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This is the poem I added a long time ago on my another Channel but I just wanted to share this with you guyzz too, So listen to this and share your POV as well.
Jai Shree Krishna ❤️🙏🏻
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Lyrics:
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ
तो हर कोई नारा लगाता है,
फिर जरूरत पड़ने पर क्यों
हर इंसान नजरें चुराता है।
कुल में कन्या का जन्म हुआ तो
क्यों आनंद रस सबके फांसी पर झूल गए,
अरे लानत तुम्हारे जीवन पर
तुम कल्पना चावला और झांसी की रानी भूल गए।
पैदा होने पर कहते हैं सब
लक्ष्मी घर पर आई है,
पर रक्त की केवल कुछ बूंदों से वही लक्ष्मी
अपवित्र तुमने बताई है।
रक्तस्राव जब होता है तो रक्तस्राव जब होता है तो
क्यों मंदिर मस्जिद गिरजाघर से दूर हटाया जाता है,
और रक्त की चार बूंदों को ही
लक्ष्मी की पवित्रता का पैमाना ठहराया जाता है।
जब बेटों को मानते हो कुल का दीपक
तो क्यों फिर दोगलापन दिखलाते हो,
जब बेटों पर इतना नाज़ है फिर क्यों
दहेज नाम की भीख मांग कर आते हो।
क्रुद्ध हूं आज भी महामूर्खों पर
जो खुद को ज्ञानमूर्ति जताते हैं,
रामायण और महाभारत में महासमर का कारण
मैया सीता और मां द्रौपदी को ठहराते हैं।
जब तक ऐसे अधर्मी समाज में
माता तुल्य नारियों पर उंगली उठाएंगे,
तब तब द्रोपदी शर्मसार होती रहेगी
और बेटियों पर तेजाब भी फेंके जायेंगे।
खुद बन बैठो लक्ष्मी बाई
देश का कोना कोना झांसी हो,
और कानून व्यवस्था ऐसी हो कि
बलात्कार की सज़ा बस फांसी हो।
अरे सशक्तिकरण की तो बात व्यर्थ है
हिंद में नारी सदा से सशक्त कहलाई है,
भूलो मत वीर शिवाजी की भी
पहली गुरु ही जीजामाई है।
चूर-चूर हो जाएंगे
संकट के कितने ही हों पहाड़ भले,
हिंदुत्व की हुंकार के संग जब
हिंदुस्तानी शेरनियों की दहाड़ चले।