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अगर आप भी UPSC अभ्यार्थी (aspirants) है और UPSC Clear करना चाहते है, तो आपके UPSC Clear करने के सपने को "जोश Talks" हक़ीक़त के पंख देगा। इसलिए "जोश Talks" हमारे लिए लाया है हमारी UPSC की Journey को आसान बनाने के लिए "UPSC Scholarship"
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संघ लोक सेवा आयोग(UPSC) सिविल सेवा परीक्षा ऐसी परीक्षा है, जिसके लिए देश के बड़े से बड़े और छोटे से छोटे शहर में रह रहे युवाओं कीं आंखों में सपने पलते हैं। कुछ के सपने हक़ीक़त में बदलते हैं तो कुछ को निराशा हाथ लगती है। हर वर्ष UPSC की परीक्षा में बैठने वाले युवाओं की तादात बढ़ती जा रही है। युवाओं के बीच UPSC की परीक्षा को लेकर बेहद उत्साह देखा जाता है।
आज जोश UPSC Podcast के मंच पर मूलरूप से राजस्थान के सवाई माधोपुर के रहने वाले रचित कुमार गुप्ता जिन्होंने अपने अथक प्रयासों के बाद UPSC 2021 की परीक्षा में 286 रैंक हासिल करके अपने परिवार, गाँव क्षेत्र का नाम रोशन किया।
UPSC के सफर में आने वाले संघर्षो, चुनौतियों और उन्होंने उन चुनौतियों का सामना किस तरह किया , विस्तार के साथ हमारे साथ साझा किया। उन्होंने अपने जिले से ही हिंदी मीडियम से अपनी प्राथमिक शिक्षा पूरी की। इसके बाद उन्होंने एक अन्य स्कूल से आगे की पढ़ाई पूरी की। स्कूली पढ़ाई पूरी होने के बाद उन्होंने इंजीनियरिंग परीक्षा की तैयारी की और IIT में दाखिला लेकर अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की।
रचित ने सिविल सेवाओं में जाने का मन बना लिया था। इसके लिए उन्होंने तैयारी शुरू की और अपना पहला प्रयास किया। वह प्रीलिम्स की परीक्षा में बहुत अधिक नंबर से रह गए थे। इसके बाद उन्होंने दूसरा प्रयास किया। इस बार उन्होंने कुछ नंबरों की बढ़त हासिल की थी, हालांकि वह इसमें भी फेल हो गए थे। रचित ने तीसरा प्रयास किया और इस बार वह कटऑफ के नजदीक पहुंचकर फेल हो गए। इसी तरह लगातार मिल रही असफलताओं के कारण उनके स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने लगा। टीबी जैसी घातक बीमारी ने उन्हें जकड़ लिया। लगातार चार प्रयासों में मिली असफलता के कारण कई बार रचित जी हताशा, निराशा और अन्य नकारात्मक भावों में घिरे होते थे। ऐसी स्थिति में उनके माता-पिता और छोटे भाई ने UPSC Clear करने के लिए प्रोत्साहित किया। यही कारण था कि रचित जी एक बार फिर से पूरे जोश के साथ UPSC परीक्षा की तैयारी में लग गए और अपने पांचवे प्रयास में 286 वीं रैंक हासिल की और अपने और घरवालों के सपने को साकार किया।