કોઈ ને ખબર છે આ ડોક્યુમેન્ટરી નુ શુટિંગ કયારે થયુ છે?
@clapperboard8589 ай бұрын
૧૯૯૦ મારી નિર્માતા તરીકે પ્રથમ docu on national television
@bavkubhaikhachar94417 ай бұрын
दूरदर्शन टीम ने जो प्रयास किया है। वो सराहनीय है। लेकिन थोड़ी त्रुटीया भी नजर आयी। आप ने जो हिस्ट्री कवर की है। उसमें काठी राजपूतों को "काठी जाति" जैसे निम्न शब्द का प्रयोग किया है।अरे भाई। काठी दरबारो को काठी राजपूतों या काठी क्षत्रिय काठी दरबार बोला जाता है।ये वो राज घराना है जो लड़ने पर उतर जाते है तो आरपार की लड़ाई के अंत तक नहीं छोड़ते चाहे सामने मौत ही क्यों न हों। राजा पोरस के युद्ध में सिकंदर को भाला मारा था वो लूणवीर बसिया काठी राजपूत ही थे जिसके बाद थोड़े ही समय बाद मृत्यु हुई थी। जेतपुर के काठी दरबार चापराज वाला ने महादेव शिव अपना सिर की कमल पूजा करके जेतपुर से लाठी तक सिर्फ धड़ लड़ा था।जिसने ने मुगल बादशाह को जेतपुर से लाठी तक भगाया था। आपने ये शूरवीर नहीं दिखाई दी।और गांव के छोटे छोटे घरों का शूटिंग करके दुनिया के सामने काठी राजपूतों की ये छबि खड़ी करना चाहते हो तो ये आपकी बड़ी भूल है ।आपको दिखाना था तो जसदन नामदार स्टेट आला खाचर का दरबारगढ़ दिखाते।या धांधलपुर_सुदामडा स्टेट गोदड खवड का राज महल दिखाते या चोटिला दरबार श्री जिसने अपने चोटिला स्टेट की अठारह सो विधा जमीन सूरज देवल मंदिर को अर्पण करदी थी। इसकी जगह आपने गांव के कोई गरीब घर के दरबार को बुलाकर अपने सत्ता चली जाने के बाद आप को क्या लगता है जैसी मजाक बनाने की कोशिश की है।अगर आपको अपने राज्य चले जाने के बारे में पूछना था तो कोई जसदन स्टेट नेक नामदार साहेब को पूछते जो अभी भी स्टेट ही ही और अपने ठाठ से रहते है इसकी जगह टूटे फूटे घर को दिखाया और कोई गरीब मजदूर जैसी फालतू बाते करवा के आप काठी क्षत्रियो को मजदूर साबित करने आए हो। जिसने अपने बाहुबल पर भगवान सूर्यदेव की सहायता से सौराष्ट्र से काठियावाड़ बनाया इस राजपूतों को आप काठी क्षत्रिय राजपूतों को अपनी हीन भावना से हंसी उड़ाने पर तुले हो। काठी दरबारो का बच्चा जब बाजार में निकलता है तब किसीको कहेने की जरूरत नही पड़ती उसका रुआब। उसकी मर्यादा सभर बोली और हाल चाल ही उसके राजपूत का प्रमाण दे देते है।इसकी जगह आपने गांव के किसी गरीब को सामने बिठाकर काठी राजपूतों की हिस्ट्री बना डाली। काठियावाड़ कि काठी राजपूतानीया अभी भी ओजल प्रथा में मानती है जिसकी जगह आपने माथे पट थोड़े जंगल की लकड़ियां माथे पे रखके टूटे फूटे गांव की बाजारे दिखाई। अरे काठी दरबारो की औरते खेत काम नहीं करती। वो अपनी पुरी मान मर्यादा में रहकर घर का काम काज संभालती है। आपने अपने पूरे शूटिंग के दरम्यान एक भी जगह काठी राजपूतों को मान से नहीं बुलाया और में राजकोट दूरदर्शन की टीम को ये कहना चाहता हु की राजकोट तो काठियावाड़ का हृदय है और आप सब काठी दरबारों के रीत रिवाजों से परिचित हों फिर भी काठी क्षत्रिय सभ्यता को आपने काठी राजपूतो की मर्यादा को साइट आउट करके अपने तरीके से बताया वो जरा भी योग्य नहीं है। काठी राजपूत तो सिर्फ़ आखें फिर ने पर भी किसका मन परख लेता है।तो आपने तो सारे समाज की गरिमा को ठेस पहुंचाई है वो जरा भी योग्य नहीं है। काठी क्षत्रिय समाज का बच्चा जुले में जुलता है तब से उसको अपनी मान मर्यादा का भान हो जाता है। आपकी ये डोक्यूमेंट्री ने काठी क्षत्रिय सभ्यता को पूरी तरह से आप की जो नीचा दिखाने की सोच का प्रदर्शन किया है।।अगर आपको पूरी हिस्ट्री मालूम न हो तो समाज के बड़े बुजुर्ग को पूछ के बनाए ऐसे अपनी राजपुताई को ठेस पहुंचाने का प्रयास न करे तो ही अच्छा है।।। जय सूर्यदेव 🙏
@humanoid256 ай бұрын
भाई गुजरात में रबारी क्षत्रिय भी रहते हैं 👍
@chotadon9674 ай бұрын
@@humanoid25 E Bhai..... rabari koi varn ma na aave..... Gujarat ma khali rajput(garasiya/Kathi) j Kshatriya ma aave.....hve democracy ma Kshatriya badhane thavu chhe...jyare time hato tyare vagda ma bhagi gya....
@humanoid254 ай бұрын
@@chotadon967 Bhai Hindi me likho kya likha hai, Rabari Kom kshatriya Kom hai Rabariyo ne bahut yudh lade hai, pehle history check kro Gujarat, Rajasthan ki👍🚩⚔️🐪
@chotadon9674 ай бұрын
@@humanoid25 it's not that hard to understand Gujarati....I live in Gujarat....don't tell me to who is Kshatriya and who is not...!!!we call them as 'VAHWAYA' they don't own any state....or even land before independence....gay bhens charat hai wo....I don't have any beef with them..but it's true...all rabari are...OBC and some are ST...taking part to save someones life don't make you Kshatriya....!!! kitne raja the rabari me wo batao....Kisi ek aadmi ko Diye hua inam se vo jagirdar jarur banta hai .. pr uski Puri community ny...my neighbor is rabari and his surname is 'HUN'...mostly all rabari are 'hun' come from Afghanistan and stared satteling in Gujarat Rajputana Sindh after Muslim invasion....MERI history thik hi hai.....tum check karo.....mere friend bhi rabari hai....they call me BAPU with respect....I don't call them as BAPU but they DO!!! they r काटीया jati....don't come under 4 Varna...
@humanoid254 ай бұрын
@@chotadon967 Agar hum char Varna me nahi aate to fir konse Varna me aate hai ❓
@user-fx3hj2vl5u4 ай бұрын
"નરા તરા એક તાસીર "
@kiranbhaidhadhal2616 Жыл бұрын
રંગ છે કાઠીયાવાડ
@SumitSingh-vy8fm9 ай бұрын
काठी राजपूत होते है की नही
@VEER_BHOGYA_VASUNDHARA8 ай бұрын
Ha
@gamarasatabhai20508 ай бұрын
હિન્દુ હે
@bavkubhaikhachar94417 ай бұрын
Rajasthan s Rajput said about us.... काठी_दरबार #क्षत्रिय #काठियावाड़ काठी क्षत्रीय : हिन्दुस्थान के पश्विम प्रदेश का गुजरात का प्रदेश "काठियावाड" (सौराष्ट्र) नाम से प्रसिद्ध है ये नाम काठी क्षत्रीयो के नाम से पडा। 1) सिंकदर को माराः काठी क्षत्रीय कइ सदि पूर्व पंजाब के गुरुदासपुर के पास सांगला और मुलस्थान(मुलतान हाल पाकिस्तान) के शासक थे। राजा पोरस और काठीओ के बीच कई युद्ध हुए थे जिसमे काठी अजेय रहे। इ.स. पूर्व ३२६ मे ग्रीस से विशाल सैन्य के साथ सिंकदर विश्ववीजय की कामना लेकर हिंदकुश की पहाडीया पार कर महायुध्ध की तैयारी मे खडा था। पोरस ने सिंकदर को हराया और सिंकदर ने संधि की वो दुसरे प्रदेशो पर आक्रमण कर सके, इसलीये उसके बाद उसने सिंधु नदि के किनारे सांगला मे काठी क्षत्रीयो पर आक्रमण किया लेकीन यहा पर भी सिंकदर की हार ही मिली, मोकाजी बसीया और लुणवीर(लुणा)बसीया दो काठी भाइओ ने सिंकदर को भाले के प्रहार से घायल कर दिया। इस से युनानी सेना बोखला गयी और प्रंचड आक्रमण कीया, जीस मे पोरस की सेना ने भी सहयोग दिया, किंतु चाणक्य ने पोरस को आदेश दिया की सिंकदर से संधी तोडे और भारत छोड दे, लेकीन काठीओ की काफि क्षती पहोची सांगळा नगर ध्वंस हो चुका था। और सिंकदर की ग्रीस पहोचने से पह्ले हि रास्ते मृत्यु हो गइ इसके बाद काठीओने पंजाब छोडा और राजस्थान, सिंध और बिकानेर, अरवल्ली क्षेत्र के इलाको मे बस गये लेकीन कुछ समय बाद वे और दक्षीण मे आये कच्छ मे. जहा उन्होने अंजार, बन्नी, कंथकोट को जीता और पावरगढ को राजधानी घोषीत कीया। और एक भव्य सुर्यमंदिर का निर्माण कराया। 2) काठीयावाड की स्थापनाः कच्छ के राजा जाम अबडाजी की विशाल सेना का सामना काठीओ ने सौराष्ट्र मे जाला, परमार, वाघेला, जेठवा, वाळा राजपुतो का समुह बनाकर किया, राजस्थान के पाबुजी राठोड के वंशज द्वारीका की यात्रा पर आये थे और उन्होने काठीओ की युद्ध मे सहायता कि और आखिर में काठीओ-राजपुतो की राजपूतो के सामने ही जीत हुइ। मुलतान(मुलस्थान) के नाम से थानगढ प्रदेश की स्थापना की। 3) वीर चांपराज वाळा(जेतपुर के कुंवर) ने सन १२९२ मे अपना मस्तक भगावान शीव को चढाकर मोहम्मद तुगलक की सेना को जेतपुर से लाठी (100 +किलोमीटर) दुर तक खदेड कर भगाया था। 4) औरंगजेब के सुबेदार सुजातखान को थानगढ के सूर्य देवळ मंदिर को तोडने को आया था काठी क्षत्रीयो ने सुर्यमंदिर की रक्षा हेतु भयंकर युध्ध कीया और मुगलो की हुकुमत नही बनने दि। 5) गोदडजी खवड ने सन १९५६ मे धाधलपुर परगणा मे आक्रमण करने वाले जुनागढ ने नवाब हामिद खान बाबी को हराया. " Read In Comments " rajputs_memes6) भारत के कुल 562 देसी रजवाड़े में से काठी राजपूतो के पास करीबन 66 थे 7) काठी क्षत्रिय व्यूह रचना में माहिर थे, इसी रणनिति से उन्होंने सिकंदर के दांत खट्टे किये थे। 8) काठी दरबारों ने युद्ध के लिए अश्व की एक ब्रीड तैयार की थी जिसका नाम काठी है। ये अश्व काफी मामलो में बाकी ब्रीड से आगे है।। महाराणा प्रताप का अश्व चेतक भी एक काठी घोडा था। 9) काठी जिनका प्राचीन नाम "कठ" था जो सांगल में बसे थे, ये युद्धकला के लिए काफी प्रसिद्ध थे, माना जाता है की इनके यहाँ पैदा हुए बच्चे का 1 महीने में नरीक्षण किया जाता था, अगर वह कुशल योद्धा बन्ने लायक नहीं होता था तो उसे मार दिया जाता था। 10) सिकदर के साथ हुई लड़ाई के बाद कुछ राजस्थान बसे और कुछ उत्तराखंड के "फालदाकोट" में बसे। इसके बाद कच्छ और फिर आखिर में काठियावाड में। काठी सैन्य संख्या मे कम होकर भी दुश्मन के राजाओ को मारने मे सफल रहे थे क्योंकी काठी क्षत्रीय गोरिल्ला युद्ध रणनीती बनाने मे सबसे प्रख्यात हे। वही कठियावाडी घोड़े भी काफी मशहूर है काठियावाड़ और सौराष्ट्र के राजपूत व काठी दोनों को घोड़े पालने का काफी शौक़ रहा है जब हम सिंहासन पर बैठते हैं तो,राजा कहलाते है ,जब हम घोङे पर सवार होते तो,योद्धा कहलाते है,जब हम किसी की जान बचाते है तो,क्षत्रिय कहलाते है,जब हम किसी को वचन देते है तो “राजपुत” कहलाते है !! जय काठीयावाड जय राजपुताना🙏 Jay surajdada
@kkmend5 ай бұрын
@@bavkubhaikhachar9441kya chutiyapa he lodi luna dasiya jatt tha 😂