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क्रोध शांत करने को इस पर्वत के शिखर पर की थी भगवान परशुराम ने पूजा, स्कंद पुराण में उल्लेख
वरुणावत पर्वत पर स्थित विमलेश्वर महादेव मंदिर के संबंध में मान्यता है कि जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से यहां प्रार्थना करते हैं भगवान शिव उनकी सारी मनोकामना दूर पूरी करते हैं।
क्रोध शांत करने को इस पर्वत के शिखर पर की थी भगवान परशुराम ने पूजा, स्कंद पुराण में उल्लेख
क्रोध शांत करने को इस पर्वत के शिखर पर की थी भगवान परशुराम ने पूजा, स्कंद पुराण में उल्लेख
उत्तरकाशी, जेएनएन। सीमावर्ती जिले के वरुणावत पर्वत के शीर्ष पर स्थित विमलेश्वर महादेव मंदिर के संबंध में मान्यता है कि जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से यहां प्रार्थना करते हैं भगवान शिव उनकी सारी मनोकामना दूर पूरी करते हैं। इस मंदिर में निसंतान दंपती को पूजा का फल प्राप्त होता है।
स्कंदपुराण में मान्यता है कि भगवान परशुराम ने अपना क्रोध शांत करने के लिए वरुणावत पर्वत के शिखर पर भगवान शिव की पूजा अर्चना की थी। भगवान शिव उनकी पूजा से प्रसन्न होकर उन्हें दर्शन दिए थे। तब भगवान परशुराम का क्रोध शांत हुआ। इसके लिए परशुराम ने भगवान शिव यहां पर शिवङ्क्षलग के रुप में विराजमान होने की बात कही। तब से लेकर आज तक आसपास के ग्रामीण इस स्थान को विमलेश्वर महादेव के नाम से भी पूजते हैं।