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विद्या प्रेम संस्कृति न्यास द्वारा सम्मान समारोह एवं 'तुझको क्या हो गया बनारस' के आवरण का लोकार्पण
यह कार्यक्रम नोएडा में सम्पन्य हुआ
कार्यक्रम के प्रारंभ में श्रीमती विद्या पांडेय ने उपस्थित सभीअतिथियों का हृदय से स्वागत किया और प्रेम किशोर पांडेय जी के बारे अपने विचार व्यक्त किए।
इस वर्ष का प्रेम रत्न सम्मान डॉक्टर श्रीमती सविता चडढा सुप्रसिद्ध साहित्यकार को दिया गया।
"तुझको क्या हो गया बनारस "की कुछ पंक्तियां भी पढ़ीं-किसकी किसकी काली छाया पड़ी कि तू अस हाय हो गया, अपनी संस्कृति की रक्षा में क्यूं कर तू निरु पाय हो गया।"
इस वर्ष का विद्या श्री' सम्मान वरिष्ठ साहित्यकार डॉ पुष्पा सिंह बिसेन को दिया गया ।
इस भव्य सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में प्रणेता साहित्य के अध्यक्ष एवं संरक्षक श्री एस जी एस सिसोदिया जी थे
लखनऊ से पधारे वरिष्ठ पत्रकार श्री अजीज सिद्दीकी जी ने हंसी-हंसी में एक बहुत ही गहरी बात कही कि हमारे यहां सम्मान मरणोपरांत देने की परंपरा है पर 'विद्या-प्रेम' संस्कृति न्यास ने इसे नया मोड़ दिया है। किसी का एक शेर पढ़ते हुए उन्होंने कहा- एक से एक एहले फन न पहचाने गए कैसे-कैसे लोग इस दुनिया से अनजाने गए हाय ये मुर्दापरस्ती हाय ये ज़िंदा सितम मर गए तब वे पहचाने गए।