कर यह बताए की घर मे हम रामदरबार ,दुर्गा मैया, हनुमान जी की फोटो रखकर देव पुजा करते है लेकिन विद्वान कहते है कि अपने आराध्य की पुजा अलग-अलग करे तो कृपाकर यह बताये कि हम कैसे अपने आराध्य की पुजा करे
@ramshringaryadav64245 ай бұрын
Guru ji har har mahadev guru jee shiv mantra jap shadhana kab purn hota hai
@drakengarddrake18165 ай бұрын
Are shudr jati janam se hoti hai tu shudr hi rahoge chahe koibhi kam karlo.
@balramyadav89305 ай бұрын
संत रविदास का व्ययसाय जुता बनाना था। पर अंतरात्मा परमात्मा में लीन था। उस समय के ब्राह्मणों ने भी उसे गुरु बनाया था। तो उसे क्या कहेंगे। मीरा बाई ने भी उसी से भक्ति मार्ग की दीक्षा ली थी। उसे क्या कहेंगे। शुद्र या ब्राह्मण।
@govindchauhan19205 ай бұрын
गुरूदेव आपको प्रणाम मेरा यह प्रश्न है राजा पृथु के जन्म का रहस्य बतायाए क्या राजा वेन के बाह्य घिसने से वे कैसे पैदा हुए बिना माँ के, इसपर क्या सांकेतिक दर्शन है, कृप्या बतायें - Govind Chauhan, Mumbai
@drakengarddrake18165 ай бұрын
Aap ne sahi bola lekin ye murkh bahujan samzate nahi shudr kounsabhi kam kare shudra ki rahega. Bramhan dharm unaka koi nata nahi faltume khudko hindu sanatani kehelvata hai !!
@maneeshrajawat8325 ай бұрын
Gurudev is duniya ko bhasma kar do ..bhut paap ho gya h
@anand13115 ай бұрын
Ek mic stand lijiyega..
@RohitKumar-xm2gg4 күн бұрын
Vyakti ki yogyata hi vyakti ki Jaati Hai
@Cinema_Decoded5 ай бұрын
बहुत दुःख होता है कि आज दलित वर्ग अपना काम नही कर रहे, वे 1st Rank लाके I .A.S बन रहे😢 सनातन धर्म के अनुसार I.A.S टीना डाबी को अपने वर्ण के अनुसार गटर साफ करना चाहिए ।
@duo35527 күн бұрын
Reservation se Tina dhabi ias bani nahi to prelims me fail ho jati hai
@vedantkshirsagar52025 ай бұрын
Maharaj Shri se prashna kaise puche?
@badlanster97205 ай бұрын
Har har mahadev 🚩
@USK22085 ай бұрын
पूज्यनीय गुरुदेव प्रणाम, प्र. गुरुदेव जी गौतम बुद्ध क्या विष्णु के अवतार थे? जिन्होंने बुद्ध धर्म स्थापित किया। शैलेंद्र सिंह कुशवाहा, गंज बासौदा mp
@rupamjoshi99375 ай бұрын
जिन्होंने बौद्ध पंथ चलाया वे अलग हे उनका गोत्र गोतम था इसलिए उन्हें गोतम बुद्ध कहने लगे विष्णु अवतार गोतम बुद्ध ब्राह्मण कुल में जन्मे थे
@ujjwaltiwari45764 ай бұрын
Nahi gautam buddha pr Puri k shankaracharya ka video dekh lo usme ye bataya h ki gautam buddha ka janam raja k pariwar m hua jabki vishnu k avatar buddha ka janam brahaman parivar m hua islie don't confuse gautam buddha as lord vishnu
@fazlekarimcharoliya92205 ай бұрын
आपका कहना है कि लकड़ी का हाथी कुछ कर नहीं सकता तो फिर पत्थर की मूर्ति हमारा कल्याण कर सकती है?
@HK-dw9mh3 ай бұрын
Murti nhi kar sakti murkh ,murti mai jab pran pratishtha ho jati hai vedik vidhi se jab vo bhgvan ho jati hai murti nhi rahti. Diffrence samjho pahle
@indicvoice5 ай бұрын
लेकिन श्रीमद्भागवत गीता में तो भगवान श्रीकृष्ण ने मनुष्य की दो ही जाति बताई हैं- देवता और असुर। बाकी तो मनुष्य की ईश्वरीय साधना के दौरान मनोगत अवस्था के आधार पर ही वर्ण व्यवस्था भगवान ने बनाई है। ऐसा मैंने सद्गुरु के मुख से सुना है।और सद्गुरु स्वयं भगवान ही होते हैं।
@gajodharyadav3285 ай бұрын
सही
@manishchoudekar16095 ай бұрын
वाह रे पठ्ठे ....जन्म-कर्म दोनोसे जाति होती है...... बाकी लोग क्या करे l घुमा फीराके बात तो वही बोले ज्ञानी महाराज.....