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सुप्रीम कोर्ट ने व्यवस्था दी है कि उचित कानूनी प्रक्रिया का पालन किए बिना नागरिकों को उनकी निजी संपत्ति से जबरन वंचित करना मानवाधिकार और संविधान के अनुच्छेद 300ए के तहत संवैधानिक अधिकार का भी उल्लंघन होगा। सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक कानून से चलने वाली किसी भी लोकतांत्रिक व्यवस्था में राज्य कानून की अनुमति के बिना नागरिकों से उनकी संपति नही छीन सकता। जस्टिस इंदु मल्होत्रा और जस्टिस अजय रस्तोगी की पीठ फैसला सुनाते समय कहा कि कानून से संचालित कल्याणकारी सरकार होने के नाते वो संवैधानिक सीमा से परे नहीं जा सकती। अदालत ने हिमाचल प्रदेश सरकार को आदेश दिया कि वो महिला को आठ सप्ताह के भीतर मुआवजा दे और सभी कानूनी लाभ भी जिसकी जमीन सन 1967-68 में सड़क निर्माण के लिए सरकार ने ले ली थी
Anchor: Kavindra Sachan
Guest:
Shankar Agrawal, Former Secretary, Ministry of Urban Development
Satya Prakash, Legal Editor, The Tribune
Dr. P.S Rana ,Chairman, Construction Industry Development Council